27.6 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

अंबेडकर के बहाने एक दूसरे पर ताना

नयीदिल्ली : मोदी सरकार ने 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाने की शुरुआतकी है. इस अवसर पर गुरुवार को सरकार की ओर से संसद के विशेष सत्र का आयोजन किया. इस मौके परप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि समाज में संविधान पर चर्चा जरूरी है, इससे संविधान के प्रति लोगों की […]

नयीदिल्ली : मोदी सरकार ने 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाने की शुरुआतकी है. इस अवसर पर गुरुवार को सरकार की ओर से संसद के विशेष सत्र का आयोजन किया. इस मौके परप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि समाज में संविधान पर चर्चा जरूरी है, इससे संविधान के प्रति लोगों की जागरुकता बढ़ेगी.वहीं, सत्र के पहले दिन लोकसभा में संविधान दिवस के अवसर पर चर्चा केदौरान केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने विपक्ष पर जमकर हमला बोला. जवाब में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी मोदी सरकार पर निशाना साधा. आइये जानते है किन मुद्दों पर छिड़ी है बहस औरकिसनेक्या कहा…

संविधान से जुड़ी अहम बातें…
– भारत का संविधान दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है. संविधान को 26 नवंबर 1949 को स्वीकार किया गया था लेकिन वह 26 जनवरी 1950 से लागू हुआ. संविधान सभा ने 2 वर्ष, 11 माह, 18 दिन मे कुल 114 दिन बैठक की. भारत के संविधान के निर्माण में डॉ भीमराव अम्बेडकर ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उन्हें ‘संविधान का निर्माता’ कहा जाता है. जवाहरलाल नेहरू, डॉ भीमराव अंबेडकर, डॉ राजेन्द्र प्रसादकेअलावे सरदार वल्लभ भाई पटेल, मौलाना अबुल कलाम आजाद आदि इस सभा के प्रमुख सदस्य थे.

पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के शासनकाल के दौरान ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्द संविधान के 1976 में हुए 42वें संशोधन अधिनियम द्वारा प्रस्तावना में जोड़ा गया. यह सभी धर्मों की समानता और धार्मिक सहिष्णुता सुनिश्चीत करता है. भारत का कोई आधिकारिक धर्म नहीं है. यह ना तो किसी धर्म को बढ़ावा देता है, न ही किसी से भेदभाव करता है. ‘समाजवादी’ शब्द संविधान के 1976 में हुए 42वें संशोधन अधिनियम द्वारा प्रस्तावना में जोड़ा गया. यह अपने सभी नागरिकों के लिए सामाजिक और आर्थिक समानता सुनिश्चित करता है.

हमारा सौभाग्य है….पीएम माेदी
प्रधानमंत्री ने कहा सरकार ने हर वर्ष26नवंबरको संविधान दिवस के रुप में मनाने का निर्णय किया है. यह हमारा सौभाग्य है कि संविधान के निर्माण में जिस महापुरुष की अहम भूमिका रही, उन बाबा साहब अंबेडकर की 125वीं जयंती का वर्ष है और यह अपने आप में प्रेरक है. उन्होंने कहा कि इस निमित्त संसद भवन परिसर चमक रहा है और मुझे विश्वास है कि सत्र के दौरान भी उत्तम विचारों से, उत्तम चर्चा से और नये-नये उत्तम एवं नवोन्मेषी विचारों से भी संसद भीतर भी उतना ही चमकता रहेगा.

राजनाथ का कांग्रेस पर हमला
– गृह मंत्री राजनाथसिंह ने कांग्रेस पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि 42वें संशोधन के तहत संविधान की प्रस्तावना में शामिल किए गये ‘सेक्युलर ‘ शब्द का आज की राजनीति में सर्वाधिक दुरुपयोग हो रहा है, जो बंद होना चाहिए. संविधान की प्रस्तावना में 42वें संशोधन के जरिए जोड़े गये सेक्युलर शब्द का औपचारिक अनुवाद पंथ निरपेक्ष है, धर्म निरपेक्ष नहीं. धर्मनिरपेक्ष शब्द का प्रयोग बंद होना चाहिए. इसके स्थान पर पंथ निरपेक्षता का इस्तेमाल होना चाहिए.

