25.7 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

पाक के पीएम ने अटलजी से कहा था : आप तो पाकिस्तान में भी चुनाव जीत सकते हैं

नयी दिल्ली: अटल बिहारी वाजपेयी की लोकप्रियता ने उन्हें भारत में 12 बार संसदीय चुनाव जीतने में मदद की, जबकि उनकी वाकपटुता, शब्दों में जुनून और संदेश देने में निष्ठा ने उन्हें पाकिस्तान के लोगों के दिलों में भी बसा दिया.वर्ष 1999 में वाजपेयी ने अपनी लाहौर यात्रा के दौरान एक भाषण में शांति की […]

नयी दिल्ली: अटल बिहारी वाजपेयी की लोकप्रियता ने उन्हें भारत में 12 बार संसदीय चुनाव जीतने में मदद की, जबकि उनकी वाकपटुता, शब्दों में जुनून और संदेश देने में निष्ठा ने उन्हें पाकिस्तान के लोगों के दिलों में भी बसा दिया.वर्ष 1999 में वाजपेयी ने अपनी लाहौर यात्रा के दौरान एक भाषण में शांति की जोरदार अपील की थी, जिसके बाद पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री ने टिप्पणी की थी, ‘वाजपेयी जी, अब तो आप पाकिस्तान में भी चुनाव जीत सकते हैं.’

ऐसा था वाजपेयी जी का करिश्मा. अमृतसर से लाहौर तक की ऐतिहासिक और भारतएवं पाकिस्तान के बीच पहली सीधी बस सेवा थी. पाकिस्तान के साथ शांति कायम करने के प्रयास के तहत यह यात्रा हो रही थी. पाकिस्तान के साथ शांति का लक्ष्यअटलजीके दिल के बेहद करीब था. सभी जानते हैंकि उन्होंने नवाज शरीफ के साथ लाहौर घोषणा-पत्र पर दस्तखत किये थे.

इसे भी पढ़ें

‘आम राय’ बनाने के लिए मशहूर वाजपेयी के कार्यकाल में बगैर परेशानी के बने थे तीन नये राज्य

वाजपेयी नहीं होते, तो झारखंड राज्य भी नहीं बनता

रांची : दुमका में झंडोत्तोलन के बाद बोलीं राज्यपाल, सबको साथ लेकर आगे बढ़ने का प्रयास कर रही है सरकार

केरल में नहीं होगी रेलवे भर्ती बोर्ड की परीक्षा

लाहौर के गवर्नर हाउस के लॉन से दिया गया अटलजी का भाषण ऐतिहासिक था. भाषण में एक संवाद की तरह वह पाकिस्तान के लोगों से मुखातिब हुए थे. उन्होंने इस भाषण में शांति की काफी जुनूनी अपील की थी. पाकिस्तान टेलीविजन ने इस भाषण का सीधा प्रसारण किया था. पाकिस्तान के साथ शांति हासिल करने के अलावा अटलजी की सबसे बड़ी इच्छा थी कि जम्मू-कश्मीर में सामान्य स्थिति बहाल हो.

वर्ष 1998 में सरकार बनने के कुछ ही दिनों बाद वह छुट्टियां मनाने मनाली गये थे. एक विचार मंथन सत्र में अटलजी ने अपनी प्राथमिकताओं के बारे में संकेत दिये और कहा कि उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता द्विपक्षीय वार्ता के जरिये शांतिपूर्ण तरीके से पाकिस्तान सहित सभी पड़ोसी देशों से संबंध सुधारना है. अन्य प्राथमिकताओं में जम्मू-कश्मीर का मुद्दा सुलझाना शामिल है. उन्होंने कहा कि दोनों मुद्दे एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं.

इसे भी पढ़ें


वाजपेयी ने अलग झारखंड राज्य का सपना किया साकार, छोटे राज्यों के थे पक्षधर

अटलजी की खराब सेहत से विचलित झारखंड के सीएम रघुवर दास जा रहे हैं दिल्ली

…तो इस राजकुमारी के लिए अविवाहित रह गये अटल बिहारी वाजपेयी

कोलंबो में दक्षेस के शिखर सम्मेलन के इतर जब उन्होंने नवाज शरीफ से आमने-सामने की मुलाकात की, इसके बाद उन्होंने उस दिशा में काम करना शुरू कर दिया. अटलजी ने रिश्तों पर जमी बर्फ तोड़ी और वार्ता की शुरुआत की. इसकेबाद लाहौर बस शांति मिशन पर गये और फिर लाहौर घोषणा-पत्र पर दस्तखत हुए.

अटलजी की लोकप्रियता पर नवाज शरीफ की टिप्पणी न सिर्फ दिलचस्प थी, बल्कि यह उनके करिश्माई अंदाज के बारे में काफी कुछ कह रही थी. लाहौर बस सेवा की पहल नाकाम होगयी और भारत को कारगिलयुद्ध का सामना करना पड़ा. एक बार फिर वहां भी उन्होंने अपना नेतृत्व प्रदर्शित किया और सशस्त्र बलों को प्रोत्साहित किया. भारत कारगिल के युद्ध में विजयी होकर उभरा और उनकी पार्टी ने जोरदार वापसी की और एनडीए को बहुमत प्राप्त हुआ.

Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel