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CAG का खुलासा : स्पेशल आर्म्ड पुलिस बटालियन में गायब मिले इंसास राइफल और 12,061 कारतूस

तिरुवनंतपुरम : भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने यहां विशेष सशस्त्र पुलिस बटालियन (एसएपीबी) में 5.56 एमएम की इंसास राइफलों और 12,061 कारतूसों के गायब होने का चौंकाने वाला खुलासा किया है. यह भंडाफोड़ एक संयुक्त जांच-पड़ताल में हुआ. कैग की यह रिपोर्ट 31 मार्च, 2018 को खत्म हुए वित्त वर्ष के लिए […]

तिरुवनंतपुरम : भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने यहां विशेष सशस्त्र पुलिस बटालियन (एसएपीबी) में 5.56 एमएम की इंसास राइफलों और 12,061 कारतूसों के गायब होने का चौंकाने वाला खुलासा किया है. यह भंडाफोड़ एक संयुक्त जांच-पड़ताल में हुआ. कैग की यह रिपोर्ट 31 मार्च, 2018 को खत्म हुए वित्त वर्ष के लिए सामान्य और सामाजिक क्षेत्र से संबंधित है और यह बुधवार को केरल विधानसभा में पेश की गयी.

कैग की रिपोर्ट में यह भी पाया गया कि एनलॉग संचार प्रणाली पर पुलिस की निर्भरता के चलते पलक्कड़, मलप्पुरम, इडुक्की और वायनाड में माओवादी रोधी अभियानों को झटका लगा. इसमें कहा गया कि राज्य सरकार स्पेक्ट्रम शुल्क का समय पर भुगतान करने और डिजिटल मोबाइल रेडियो की खरीद के लिए केंद्र सरकार से लाइसेंस लेने में ‘विफल’ रही.

लेखा परीक्षण में पाया गया कि एसएपीबी में भंडार रजिस्टर और हथियार तथा गोला-बारूद से संबंधित रिकॉर्ड को ‘उचित रूप से नहीं रखा गया.’ रिपोर्ट में कहा गया है कि भंडार रजिस्टरों में प्रविष्टियों में कई ओवर राइटिंग, सुधार के लिए व्हाइट फ्लूइड के इस्तेमाल और प्रविष्टियां हटाने इत्यादि जैसी गड़बड़ियां पायी गयीं. प्रविष्टियों और इनसे संबंधित सुधार का उचित सत्यापन नहीं कराया गया था.

रिपोर्ट में कहा गया कि एसएपीबी में उपलब्ध रिकॉर्ड से ऐसा कोई साक्ष्य नहीं मिला, जिससे यह पता चल सके कि उच्च अधिकारियों ने समय-समय पर कोई भौतिक सत्यापन किया हो. बटालियन में 16 अक्टूबर, 2018 को भौतिक सत्यापन सहित संयुक्त जांच पड़ताल की गयी, ताकि यह पता लग सके कि क्या हथियारों तथा गोला-बारूद का भंडार संबंधित रजिस्टरों में दर्ज आंकड़ों से मेल खाता है और क्या हथियारों तथा गोला-बारूद की लेखा प्रणाली ‘पुष्ट और विश्वसनीय’ है. सत्यापन का कार्य एसएपीबी परिसर में सहायक कमांडेंट के साथ किया गया, जिसमें 5.56 एमएम की 25 इंसास राइफल और 12,061 कारतूस कम पाये गये.

रिपोर्ट में कहा गया कि पुलिस विभाग इस बारे में जानता था, लेकिन इसने इस पर पर्दा डालने की कोशिश की और दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की. यह भी पाया गया कि 9 एमएम के 250 ड्रिल कारतूस गायब थे और इस पर पर्दा डालने के लिए 250 नकली कारतूस रख दिये गये. इस बारे में कोई दस्तावेज नहीं था कि ये नकली कारतूस एसएपीबी के पास कैसे आये.

रिपोर्ट में सुझाव दिया गया कि गंभीर सुरक्षा चिंताओं को ध्यान में रखते हुए सरकार को गायब कारतूसों तथा राइफलों का पता लगाने के लिए तत्काल कदम उठाने चाहिए. इसमें यह भी सुझाव दिया गया कि हथियार और गोला-बारूद के बारे में इसी तरह की जांच-पड़ताल सभी बटालियनों और थानों में भी तत्काल की जानी चाहिए.

Prabhat Khabar Digital Desk
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