23.6 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

AAP के छह साल : बिछड़े कई साथी, कैसे मजबूत होंगे “आप ” के हाथ ?

नयी दिल्ली : " अन्ना नहीं आंधी हैं देश के दूसरे गांधी हैं ’’. याद कीजिए अगस्त क्रांति का वह दौर जब पूरे देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ नारे लगने लगे थे. गांवों में तिरंगे के साथ लोगों का हुजूम अन्ना के समर्थन में नारा लगा रहा था. सदन में इस आंदोलन की चर्चा थी. […]


नयी दिल्ली :
" अन्ना नहीं आंधी हैं देश के दूसरे गांधी हैं ’’. याद कीजिए अगस्त क्रांति का वह दौर जब पूरे देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ नारे लगने लगे थे. गांवों में तिरंगे के साथ लोगों का हुजूम अन्ना के समर्थन में नारा लगा रहा था. सदन में इस आंदोलन की चर्चा थी. रामलीला मैदान खचाखच भरा था. इसी वक्त एक नेता के राजनीति में आकर फैसला लेने के बयान पर अन्ना आंदोलन का एक धड़ा राजनीतिक दंगल को तैयार था. जी हां, हम बात कर रहे हैं अन्ना आंदोलन से पैदा हुई पार्टी, आम आदमी पार्टी की, जिसने आज अपनी स्थापना के छह वर्ष पूरे कर लिये.

आम आदमी पार्टी कई वादों और इरादों के साथ राजनीति में आयी थी. आज बिल्कुल सही वक्त है, जब इन वादों का हिसाब किया जा सकता है. कम वक्त में पार्टी विवादों में रही, इसके मुखिया पर सबसे ज्यादा हमले हुए, कई बड़े साथी साथ छोड़कर चले गये, कई आरोप लगे. लेकिन इन छह सालों में पार्टी ने कितना काम किया? राजनीति की तरफ चलने से पहले जो वादे किये गये थे वह पूरे हुए? या नहीं, यह सवाल बड़ा है…

बोले केजरीवाल , राजनीतिक क्रांति आगे बढ़ रही हैपार्टी के मुखिया और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया, छह साल पहले आज ही के दिन आम आदमी पार्टी की राजनीतिक यात्रा शुरू हुई. नि:स्वार्थ भाव से काम करने वाले लाखों कार्यकर्ताओं और शुभचिंतकों के दम पर तमाम बाधाओं के बावजूद भारत को भ्रष्टाचार, सांप्रदायिकता और जातिवाद के जहर से मुक्त कराने की दिशा में यह राजनीतिक क्रांति आगे बढ़ रही है.

एक दूसरे ट्वीट में उन्होंने लिखा ,’आम आदमी पार्टी के जन्म दिवस के अवसर पर गर्व से कहो कि हम आपिए हैं. “आप” में होना आपको लगातार देश के प्रति आपकी ज़िम्मेदारी का एहसास दिलाता है. यदि आप “आप” में हैं, तो इसका मतलब आपने अपना जीवन देश की सेवा में समर्पित कर दिया.पहली बार कांग्रेस के साथ, दूसरी बार में रचा इतिहाससाल 2013 दिसंबर के महीने में पार्टी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव लड़ा. आम आदमी पार्टी को चुनाव चिह्न मिला झाड़ू.

28 सीटों पर जीत हासिल की और कांग्रेस के समर्थन से दिल्ली में सरकार बना ली. ठीक 49 दिनों के बाद विधानसभा सदन में जन लोकपाल विधेयक पर समर्थन न मिल पाने के कारण त्यागपत्र दे दिया. फरवरी 2015 में दिल्ली में दोबारा चुनाव हुआ इस बार पार्टी को 70 में से 67 सीटें मिली और जीत कर इतिहास रच दिया.पार्टी पर किसका अधिकार ?अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी में सिर्फ अरविंद का हिस्सा नहीं बल्कि उन सभी कार्यकर्ताओं का हिस्सा है, जिन्होंने इस पार्टी को बनाने में. इसके संविधान को बनाने और पूरी संरचना में मदद किया गया. इस पार्टी के निर्माण के वक्त कई लोग एक साथ आये.

