26.9 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

भारत-रूस द्विपक्षीय वार्ता : पुराने रिश्तों को नया कलेवर देने की कोशिश में मोदी-पुतिन

इंटरनेट डेस्क प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत रूस की द्विपक्षीय वार्ता के 16वीं कड़ी में शामिल होने के लिए रूस के दौरे पर गये हैं. यह पहला मौका है, जब नरेंद्र मोदी इस वार्ता में शामिल होने रूस गये हैं. इससे पहले मोदी के सत्ता में आने के बाद 15वीं शिखर वार्ता के लिए रूस के […]


इंटरनेट डेस्क


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत रूस की द्विपक्षीय वार्ता के 16वीं कड़ी में शामिल होने के लिए रूस के दौरे पर गये हैं. यह पहला मौका है, जब नरेंद्र मोदी इस वार्ता में शामिल होने रूस गये हैं. इससे पहले मोदी के सत्ता में आने के बाद 15वीं शिखर वार्ता के लिए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत आये थे. हालांकि यह द्विपक्षीय वार्ता है, लेकिन भारत के अमेरिका से गहरे होते रिश्ते और रूस व अमेरिका के बीच के यूक्रेन व सीरिया संकट को लेकर तल्ख रिश्तों के मद्देनजर इसवार्ता के प्रतिकात्मक मायने भी हैं.
भारत जहां बिना किसी गुट में शामिल हुए सभी राष्ट्रों के साथ अपने बेहतर रिश्तों की पुरानी राह पर चल रहा है, वहीं रूस यह चाहता है कि अतीत की तरह उसके भारत से रिश्ते जीवंत रहें. रूस अपने व्यवहार से इस द्विपक्षीय रिश्तों में गरमाहट भरने की कोशिश करता रहता है और भारत को भी इसका अहसास है कि हमारे संबंध कितने अहम हैं. तभी तो इस साल जुलाई में ब्राजील में हुए ब्रीक्स सम्मेलन में मोदी ने पुतिन से कहा था कि भारत का हर बच्चा जानता है कि मास्को रूस का सबसे अच्छा व सदाबहार दोस्त है.

Undefined
भारत-रूस द्विपक्षीय वार्ता : पुराने रिश्तों को नया कलेवर देने की कोशिश में मोदी-पुतिन 4


रूस और भारत की भू राजनीतिक स्थिति भी दोनों देशों को एक दूसरे से बेहतरीन साझेदारी के लिए प्रेरित करते हैं.
नरेंद्र मोदी जब अमेरिका, जापान से अपने रिश्तों पर जोर दे रहे हैं और भारत का प्रतिद्वंद्वी माने जाने वाले चीन से भी वे बेहतर रिश्ते के लिए लगातार संवाद व संबंध बनाये हुए हैं, ऐसे में पुरानी दोस्ती के खास होने का अहसास करानेवउसे नयाकलेवरदेने के मद्देनजर भी यह दौरा महत्वपूर्ण है.


रूस के लिए क्यों अहम है भारत?


रूस के साथ भारत के गहरे सांस्कृतिक रिश्ते हैं. एक विशिष्ट किस्म का आत्मीय भाव दोनों देशों के बीच है. शीतयुद्ध वाले समय में जब सोवियत संघ दुनिया की दूसरी महाशक्ति थी, तब भी भारत को उससे समर्थन मिलता रहा है. रूस एकमात्र देश रहा है, जिसके साथ भारत रक्षा मंत्रालय स्तरीय द्विपक्षीय वार्ता आयोजित करता रहा है. रूस ऐसा पहला देश है, जिसके साथ भारत की सालाना द्विपक्षीय वार्ता का सिलसिला शुरू हुआ है. भारत के लिए दूसरा ऐसा देश जापान बना.


भारत व रूस के बीच राजनीतिक, आतंकववाद विरोधी साझेदारी, रक्षा, सिविल न्यूक्लियर इनर्जी और अंतरिक्ष पांच अहम क्षेत्र में भागीदारी है. भारत दुनिया के बड़े हथियार खरीदार देशों में है. जबकि दुनिया का नौवां सबसे अधिक रक्षा बजट भारत का होता है. अंतरराष्ट्रीय हथियार बाजार पर अमेरिका और रूस का दबदबा है. अकेले इन दोनों देशों को आधे से अधिक अंतरराष्ट्रीय बाजार पर कब्जा है और यह भी इनकी अंतरराष्ट्रीय कूटनीति व आपसी रिश्तों को प्रभावित करता है.अमेरिकाका दुनिया के 30 प्रतिशत हथियार बाजार पर व रूस का 26 प्रतिशत अंतराष्ट्रीय बाजार पर कब्जा है. दुनिया का दस प्रतिशत हथियार भारत आयात करता है. रूस के कुल हथियार कारोबार का 35 प्रतिशत व्यापार भारत के साथ होता है. यानी उसके हथियारों का सबसे बड़ा बाजार भारत ही है. ऐसे में भारत के साथ बेहतर रिश्ते उसके आर्थिक हित में भी हैं.


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे से पहले भारत ने पिछले सप्ताह 30 हजार करोड़ रुपये मूल्य के पांच एस 400 डिफेंस सिस्टम की खरीद को मंजूरी दी. साथ ही इंडियाडिफेंसन्यूजडाॅटइन वेबसाइट की एक खबर के अनुसार, रूस ने भारत सुखोई टी 50 फाइटर जेट का फिफ्थ जेनेरेशन देने की भी पेशकश की है. भारत और रूस के बीच इसके लिए 2007 में करार हुआ था.

Undefined
भारत-रूस द्विपक्षीय वार्ता : पुराने रिश्तों को नया कलेवर देने की कोशिश में मोदी-पुतिन 5


कौन से करार की संभावना


नरेंद्र मोदी और पुतिन अबतक आठ दर्जन विभिन्न सम्मेलनों में एक दूसरे से मिल चुके हैं. रक्षा क्षेत्र में भी दोनों देशों के संबंध क्रय विक्रय से इतर तकनीक उपलब्ध करवाने व विनिर्माण तक पहुंच चुके हैं. दोनों नेता प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता के साथ अकेले भी द्विपक्षीय रिश्तों, क्षेत्रीय समस्याओं व आतंकवाद जैसे दूसरे मुद्दों पर बात करने वाले हैं. संभव है इसवार्ता में मेक इन इंडिया परजोर दिया जाये. सैनिक व तकनीकीसहयोग की संभावनाएं तलाशी जायेंगी. भारत में टी 90 टैंक का निर्माण इसका उदाहरण है. एस 400 वायु रक्षा प्रक्षेपास्त्र पर भी समझौता ज्ञापन होने की संभावना है. इसके अलावा यूरेनियम संवर्द्धन पर भी वार्ता होगी. रूस भारत में 20 बिजलीघर बनाने की बात कह चुका है. रूसी डिजाइन के बिजलीघर के लिए संभवत: आंध्रप्रदेश में कोई जगह आवंटित किये जाने पर करार हो सकता है. पहले से यह स्थल कुडनकुलम है. रूस से डीजल चालित पनडुब्बी खरीदने पर भी करार की संभावना है. दर्जन भर करार दोनों देशों के बीच होने की संभावना है.

Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel