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ST-SC Act पर न्‍यायालय के फैसले को निष्‍प्रभावी बनाने के लिए मोदी सरकार लायेगी अध्‍यादेश…!

नयी दिल्ली : सरकार अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत स्वत: गिरफ्तारी पर रोक लगाने वाले उच्चतम न्यायालय के निर्णय को निष्प्रभावी करने के लिए एक अध्यादेश लाने की योजना बना रही है और बाद में इसे न्यायिक समीक्षा से बचाने के लिए एक विधेयक लायेगी. संविधान की नौवीं अनुसूची में […]

नयी दिल्ली : सरकार अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत स्वत: गिरफ्तारी पर रोक लगाने वाले उच्चतम न्यायालय के निर्णय को निष्प्रभावी करने के लिए एक अध्यादेश लाने की योजना बना रही है और बाद में इसे न्यायिक समीक्षा से बचाने के लिए एक विधेयक लायेगी. संविधान की नौवीं अनुसूची में कानून को शामिल करने के लिए सरकार की ओर से संसद के मानसून सत्र में एक विधेयक लाये जाने की संभावना है.

नौवीं अनुसूची में शामिल कानूनों को अदालत में चुनौती नहीं दी जा सकती है. विभिन्न दलित संगठनों का कहना है कि गत मार्च में उच्चतम न्यायालय के निर्णय से एससी/एसटी अधिनियम कमजोर हुआ है और इसके खिलाफ दलित संगठनों और राजनीतिक संगठनों ने व्यापक विरोध प्रदर्शन किया था, जिसमें लगभग 12 लोगों की मौत हो गयी थी.

एक वरिष्ठ सरकारी पदाधिकारी ने कहा, ‘यह विधेयक इस बात को सुनिश्चित करने के लिए एक स्थायी व्यवस्था है कि अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति अधिनियम के प्रावधानों को फिर से कमजोर नहीं किया जाए, वहीं न्यायालय के निर्णय को निष्प्रभावी करने के लिए अध्यादेश एक अंतरिम व्यवस्था है.’ विधि मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, ‘अध्यादेश लागू होने का मतलब यह होगा कि अध्यादेश उच्चतम न्यायालय के निर्णय को निष्प्रभावी कर देगा.’

सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘अगली सुनवाई 16 मई को है और बहुत कुछ उस पर निर्भर है.’ दलित संगठनों ने अधिनियम को कथित रूप से कमजोर किये जाने के खिलाफ दो अप्रैल को देशभर में विरोध प्रदर्शन किया था. कई स्थानों पर विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया था जिसमें लगभग 12 लोगों की मौत हो गयी थी.

विपक्षी दलों ने आरोप लगाया था कि सरकार दलित संगठनों की रक्षा करने में विफल रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले महीने कहा था कि उनकी सरकार अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के खिलाफ अत्याचारों को रोकने वाले कानून को कमजोर नहीं होने देगी.

Prabhat Khabar Digital Desk
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