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लोस से वित्त विधेयक मंजूर : बजट से व्यापार सुगमता और मेक इन इंडिया को मिलेगा बढ़ावा

नयी दिल्ली : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को कहा कि 2019-20 के आम बजट में कर प्रावधानों का मकसद जीवनस्तर एवं उसकी गुणवत्ता को बेहतर बनाना, लोगों की परेशानियों को कम करना तथा न्यूनतम सरकार एवं अधिकतम सुशासन को सुनिश्चित करना है. वित्त मंत्री ने लोकसभा में वित्त विधेयक पर हुई चर्चा का […]

नयी दिल्ली : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को कहा कि 2019-20 के आम बजट में कर प्रावधानों का मकसद जीवनस्तर एवं उसकी गुणवत्ता को बेहतर बनाना, लोगों की परेशानियों को कम करना तथा न्यूनतम सरकार एवं अधिकतम सुशासन को सुनिश्चित करना है.

वित्त मंत्री ने लोकसभा में वित्त विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए यह बात कही. इसके साथ ही सदन ने आरएसपी के एनके प्रेमचंद्रन, बीजद के भतृहरि महताब के संशोधनों को खारिज करते हुए वित्त (संख्यांक 2) विधेयक-2019′ को मंजूरी दे दी. वित्त विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए निर्मला सीतारमण ने कहा कि बजट 2019-20 का मकसद व्यापार सुगमता, युवा उद्यमियों और ‘मेक इन इंडिया’ को बढ़ावा देना है. उन्होंने कहा, सरकार का इरादा भारत को दुनिया का बहुत बड़ा वित्तीय हब बनने का है. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार का मकसद डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देना है. डिजिटल भुगतान से राजनीतिक दलों को मिलने वाले चंदे में अधिक पारदर्शिता आयेगी. वित्त मंत्री ने कहा कि कर कानूनों के सरलीकरण के लिए नयी कर संहिता को अंतिम रूप देने के मकसद से एक कार्यबल काम कर रहा है. इसकी रिपोर्ट 31 जुलाई तक आयेगी.

उन्होंने कहा कि वित्त विधेयक में गैर कराधान प्रावधानों के तहत सात अधिनियमों में संशोधन करने का प्रस्ताव किया गया है ताकि व्यवस्था को सरल किया जा सके, मेक इन इंडिया पहल को सुदृढ़ बनाया जा सके एवं विनिर्माण क्षेत्रों को मजबूती प्रदान की जा सके. निर्मला सीतारमण ने कहा कि धन शोधन रोकथाम अधिनियम कानून में 8 बिंदुओं पर संशोधन किया गया है. इसमें से 6 उपबंध में संशोधन किये गये हैं. इसमें एक प्रावधान को समाप्त करने और एक प्रावधान जोड़ने से संबंधित है. निर्मला सीतारमण ने निचले सदन में कहा कि वित्त विधेयक के जरिये कानूनों में संशोधन पांच मुख्य श्रेणियों में किया गया है जिसमें माल एवं सेवा कर (जीएसटी), प्रत्यक्ष कर, आयकर, धन शोधन रोकथाम जैसे क्षेत्र शामिल हैं.

उन्होंने कहा कि जीएसटी से संबंधित पांच संशोधन किये गये हैं जो जीएसटी परिषद के निर्णय के अनुरूप हैं. चूंकि यह कर संग्रह से जुड़ा विषय है, इसलिए संसद से मंजूरी जरूरी है. सेवानिवृत्त सैनिकों के पेंशन के संबंध में कर संबंधी मुद्दे के बारे में कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी के सवाल पर वित्त मंत्री ने कहा कि ऐसा सशस्त्र बल हेडक्वाटर के सुझाव पर हुआ. सरकार ने इसके माध्यम से गैर कराधान प्रावधान से जुड़े विषयों के संबंध में सात कानूनों में संशोधन करने के अलावा कर संबंधी प्रावधानों वाले सात कानूनों में भी बदलाव का प्रस्ताव किया है. वित्त मंत्री ने कहा कि इन बदलाव का मकसद गैर कराधान विषयों से जुड़े मामलों को अधिक सरल और प्रभावी बनाना है. उन्होंने कहा कि प्रत्यक्ष कर से जुड़े कानूनों में संशोधन के प्रस्ताव का मकसद व्यवस्था को सरल बनाना, मेक इन इंडिया पहल को सुदृढ़ बनाना एवं विनिर्माण क्षेत्रों को मजबूती प्रदान करना है.

वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी के संबंध में ही पांच अलग तरह के संशोधन करने का प्रस्ताव किया गया है ताकि लघु, सूक्ष्म और मध्यम उद्यम क्षेत्र से जुड़ी अनुपालना की व्यवस्था को सरल बनाया जा सके. उन्होंने कहा कि सेबी कानून में संशोधन सहित वित्तीय बाजार से जुड़े कई कानूनों में संशोधन का प्रस्ताव किया गया है. उन्होंने कहा कि आरबीआई अधिनियम में संशोधन भी किया गया है जिसका मकसद भारतीय रिजर्ब बैंक की नियामक शक्ति को मजबूती प्रदान करना है. वित्त मंत्री ने कहा कि केंद्रीय सड़क एवं आधारभूत कोष के संबंध में संशोधन का मकसद केवल स्पष्टा लाना है और राज्यों को पहले की तरह की फंड मिलते रहेंगे. वित्त विधेयक को पारित करने के साथ लोकसभा में आम बजट को मंजूरी मिलने की प्रक्रिया पूरी हो गयी.

Prabhat Khabar Digital Desk
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