कई नौकरशाह, वकील, समाजिक कार्यकर्ता, पत्रकार, व्यापारी सहित कई क्षेत्रों के लोग.पहली राष्ट्रीय कार्यकारिणी में 23 लोग थे जिनमें अरविंद केजरीवाल, योगेंद्र यादव, अजीत झा, प्रशांत भूषण, शांति भूषण, किरण बेदी, संतोष हेगड़े, मनीष सिसोदिया, गोपाल राय, संजय सिंह, कुमार विश्वास, नवीन जय हिंद, दिनेश वाघेला, क्रिस्टीना सैमी, आनंद कुमार, इलियास आज़मी, शाजिया इल्मी, योगेश दहिया, एमबीएन पन्निकर, अशोक अग्रवाल, मयंक गांधी, राकेश सिन्हा जैसे लोग शामिल किए गए थे. हालांकि अब पुराने लोगों में से मुश्किल से पांच लोग ही पार्टी में बाकी हैं. आप अंदाजा लगा सकते हैं की इन छह सालों में पार्टी को कई लोग छोड़ गये तो कुछ को बाहर कर दिया गया. कुमार विश्वास सरीखे कई नेता दूसरी पार्टी के नेताओं के साथ मंच साझा करते हैं.

छह सालों में 30 से ज्यादा अहम लोगों ने छोड़ा साथइन 6 सालों में 30 से ज्यादा लोगों ने खुद को अलग कर लिया. इसमें आशुतोष और आशीष खेतान का नाम भी शामिल हो गया. अगर आप गौर करेंगे तो पायेंगे कि साथ छोड़कर जाने वालों में पूर्व कानून मंत्री शांति भूषण, बेंगलुरु से चुनाव लड़नेवाले बिजनसमैन और एयर डेक्कन के संस्थापक कैप्टन गोपीनाथ, सामाजिक कार्यकर्ता अंजलि दमनिया, जेएनयू के प्रोफेसर रहे आंनद कुमार, शाजिया इल्मी, मयंक गांधी, पार्टी की फाउंडर रही मधु भादूरी, पार्टी के पहले कार्यकाल में विधानसभा अध्यक्ष रहे एमएस धीर, सामाजिक कार्यकर्ता और विज्ञान के क्षेत्र से जुड़े एसपी उदयकुमार सहित कई नाम शामिल हैं.

भविष्य क्या हैपार्टी ने अगर अंदर से उठ रही आवाज को सुनना शुरू नहीं किया तो पार्टी सूत्रों की मानें कई लोग नाराज हैं. कुमार विश्वास, देवेंद्र सहरावत, डॉ. राजमोहन गांधी, सुखपाल खैरा, धर्मवीर गांधी, मीरा सान्याल, गुल पनाग जैसे कई लोग है जो अपनी बात रखते हैं और इस बात से नाराज है कि उनके विचारों पर पार्टी कोई ध्यान नहीं दे रही. सूत्रों की मानें तो केजरीवाल कुछ खास लोगों के करीब आ गये हैं और बाकि लोगो की बात नहीं सुनते. पार्टी मध्यप्रदेश , राजस्थान समेत कई विधानसभा चुनावों पर अपनी नजर रख रही है और खुद को मजबूत करने में लगी है.

दावे क्या हैंआम आदमी पार्टी ने दिल्ली में स्वास्थ, शिक्षा और रोजगार में अच्छा काम किया है. यह दावा मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल करते रहे हैं. उनका कहना है कांग्रेस और भाजपा की सरकार के मुकाबले पिछले 3 साल में सबसे अधिक कार्य किया. किराड़ी विधानसभा क्षेत्र में विकास कार्य का शुभारंभ करते हुए केजरीवाल ने दावा किया कि विधानसभा क्षेत्र में 500 सड़कें बनाई जा रही है. शीला सरकार ने पूरी दिल्ली में इतनी सड़क नहीं बनाई. 450 किमी सीवर, 10 मोहल्ला क्लीनिक, सीसीटीवी कैमरे लगाने, गेट लगाने व 200 स्कूलों में कमरे बनाने का काम किया जाएगा. ऐसा पहली बार हो रहा है.

Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel