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रामचरितमानस आज भी प्रासंगिक, मर्यादा और संस्‍कार की देती है शिक्षा : नरेंद्र मोदी

नयी दिल्‍ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रामचरितमानस का डिजिटल संस्‍करण लांच किया. आकाशवाणी की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में मोदी ने कहा कि रामचरितमानस अच्‍छे रास्‍ते पर चलना सिखाती है. आकाशवाणी ने रामचरितमानस का डिजिटल संस्‍करण बनाया है. इसके लिए मोदी ने ऑल इंडिया रेडियो को बधाई दी. मोदी ने कहा कि 22 […]

नयी दिल्‍ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रामचरितमानस का डिजिटल संस्‍करण लांच किया. आकाशवाणी की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में मोदी ने कहा कि रामचरितमानस अच्‍छे रास्‍ते पर चलना सिखाती है. आकाशवाणी ने रामचरितमानस का डिजिटल संस्‍करण बनाया है. इसके लिए मोदी ने ऑल इंडिया रेडियो को बधाई दी. मोदी ने कहा कि 22 साल की कड़ी मेहनत के बाद यह संस्‍करण सामने आया है. इस काम में जुड़े सभी लोग बधाई के पात्र हैं. मोदी ने कहा कि समाज व्‍यवस्‍था और परिवार व्‍यवस्‍था का सबसे अच्‍छा उदाहरण रामचरितमानस है. रामचरितमानस के आदर्श आज भी मौजूद हैं.

पीएम ने कहा कि रामचरितमानस ऐतिहासिक रचना है पूरी दुनिया में इसे पढ़ा जाता है. यह ग्रंथ मर्यादा और संस्‍कार की शिक्षा देती है. नरेंद्र मोदी ने एक विदेशी परिवार की कहानी सुनाई जो रामचरितमानस से इतने प्रभावित हुए कि उन्‍होंने अपने परिवार के सदस्‍यों का नाम राम और सीता रख लिया. पीएम ने कहा कि आकाशवाणी कई दशकों से समाचारों को आम लोगों तक पहुंचाने का एक श्रेष्‍ठ माध्‍यम है.

उन्‍होंने कहा कि सरकार में नौकरी करते-करते जीवन मशीनी हो जाता है. जीवन में महत्‍वपूर्ण 30-35 साल इसी में गुजर जाते हैं. सरकार का एक मुलाजिम जिसमें कुछ करने की तड़प और अदम्‍य इच्‍छा हो वह एक बड़ी विरासत छोड़ कर जाता है. उन्‍होंने कहा कि अंतरराष्‍ट्रीय योग दिवस ने यह साबित कर दिया है कि दुनिया भारत को जानने और समझने के लिए आतूर है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि विपक्ष सरकार पर लगातार सवाल उठा रहा है. विपक्ष पूछता है कि भ्रष्‍टाचार कहा कम हुआ है. मैं बताना चाहता हूं कि पहले एफएम रेडियो की फ्रिक्‍वेंसी के लिए कोई निविदा का प्रावधान नहीं था. ऐसे में सरकारी खजाने में मात्र 80 से 100 करोड़ रुपये ही जमा हो पाते थे. उन्‍होंने कहा कि हमारी सरकार ने निविदा के माध्‍यम से एफएम रेडियो का फ्रिक्‍वेंसी नीलाम करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इससे 2700 से 2800 करोड़ रुपये के राजस्‍व प्राप्ति का अनुमान है.

Prabhat Khabar Digital Desk
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