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जानें, अटल बिहारी वाजपेयी के व्यक्तित्व से जुड़ी दस बातें

अटल बिहारी वाजपेयी, भारतीय राजनीति का वह चेहरा, जिसके आलोचक भी उनकी प्रशंसा करने से गुरेज नहीं करते. वह ना सिर्फ एक सर्वमान्य नेता हैं, बल्कि एक आदर्श इंसान भी हैं. पद और सत्ता के लिए वाजपेयी जी ने कभी समझौता नहीं किया. वे एक असाधारण व्यक्तित्व के मालिक हैं, लेकिन उनका रहन-सहन बिलकुल सादा […]

अटल बिहारी वाजपेयी, भारतीय राजनीति का वह चेहरा, जिसके आलोचक भी उनकी प्रशंसा करने से गुरेज नहीं करते. वह ना सिर्फ एक सर्वमान्य नेता हैं, बल्कि एक आदर्श इंसान भी हैं. पद और सत्ता के लिए वाजपेयी जी ने कभी समझौता नहीं किया. वे एक असाधारण व्यक्तित्व के मालिक हैं, लेकिन उनका रहन-सहन बिलकुल सादा है. वाजपेयी जी एक अद्‌भुत वक्ता रहे, उनकी वाक्‌शैली से प्रभावित होकर भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु ने बहुत पहले ही यह घोषणा की थी कि वे एक दिन भारत के प्रधानमंत्री बनेंगे.

नेहरू की यह भविष्यवाणी तब सही साबित हुई जब अटल बिहारी वाजपेयी पहली बार 1996 में पहली बार भारत के प्रधानमंत्री बने. हालांकि 1996 में उनकी सरकार मात्र 13 दिन ही चली थी, लेकिन 1998 में वे दुबारा प्रधानमंत्री बने और 2004 तक प्रधानमंत्री रहे. वर्तमान में स्वास्थ्य कारणों से वे राजनीति से दूर हैं, लेकिन राजनीति में उनकी कमी हमेशा खलती है. आइए इस अद्‌भुत व्यक्तित्व के धनी व्यक्ति के बारे में जानें दस बड़ी बातें :-

1. अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 जनवरी 1924 को ग्वालियर में हुआ. इनके पिता का नाम कृष्ण बिहारी वाजपेयी और माता का नाम कृष्णा देवी था. इनके दादा पंडित श्याम लाल वाजपेयी उत्तरप्रदेश के बटेश्वर स्थित अपने पैतृक गांव से मुरैना, ग्वालियर चले गये थे. अटल बिहारी वाजपेयी के पिता शिक्षक और कवि थे.

2. अटल बिहारी वाजपेयी हमेशा हिंदी में बातचीत करते नजर आते थे. लेकिन सच्चाई यह है कि उनकी पकड़ अंग्रेजी और संस्कृत भाषा में भी उतनी ही है, जितनी की हिंदी पर. उन्होंने राजनीति विज्ञान में एमए की डिग्री ली थी.

3. अटल जी का जुड़ाव शुरुआत से ही राष्ट्रीय स्वयं सेवक के साथ था. वे 1939 से ही संघ से स्वयंसेवक के रूप में जुड़े थे. साथ ही वे आर्यसमाज से भी जुड़े रहे.

4. अटल बिहारी वाजपेयी के राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1942 से होती है, जब उन्हें भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान हिरासत में लिया गया था. 1951 में वे भारतीय जनसंघ के साथ जुड़ गये , जो आरएसएस और दीनदयाल उपाध्याय के नेतृत्व में गठित एक हिंदू दक्षिणपंथी पार्टी थी.

5. अटल बिहारी वाजपेयी 1957 में पहली बार संसद के लिए चुने गये. वे लगभग चार दशक तक सांसद रहे. वे नौ बार लोकसभा के लिए और दो बार राज्यसभा के लिए चुने गये.

6. अटल बिहारी वाजपेयी भारत के पहले ऐसे प्रधानमंत्री हैं, जिनका कांग्रेस से कोई नाता नहीं है.

7. अटल बिहारी वाजपेयी एक सशक्त नेता तो हैं ही, वे एक भावुक कवि और पत्रकार भी रहे. उन्हें भारत रत्न से भी सम्मानित किया गया है.

8.1998 में जब अटल जी प्रधानमंत्री थे, उन्होंने जमीन के अंदर पांच परमाणु परीक्षण करवाया था, जिसे पोखरण-2 का नाम दिया गया था.

9. भारत-पाकिस्तान के संबंधों में नयी ऊर्जा भरने के लिए उन्होंने काफी प्रयास किये. बस सेवा शुरू करवाई, लेकिन जब पाकिस्तान ने भारत पर युद्ध थोपा, तो कारगिल के युद्ध में भारत ने उसे करारा जवाब दिया. कारगिल का युद्ध वाजपेयी जी के समय ही लड़ा गया था.

10. अटल बिहारी वाजपेयी के व्यक्तित्व की एक खास बात यह भी है कि वे आजीवन अविवाहित रहे.

Prabhat Khabar Digital Desk
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