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महाराष्ट्र के राज्यपाल शंकरनारायणन का मिजोरम ट्रांस्‍फर

नयी दिल्ली: महाराष्ट्र के राज्यपाल के शंकरनारायणन का स्थानांतरण मिजोरम कर दिया गया है. उनके स्‍थान पर गुजरात के राज्यपाल ओ पी कोहली को भेजा जाएगा. गौरतलब हो कि शंकरनारायणन का कार्यकाल 2017 में समाप्त होने वाला है. आधी रात के बाद राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी आधिकारिक सूचना में कहा गया है कि […]

नयी दिल्ली: महाराष्ट्र के राज्यपाल के शंकरनारायणन का स्थानांतरण मिजोरम कर दिया गया है. उनके स्‍थान पर गुजरात के राज्यपाल ओ पी कोहली को भेजा जाएगा. गौरतलब हो कि शंकरनारायणन का कार्यकाल 2017 में समाप्त होने वाला है.

आधी रात के बाद राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी आधिकारिक सूचना में कहा गया है कि 82 वर्षीय शंकरनारायणन को मिजोरम स्थानांतरित कर दिया गया है. गुजरात के राज्यपाल ओ पी कोहली उनके स्थान पर कार्यभार संभालेंगे.

शंकरनारायणन मिजोरम के राज्यपाल का पदभार संभालेंगे जो कि कमला बेनीवाल की बर्खास्तगी के बाद खाली हुआ था. कमला बेनीवाल का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ लंबा विवाद रहा था जब वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे.

मिजोरम के राज्यपाल का पद शंकरनारायणन ऐसे समय में संभालने जा रहे हैं जब यह पद हाल ही में कमला बेनीवाल को बर्खास्त किए जाने के बाद रिक्त हुआ था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब कमला बेनीवाल के साथ उनका लंबा विवाद चला था. 87 वर्षीय बेनीवाल को उनका कार्यकाल समाप्त होने से केवल दो माह पहले हटाया गया.

इससे पहले जून में यह खबरें आईं कि संप्रग सरकार के कार्यकाल के दौरान नियुक्त किए गए कुछ राज्यपाल खुद को पद से हटाए जाने के प्रयासों का विरोध कर रहे हैं. तब शंकरनारायणन ने कहा था कि अगर समुचित प्राधिकारी उन्हें पद से हटने के लिए कहेंगे तो वह इस पर विचार करेंगे.

उन्होंने कहा था लोकतंत्र में कोई भी पद स्थायी नहीं है. अगर समुचित प्राधिकार वाला व्यक्ति मुझे (पद छोडने के लिए) कहता है तो निश्चित रुप से मैं उस पर विचार करुंगा. शंकरनारायणन 22 जनवरी 2010 को महाराष्ट्र के राज्यपाल बनाए गए थे. राष्ट्रपति द्वारा 5 साल का कार्यकाल विस्तार दिए जाने के बाद उन्होंने 7 मई 2012 को दोबारा महाराष्ट्र के राज्यपाल पद की शपथ ली.

शंकरनारायणन का स्थानांतरण ऐसे समय पर किया गया है जब उच्चतम न्यायालय ने केंद्र सरकार को उत्तराखंड के राज्यपाल की अपील पर एक नोटिस जारी किया है. उत्तराखंड के राज्यपाल ने स्वयं को पद से हटाने के मोदी सरकार के प्रयासों को चुनौती दी जिसके बाद संप्रग सरकार के कार्यकाल में नियुक्त राज्यपालों को हटाए जाने संबंधी विवाद अदालत तक पहुंच गया.

उच्चतम न्यायालय ने गृह सचिव अनिल गोस्वामी को भी नोटिस जारी किया है जिन्होंने राज्यपाल अजीज कुरैशी को पद से हट जाने या केंद्र द्वारा बर्खास्त किए जाने की स्थिति का सामना करने की कथित तौर पर धमकी दी थी. दो राज्यपालों को बर्खास्त कर चुकी मोदी सरकार के खिलाफ उच्चतम न्यायालय जाने वाले कुरैशी पहले राज्यपाल हैं.

संप्रग सरकार के कार्यकाल में नियुक्त किए गए चार अन्य राज्यपाल इस साल मई में राजग के सत्ता में आने के बाद से इस्तीफा दे चुके हैं. पिछले माह पुडुचेरी के राज्यपाल वीरेंद्र कटारिया को बर्खास्त कर दिया गया जो कांग्रेस के पूर्व नेता हैं.

समझा जाता है कि गोस्वामी ने पूर्ववर्ती संप्रग सरकार के शासनकाल में नियुक्त किए गए कुछ राज्यपालों को टेलीफोन करके पद से हट जाने को कहा. इसके बाद पश्चिम बंगाल के राज्यपाल एम के नारायणन, नगालैंड के राज्यपाल अश्विनी कुमार, उत्तर प्रदेश के राज्यपाल बी एल जोशी तथा छत्तीसगढ के राज्यपाल शेखर दत्त ने इस्तीफा दे दिया.

Prabhat Khabar Digital Desk
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