26.7 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

रिजर्व बैंक के डायरेक्टर्स की बैठक शुरू, मिल सकता है सरकार के साथ विवाद का समाधान

नयी दिल्ली : रिजर्व बैंक और सरकार के बीच जारी खींचतान के बीच आज रिजर्व बैंक के निदेशक मंडल की बैठकशुरू हो गई है, उम्मीद जतायी जा रही है कि सरकार और बैंक के बीच विवाद खत्म हो सकता है. बैठक में वित्त मंत्रालय के नामित निदेशक और कुछ स्वतंत्र निदेशक गवर्नर उर्जित पटेल और […]

नयी दिल्ली : रिजर्व बैंक और सरकार के बीच जारी खींचतान के बीच आज रिजर्व बैंक के निदेशक मंडल की बैठकशुरू हो गई है, उम्मीद जतायी जा रही है कि सरकार और बैंक के बीच विवाद खत्म हो सकता है. बैठक में वित्त मंत्रालय के नामित निदेशक और कुछ स्वतंत्र निदेशक गवर्नर उर्जित पटेल और उनकी टीम पर एमएसएमई को कर्ज से लेकर केन्द्रीय बैंक के पास उपलब्ध कोष को लेकर अपनी बात रख सकते हैं.

रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल भी इस्तीफे का कुछ वर्गों का दबाव होने बावजूद इस्तीफा देने के बजाय बैठक में केंद्रीय बैंक की नीतियों का मजबूती से पक्ष रख सकते हैं. बैठक में वह एनपीए को लेकर केंद्रीय बैंक की कड़ी नीतियों का बचाव कर सकते हैं. सूत्रों ने कहा कि गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) के प्रावधानों को लेकर गवर्नर पटेल के साथ में चार डिप्टी गवर्नर संयुक्त पक्ष रखेंगे और इन्हें कुछ स्वतंत्र निदेशकों का समर्थन मिलने का भी अनुमान है. वित्त मंत्रालय द्वारा नामित सदस्यों समेत कुछ स्वतंत्र निदेशक पटेल पर निशाना साध सकते हैं.

सूत्रों के अनुसार, निदेशक मंडल की बैठक पूर्व निर्धारित होती है तथा बैठक का एजेंडा भी काफी पहले तय कर लिया जाता है. हालांकि, अध्यक्ष की अनुमति से निदेशक मंडल के सदस्य तय एजेंडे से इतर अन्य मुद्दे भी उठा सकते हैं. रिजर्व बैंक के निदेशक मंडल में 18 सदस्य हैं. हालांकि, इसमें सदस्यों की संख्या 21 तक रखने का प्रावधान है. सदस्यों में रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल और चार अन्य डिप्टी गवर्नर पूर्णकालिक आधिकारिक निदेशक हैं. इनके अलावा अन्य शेष 13 सदस्य सरकार द्वारा नामित हैं.

सरकार द्वारा नामित सदस्यों में वित्त मंत्रालय के दो अधिकारी आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग और वित्तीय सेवाओं के सचिव राजीव कुमार शामिल हैं. सूत्रों ने कहा कि सरकार और रिजर्व बैंक बैंकों में त्वरित सुधारात्मक उपायों (पीसीए) की रूपरेखा तथा एमएसएमई क्षेत्र को ऋण देने के प्रावधानों में ढील को लेकर आपसी सहमति से किसी समाधान पर पहुंचने के पक्ष में हैं. सूत्रों के अनुसार, यदि इस बैठक में सहमति नहीं भी बन पायी तो अगले कुछ सप्ताह में त्वरित सुधारात्मक कदम पर सहमति बन जाएगी. इसके तहत कुछ बैंक चालू वित्त वर्ष के अंत तक इस रूपरेखा ढांचे के दायरे से बाहर आ सकते हैं. फिलहाल 21 सार्वजनिक बैंकों में से 11 बैंक पीसीए के दायरे में हैं. जिससे उन पर नये कर्ज देने को लेकर कड़ी शर्तें लागू हैं. इन बैंकों में इलाहाबाद बैंक, यूनाइटेड बैंक आफ इंडिया, कारपोरेशन बैंक, आईडीबीआई बैंक, यूको बैंक, बैंक आफ इंडिया, सैंट्रल बैंक आफ इंडिया, इंडियन ओवरसीज बैंक, आरिएंटल बैंक आफ कामर्स, देना बैंक और बैंक आफ महाराष्ट्र शामिल हैं.

Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel