World oral health day 2025 : ओरल हेल्थ यानी मुंह के स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से हर साल 20 मार्च को वर्ल्ड ओरल हेल्ड डे मनाया जाता है. मजबूत दांत व स्वस्थ मसूड़े किसी व्यक्ति की अच्छी सेहत को दर्शाते हैं, लेकिन इनका ख्याल रखने में अक्सर लोग लापरवाही कर बैठते हैं. ओरल हाइजीन पर ध्यान न देने में बच्चे सबसे आगे हैं, लेकिन बड़े भी अक्सर दांतों व मसूड़ों की समस्याओं को नजरअंदाज कर देते हैं. कोलगेट-पामोलिव (इंडिया) लिमिटेड के लिए केंटार आईएमआरबी द्वारा किये गये एक राष्ट्रीय अध्ययन से पता चला है कि भारत में हर 10 में से 8 बच्चे ओरल हेल्थ, यानी मुख संबंधी समस्याओं से पीड़ित हैं. इस सर्वेक्षण में सामने आया कि –
- पूर्वी भारत में 89%, पश्चिम भारत में 88%, उत्तर भारत में 85% और दक्षिण भारत 64% बच्चे मुंह से संबंधित समस्याओं से पीड़ित पाये गये.
- रोजाना मीठे उत्पादों का सेवन करनेवाले 10 में से 8 बच्चे ओरल हेल्थ संबंधी समस्याओं से पीड़ित.
- हर 3 में से 2 बच्चों के दातों में कैविटीज हैं या फिर उनमें कैविटीज होने का खतरा है.
- 44% बच्चों को दातों में सुधार, रूट कैनाल, दांत निकलवाने जैसे प्रमुख दंत उपचार की आवश्यकता है.
- सर्वेक्षण में शामिल बच्चों में ओरल हेल्थ से जुड़ी समस्याएं जैसे- दांतों पर प्लांक जमना, दांतों पर सफेद धब्बे, मसूड़े की सूजन, क्षरण, सांसों की बदबू और मसूड़ों से खून आना आदि अधिक देखी गयीं.
दांतों की सफाई से जुड़े नियमों का पालन नहीं करते बच्चे
सर्वेक्षण में यह भी पाया गया है कि भारत में ज्यादातर बच्चे मुख संबंधी सेहत के लिए अपनाये जाने वाले नियमों जैसे रोज ब्रश करना और समय-समय पर दातों की जांच करवाना आदि का पालन नहीं करते.
- 70% से अधिक बच्चे दिन में दो बार अपने दातों पर ब्रश नहीं करते.
- 60% से अधिक बच्चे पिछले एक साल में किसी डेंटिस्ट के पास नहीं जाते.
केंटार आईएमआरबी ने भारत के 12 शहरों में 2030 वयस्कों और 1080 बच्चों के बीच यह सर्वेक्षण किया. इन शहरों में पटना, भुवनेश्वर, कोलकाता, दिल्ली, चंडीगढ़, लखनऊ, मुंबई, अहमदाबाद, पुणे, हैदराबाद, चेन्नई और बेंगलुरु शामिल हैं. प्रत्येक शहर में दांत के दो डॉक्टरों और केंटार आइएमआरबी के प्रतिनिधियों के साथ आयोजित कोलगेट डेंटल कैम्प में यह स्टडी की गयी.
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ओरल हेल्थ को लेकर अभिभावकों की जागरूकता में कमी
सर्वेक्षण में शामिल 10 में से 8 माता-पिता ने माना कि उनके बच्चों के दांत स्वस्थ हैं, जबकि दातों की जांच करने पर पाया गया कि उनमें से 80% बच्चे कम से कम एक ओरल हेल्थ समस्या से पीड़ित हैं. बच्चों के मौजूदा ओरल हेल्थ की वास्तविकता और अभिभावकों की धारणा में अंतर कोलकाता में 92%, मुंबई में 88% और हैदराबाद 80% देखा गया.
वयस्क भी कम लापरवाह नहीं
सर्वेक्षण में शामिल 10 में से 9 वयस्कों में कम से कम एक ओरल हेल्थ संबंधी समस्या पायी गयी.
- 76% से अधिक वयस्कों के दांतों में कैविटी देखी गयी या उनमें जल्द ही कैविटी होने का खतरा देखा गया.
- रोजाना दिन में एक बार ब्रश करनेवाले 95% वयस्कों में ओरल हेल्थ समस्या पायी गयी, वहीं 83 वयस्कों में कैविटी होने का खतरा नजर आया.
- ओरल हेल्थ से जुड़ी समस्या होने के बावजूद 10 में से 7 वयस्कों ने किसी डेटिस्ट से संपर्क न करने की बात स्वीकारी.
अपनाएं ओरल हेल्थ से जुड़ीं ये आदतें
- दांतों को हर दिन कम से कम दो बार, दो मिनट तक ब्रश करें.
- मुलायम ब्रिसल वाले टूथब्रश और फ्लोराइड टूथपेस्ट का इस्तेमाल करें.
- दांतों की सभी सतहों को ब्रश करें, जिसमें पीछे और किनारे भी शामिल हैं.
- बैक्टीरिया को हटाने और सांसों को ताजा करने के लिए अपनी जीभ को साफ करें.
- मसूड़ों पर विशेष ध्यान देते हुए गोलाकार गति में ब्रश करें.
- यदि मुमकिन हो तो ब्रश करने के बाद माउथवॉश कर उपयोग करें.