नयी दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को काला धन मामला में सभी के नाम ना देने पर फटकार लगायी है. कोर्ट ने आदेश दिया कि सरकार कल सील बंद लिफाफे में सभी के नाम जाहिर करे.गौरतलब है कि सरकार ने कोर्ट को तीन लोगों के नाम बताये थे जिसके बाद आज कोर्ट ने सभी के नाम जाहिर करने का आदेश दिया . सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद सरकार का रुख भी नर्म हुआ वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा हम कल सारे नाम कोर्ट के सामने रखेंगे.
जेटली ने कहा, हम सुप्रीम कोर्ट को पूरी तरह सहायता देने के लिए तैयार है. जब हमारी सरकार बनी हमारा पहला निर्णय एसआईटी गठित करने का था. भले ही कोर्ट ने इसके लिए आदेश दिये थे लेकिन हमने इसमें तत्परता दिखायी. सुप्रीम कोर्ट का आदेश हमें मानना है, लेकिन सरकार का यह सुझाव रहेगा कि आगे भी हमें विदेशों से नाम मिलते रहें ऐसी व्यवस्था की जाए. सुप्रीम कोर्टे के आदेश का पूरा पालन किया जायेगा. जितने नाम सरकार के पास हैं सारे नाम कल सुप्रीम कोर्ट को दे दिये जायेंगे.
सरकार ने अपनी तरफ से इस मामले में सफाई देने की पूरी कोशिश की, इसमें उन्होंने मुख्य रूप से संघि का हवाला दिया गया, लेकिन कोर्ट ने कहा, संघि की चिंता छोड़िये, आप विदेशों में कालाधन रखने वालों को बचाने की कोशिश मत कीजिए. इन नामों पर कैसे जांच होगी यह हमें तय करना है. विदेशों से जितने नाम आपको मिले हैं सारे नाम बताइये. केंद्र सरकार ने दलील दी कि हम इस मामले में पूरी जांच के बाद नाम जाहिर करना चाहते हैं. इस पर कोर्ट ने तंज कसते हुए कहा, पता नहीं आपकी जांच कबतक पूरी हो इसलिए आप हमें कल सारे नाम दे दें. उल्लेखनीय है कि कल वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा था कि सरकार सिर्फ मुकदमा चलाने योग्य नामों को ही सार्वजनिक करेगी.
शीर्ष अदालत के निर्देश के बाद प्रशांत भूषण ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान बताया, केंद्र सरकार ने दलील दी कि हमने जो संघि की है उसके कारण प्रतिबंध है. सुप्रीम कोर्ट ने यह दलील नहीं मानी और कल सुबह तक सारे नाम कोर्ट को देने को कहा है.
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