– 42वें संविधान संशोधन के जरिए संविधान की प्रस्तावना में ‘सेक्युलर’ और ‘सोशलिस्ट’ शब्द जोड़े गये. उन्होंने परोक्ष रुप से इस पर आपत्ति जतायी और कहा कि यदि जरुरत समझी जाती तो इन शब्दों को डाॅ. भीमराव अंबेडकर संविधान निर्माण के समय ही शामिल कर सकते थे. लेकिन उन्होंने इसकी जरुरत नहीं समझी थी क्योंकि ये सब चीजें पहले से ही हिंदुस्तान की चारित्रिक विशेषताओं का हिस्सा हैं.

– सांसदों से दलगत राजनीति से उपर उठकर संवैधानिक नैतिकता की शपथ लेने की अपील की और कहा कि संवैधानिक नैतिकता से बंधे होने पर कोई किसी प्रकार का सवालिया निशान नहीं लगा सकता.

– भगवान राम को सबसे बड़ा लोकतांत्रिक बताते हुए कहा कि समाज के हाशिये पर खड़े एक व्यक्ति के उंगली उठाने मात्र से उन्होंने अपनी पत्नी सीता से अग्नि परीक्षा मांग ली थी. गृह मंत्री ने देश में कथित असहिष्णुता के नाम पर देश छोड़ने की बात करने वालों को निशाने परसाधते हुए कहा कि संविधान निर्माता बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर को समाज के निचले तबके से ताल्लुक रखने के कारण कई बार अपमान, प्रताड़ना और तिरस्कार का शिकार होना पड़ा लेकिन उन्होंने कभी देश छोड़ने की बात नहीं कही.

– संविधान के संघीय चरित्र को उसकी सबसे बड़ी खूबसूरती बताते हुए उन्होंने कहा कि देश में सभी समुदायों , विशेषकर अल्पसंख्यकों को अपने सामाजिक और शिक्षण संस्थाओं को स्थापित करने का अधिकार है और इसकी व्यवस्था संविधान निर्माताओं ने संविधान बनाते समय ही कर दी थी.

सोनिया का मोदी सरकार पर निशाना

– कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने ‘असहिष्णुता’ के मुद्दे पर नरेन्द्र मोदी सरकारपर निशानेसाधाऔर आरोप लगाया कि संविधान के जिन आदर्शो ने हमें दशकों से प्रेरित किया, उस पर खतरा मंडरा रहा है, उस पर हमले हो रहे हैं. सोनिया ने राजग सरकार का नाम लिये बिना कहा, हमें पिछले कुछ महीनों में जो कुछ देखने को मिला है, वह पूरी तरह से उन भावनाओं के खिलाफ है जिन्हें संविधान में सुनिश्चित किया गया है.

– सत्ता पक्ष पर प्रहार करते हुए कहा, जिन लोगों को संविधान में कोई आस्था नहीं रही, न ही इसके निर्माण में जिनकी कोई भूमिका रही है, वो इसका नाम जप रहे है, अगुवा बन रहे हैं.

– डाॅ. अबेडकर ने चेताया था कि कोई भी संविधान कितना भी अच्छा क्यों न हो लेकिन अगर उसे लागू करने वाले बुरे हाें तो वह निश्चित रुप से बुरा ही साबित होगा और कितना भी बुरा संविधान क्यों न हो लेकिन उसे लागू करने वाले अच्छे हाें, तो वह अच्छा साबित हो सकता है.

– संविधान के निर्माण और डाॅ. अंबेडकर पर कांग्रेस पार्टी की दावेदारी पेश करते हुए कहा कि यह कांग्रेस पार्टी का ही कमाल था कि संविधान निर्माण से जुड़ी हर घटना निश्चित आकार में प्रस्तुत की जा सकी. इस लिहाज से इस पर कांग्रेस पार्टी का हक बनता है. यह बात आमतौर पर भुला दी जाती है कि डाॅ. बी आर अंबेडकर की अनोखी प्रतिभा को पहचान कर ही कांग्रेस पार्टी उन्हें संविधान सभा में लाई. यह इतिहास है.

Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel