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लोस : प्रधानमंत्री ने महिला को न्याय देने की सउदी अरब से की मांग

नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सउदी अरब में काम करने वाली तमिलनाडु की उस महिला को न्याय देने की मांग वहां के शासकों से की है, जिसके हाथ को उसके नियुक्ता ने काट दिया था. लोकसभा में एक पूरक प्रश्न के उत्तर में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने आज कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी […]

नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सउदी अरब में काम करने वाली तमिलनाडु की उस महिला को न्याय देने की मांग वहां के शासकों से की है, जिसके हाथ को उसके नियुक्ता ने काट दिया था. लोकसभा में एक पूरक प्रश्न के उत्तर में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने आज कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हाल में सउदी अरब के शासक से मुलाकात के दौरान कस्तूरी मुनीराथनम के लिए न्याय की मांग की है जिनके नियुक्ता ने उनका हाथ काट दिया था.’ प्रधानमंत्री ने सउदी अरब के शाह सलमान अल सौद से 16 नवंबर को तुर्की में जी20 शिखर सम्मेलन से इतर मुलाकात की थी. 56 वर्षीय कस्तूरी रियाद में अपने साथ घटी इस बर्बर घटना के बाद स्वदेश वापस लौट आयी हैं.

सुषमा ने कहा कि जैसे ही इस घटना के बारे में जानकारी मिली, भारतीय दूतावास ने सउदी अरब के अधिकारियों से सम्पर्क किया और हत्या के प्रयास कर मामला दर्ज करने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि हालांकि मुझे यह जानकर काफी दुख हुआ कि सउदी अरब के अधिकारियों ने एक बयान जारी करके कहा कि वह नियोक्ता के घर से भागने का प्रयास करते हुए गिर गयी. हमने इसे स्वीकार नहीं किया है और उसे न्याय दिलाने के लिए मामले को आगे बढा रहे हैं. विदेश मंत्री ने कहा कि सरकार खाडी क्षेत्र के कई देशों के साथ मिलकर काम कर रही है ताकि इन देशों में भारतीय श्रमिकों के शोषण को रोका जा सके.

सुषमा स्वराज जिनके पास प्रवासी भारतीय मामलों का प्रभार भी है, ने कहा कि आमतौर पर यह शिकायत मिलती है कि खाडी देशों में नियोक्ता अपने भारतीय कर्मचारियों का पासपोर्ट अपने पास रख लेते हैं ताकि यह सुनिश्चित कर सकें कि वे आसानी से घर वापस नहीं लौट पाएं. उन्होंने कहा कि परेशानी में पडे ऐसे भारतीय श्रमिकों की मदद के लिए भारतीय मिशन जन शिकायत सुनवाई बैठकें आयोजित करता है और उन्हें मदद करने तथा पासपोर्ट वापस दिलाने के लिए पहल करता है. सुषमा ने कहा कि और अगर इस प्रयासों में सफल नहीं हो पाता तब परेशानी में पडे ऐसे भारतीयों को वापस लौटने के लिए आपात निकास परमिट दिया जाता है.

मंत्री ने कहा कि सरकार ने पहले ही फैसला किया है कि घरेलू सेवक के रूप में काम करने विदेश जाने वाले सरकारी पंजीकृत भर्ती एजेंसियों के माध्यम से ही जाएं ताकि उनका शोषण न हो सके. जो गलत तरीके से गैर पंजीकृत एजेंसियों के जरिये विदेश जायेंगे, उसे मानव तस्करी करार दिया जा सकता है. उन्होंने कहा, ‘हम ऐसी गतिविधियों को मानव तस्करी निरोधक अधिनियम के दायरे में लाने का प्रयास कर रहे हैं.’

Prabhat Khabar Digital Desk
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