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समुद्री क्षेत्र में चुनौतियों का सामना करने को तैयार : नौसेना प्रमुख

कन्नूर / केरल : मुंबई आतंकी हमले की सातवीं बरसी पर देश के उस घटना को याद किए जाने के बीच नौसेना ने आज कहा कि समुद्र के रास्ते ऐसे खतरों से निपटने के लिए उसने समुद्री क्षेत्र में काम करने वाली अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर ‘‘बडी संख्या में उपाय’ किए हैं. नौसेना प्रमुख […]

कन्नूर / केरल : मुंबई आतंकी हमले की सातवीं बरसी पर देश के उस घटना को याद किए जाने के बीच नौसेना ने आज कहा कि समुद्र के रास्ते ऐसे खतरों से निपटने के लिए उसने समुद्री क्षेत्र में काम करने वाली अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर ‘‘बडी संख्या में उपाय’ किए हैं. नौसेना प्रमुख एडमिरल आर. के. धवन ने कहा कि तटीय, समुद्री सुरक्षा के सभी पहलुओं पर नजर रखने वाली प्रमुख एजेंसी के रुप में नौसेना किसी भी प्रकार की चुनौती या खतरे के लिए अपने को तैयार कर रही है.

वह यहां निकटवर्ती इंडियन नेवल एकेडमी एझिमाला में भारतीय तटरक्षक बल तथा भारतीय नौसेना के 330 कैडेटों और मित्र देशों के छह कैडेटों की पासिंग आउट परेड का मुआयना करने के बाद संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे. धवन ने 26 / 11 हमलों का जिक्र करते हुए कहा कि नौसेना एक बहुआयामी नेटवर्क बल के रुप में उभरी है और ऐसे खतरों से निपटने के लिए उसने समुद्री क्षेत्र में काम करने वाली अन्य एजेंसियों के साथ ‘‘बडी संख्या में उपाय’ किए हैं.

सात साल पहले 10 पाकिस्तानी आतंकवादी समुद्र के रास्ते मुंबई आए थे और उन्होंने अंधाधुंध गोलीबारी कर 166 लोगों की जान ले ली थी. इनमें 16 सुरक्षाकर्मी भी शामिल थे. इस घटना में कई लोग घायल भी हुए थे और करोड़ों रुपए की संपत्ति का नुकसान हुआ था. नौसेना प्रमुख धवन ने समुद्री तटीय सुरक्षा को मजबूत करने के लिए उपाए गए कदमों का भी जिक्र किया. उन्होंने कहाकि आज हमारे पास पूरे तट पर 87 स्वचालित पहचान प्रणाली एआईएस स्टेशन हैं. हमारे पास 46 तटीय रडार स्टेशन हैं.’ मुंबई जैसे आतंकी हमले को रोकने के लिए सेना द्वारा उठाए गए कदमों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा नौसेना ने गुड़गांव में इंफोरमेशन मैनेजमेंट एनालिसिस सेंटर के साथ राष्ट्रीय कमान नियंत्रण संवाद और खुफिया नेटवर्क की स्थापना की है.

नौसेना और तटरक्षक बल के 51 ‘‘नोड्स’ को एकीकृत किया गया है. उन्होंने कहा कि यह प्रौद्योगिकी का उपयोग किए जाने का हिस्सा है. उन्होंने कहा कि इसके अलावा नौसेना तथा तटरक्षक बल ने यह सुनिश्चित करने के लिए सभी कदम उठाए हैं कि भारत के नौ तटीय राज्यों में चार करोड़ मछुआरे ‘‘हमारी आंख और कान’ योजना का हिस्सा बनें. उन्होंने कहा कि आप प्रौद्योगिकी का लाभ उठा सकते हैं. लेकिन आपको हर किसी को टीम का हिस्सा बनाने की जरुरत है और उसके लिए नौसेना तथा तटरक्षक बल ने वास्तव में भारत के पूर्वी और पश्चिती तट पर हर एकल तटीय गांव का मानचित्रण किया है, मछुआरों से उनकी भाषा में बातचीत की है, उन्हें तटीय सुरक्षा के महत्व के संबंध में समझाया है तथा किस प्रकार उनमें से हर कोई तटीय सेवा की आंख और कान के रुप में महत्वपूर्ण सदस्य हैं.’

उन्होंने कहा कि नौ तटीय राज्यों में मछली मारने वाली करीब ढाई लाख नावों का पंजीकरण जारी है और मछुआरों को बायोमीट्रिक पहचान पत्र जारी किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि मकसद इन सभी लोगों को सुरक्षा का हिस्सा बनाने पर है. उन्होंने मुंबई जैसे आतंकी हमले को रोकने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में पूछे गए सवालों के जवाब में कहा कि इन उपायों के साथ हमें उम्मीद है कि हमारा तटीय क्षेत्र सुरक्षित है.

Prabhat Khabar Digital Desk
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