23.6 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

उपहार कांड में दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा, सुशील अंसल ने पासपोर्ट को लेकर सरकार को किया गुमराह

नयी दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि वर्ष 1997 के उपहार सिनेमा अग्निकांड के दोषी रीयल एस्टेट कारोबारी सुशील अंसल ने पासपोर्ट के लिए भारत सरकार को गुमराह किया. अदालत ने कहा कि 2013 में तत्काल योजना के तहत पासपोर्ट के लिए आवेदन के समय अंसल ने अपनी दोषसिद्धि के संबंध में हलफनामे […]

नयी दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि वर्ष 1997 के उपहार सिनेमा अग्निकांड के दोषी रीयल एस्टेट कारोबारी सुशील अंसल ने पासपोर्ट के लिए भारत सरकार को गुमराह किया. अदालत ने कहा कि 2013 में तत्काल योजना के तहत पासपोर्ट के लिए आवेदन के समय अंसल ने अपनी दोषसिद्धि के संबंध में हलफनामे में गलत जानकारी दी. अदालत ने कहा कि इस संबंध में उचित कार्यवाही की जरूरत होगी.

इसे भी पढ़ें : उपहार सिनेमा कांड में गोपाल अंसल को एक साल की सजा

न्यायमूर्ति नाजमी वजीरी ने 17 दिसंबर को पुलिस अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश देते हुए ये टिप्पणियां कीं. अंसल द्वारा उपहार कांड में अपनी दोषसिद्धि का तथ्य छिपाये जाने के बावजूद इन अधिकारियों ने 2013 में उसके पक्ष में सत्यापन रिपोर्ट दी थी. पुलिस की सत्यापन रिपोर्ट के आधार पर ही उन्हें पासपोर्ट जारी हुआ था. अदालत ने कहा कि जब नया आवेदन किया जाता है, तो आवेदन में सारी आवश्यक जानकारी उपलब्ध करानी होगी.

अदालत ने विदेश मंत्रालय से कहा है कि वह इस मामले में गौर करे और चार सप्ताह के भीतर सीलबंद लिफाफे में अपनी रिपोर्ट पेश करे. अदालत ने यह निर्देश देते हुए अंसल की तरफ से दी गयी इस दलील को भी खारिज कर दिया कि जब कोई नागरिक तत्काल योजना के तहत यात्रा दस्तावेज के लिए आवेदन करता है, तो उससे मांगी गयी जानकारी देने के लिए पासपोर्ट कानून के तहत उसे मजबूर नहीं किया जा सकता.

अदालत ने कहा कि योजना अत्यावश्यक स्थिति में पासपोर्ट जारी करने की विशेष व्यवस्था है और यह सरकार की ओर से मांगी गयी अपेक्षित जानकारी मुहैया कराने पर उपलब्ध होगी. अदालत ने कहा कि अंसल ने लाभ प्राप्त किया और हलफनामे पर कहा कि उन्हें कभी भी किसी फौजदारी अदालत ने किसी अपराध के लिए दोषी नहीं ठहराया है.

अदालत ने कहा कि वर्ष 2007 में उन्हें दोषी ठहराया गया था और 2008 में उनकी सजा घटाकर एक साल कर दी गयी थी, जिसे 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने और कम कर दिया था. जब प्रतिवादी संख्या चार (अंसल) ने हलफनामा दायर किया, उन्हें सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए था कि उन्हें इस अदालत द्वारा दोषी ठहराने के बाद कम से कम एक साल की सजा हो चुकी है.

अदालत ने उपहार हादसा पीड़ित संगठन (एवीयूटी) द्वारा अपने अध्यक्ष नीलम कृष्णमूर्ति के जरिये दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की. इस संगठन ने अंसल को यात्रा दस्तावेज जारी करने में पासपोर्ट और पुलिस अधिकारियों के कथित आपराधिक कदाचार की सीबीआई से जांच कराने की मांग की. दक्षिण दिल्ली के ग्रीन पार्क इलाके में स्थित उपहार सिनेमाघर में 13 जून, 1997 को हिंदी फिल्म ‘बॉर्डर’ के प्रदर्शन के दौरान आग लग गयी थी, जिसमें 59 लोगों की मौत हो गयी थी.

Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel