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जिनका NRC सूची में नाम नहीं है, उनके पास अब क्या है रास्ता ?

नयी दिल्ली : नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस ( NRC) की अंतिम सूची जारी कर दी गयी. लिस्ट में 3.11 करोड़ लोगों को जगह दी गयी. असम में रहने वाले 19.06 लोगों को इस लिस्ट से बाहर किया गया है. यह आखिरी फैसला नहीं है. वैसे लोग जो इस लिस्ट में शामिल नहीं है उनके पास […]

नयी दिल्ली : नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस ( NRC) की अंतिम सूची जारी कर दी गयी. लिस्ट में 3.11 करोड़ लोगों को जगह दी गयी. असम में रहने वाले 19.06 लोगों को इस लिस्ट से बाहर किया गया है. यह आखिरी फैसला नहीं है. वैसे लोग जो इस लिस्ट में शामिल नहीं है उनके पास नागरिकता लेने का रास्ता अब भी खुला है. जानिए एनआरसी में जगह पाने के लिए अब क्या करना होगा.

पढ़ें-असम में NRC की फाइनल लिस्ट हुई जारी,19 लाख लोग बाहर, ऐसे चेक करें अपना नाम

कैसे कर सकेंगे अपील ?
शेड्यूल ऑफ सिटिजनशिप के सेक्शन 8 के आधार पर वह लोग अपील कर सकेंगे जिनका नाम एनआरसी में नहीं है. इसमें अपील की सीमा भी अब बढ़ा दी गयी पहले 60 दिनों का वक्त था इसे बढ़ाकर 120 दिन कर दिया गया है. 31 दिसंबर, 2019 अपील की अंतिम तारीख होगी. गृह मंत्रालय ने इसे जल्द से जल्द निपटाने के लिए तकरीबन 400 ट्राइब्यूनल्स का गठन किया गया है.
जो लोग इस सूची से बाहर है क्या वह विदेशी हैं ?
ऐसा नहीं है कि जो इस सूची में शामिल नहीं हुए हैं उन्हें विदेशी घोषित कर तत्काल बाहर भेज दिया जाएगा. उन्हें फॉरेन ट्राइब्यूनल के समक्ष अपील करनी होगी. राज्य सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि लिस्ट से बाहर रहने वाले लोगों को किसी भी परिस्थिति में हिरासत में नहीं लिया जाएगा. फैसला आने तक उन्हें छूट दी जायेगी.
अगर ट्राइब्यूनल में हार गये तो क्या होगा ?
अगर कोई व्यक्ति पहली अपील के बाद ट्राइब्यूनल में केस हार जाता है तो उसे आगे भी अपील का मौका मिलेगा. हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट जाने का विकल्प होगा. सभी कानूनी विकल्प आजमाने से पहले किसी को भी हिरासत में नहीं लिया जाएगा. असम सरकार ने यह भी साफ किया है कि अगर कोई परिवार कानूनी लड़ाई लड़ने में सक्षम नहीं है तो सरकार उनकी पूरी मदद करेगी. एनआरसी से बाहर रहने वाले मूल निवासियों की को सत्ताधारी बीजेपी और विपक्षी दलों ने मदद का भरोसा दिया है.
अगर विदेशी साबित हुए तो क्या होगा ?
अगर सभी कानूनी विकल्प और पूरी मदद की बाद भी यह साबित होता है कि दावा करने वाला विदेशी है तो उसे डिटेंशन सेंटर्स में रखा जायेगा हालांकि इसे लेकर यह तय नहीं किया गया है कि उन्हें कैसे भारत से बाहर भेजा जायेगा. इस इलाके में ज्यादातर लोग बाहरी बांग्लादेश के माने जाते हैं सरकार ने अबतक इसे लेकर बांग्लादेश से भी कोई करार नहीं किया है. ‘असम सरकार कर रही . असम के वित्त मंत्री हेमंत बिस्व सरमा ने कहा कि सरकार विदेशियों की पहचान और उन्हें बाहर निकालने के लिए अलग से एक और मेकेनिज्म पर काम कर रही है, यह किसी भी तरह से चर्चा का विषय नहीं है कि एनआरसी में किसे जगह मिली और किसे नहीं. इसका आखिरी फैसला ट्राइब्यूनल ही करेगा.

Prabhat Khabar Digital Desk
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