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अयोध्या मामले की शीघ्र सुनवाई के लिए स्वामी ने प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप की मांग की

नयी दिल्ली : भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने राम जन्मभूमि मुद्दे की उच्चतम न्यायालय मंे रोजाना आधार पर सुनवाई की मांग करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से हस्तक्षेप की आज अपील की, ताकि शीघ्र कोई फैसला आ सके और अयोध्या में साल के अंत तक राम मंदिर का निर्माण शुरु हो जाए. उन्होंने यह […]

नयी दिल्ली : भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने राम जन्मभूमि मुद्दे की उच्चतम न्यायालय मंे रोजाना आधार पर सुनवाई की मांग करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से हस्तक्षेप की आज अपील की, ताकि शीघ्र कोई फैसला आ सके और अयोध्या में साल के अंत तक राम मंदिर का निर्माण शुरु हो जाए.

उन्होंने यह भी कहा कि वह इस मुद्दे का एक सौहार्दपूर्ण हल निकालने की कोशिशों के तहत असदुद्दीन ओवैसी सहित मुस्लिम नेताओं और सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव से मिलने की कोशिश करेंगे. एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए स्वामी ने कहा कि राम मंदिर मुद्दे पर लोगों के बीच जागरुकता पैदा करने की जरुरत है, जिसके लिए देश भर में सेमिनार आयोजित किए जाएंगे.
उनमें मंदिर के कानूनी और ऐतिहासिक पहलुओं के बारे में जानकारी दी जाएगी. स्वामी ने ओवैसी के इस अनुरोध का जिक्र किया कि राम जन्मभूमि मुद्दे में याचिकाकर्ता और मुस्लिम नेता चाहते हैं कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं की रोजाना आधार पर सुनवाई हो.
स्वामी ने बताया कि उन्होंने आज प्रधानमंत्री को पत्र लिख कर उनसे अनुरोध किया है कि वह कानून अधिकारियों को निर्देश दें कि उच्चतम न्यायालय में रोजाना आधार पर याचिकाओं की सुनवाई की वे मांग करें. यह पूछे जाने पर कि राम मंदिर के शीघ्र निर्माण के लिए क्या किसी योजना का खाका तैयार किया गया है, उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद और हिंदू एवं मुसलमान नेताओं में आपसी सहमति के बाद ऐसा किया जाएगा. उन्होंने कहा, ‘‘अदालत का फैसला आते ही हम राम मंदिर निर्माण पर काम शुरु कर देंगे .
हम साल के समाप्त होने से पहले निर्माण कार्य शुरु करना चाहते हैं. हम मुस्लिम नेताओं से बात करेंगे और एक शीघ्र हल निकालेंगे. मैं इस बात को लेकर आश्वस्त हूं कि हनुमान के भक्त मुलायम सिंह यादव और बसपा नेता मायावती, दोनों ही लोग एक सौहार्दपूर्ण हल के लिए राजी होंगे.”
यह पूछे जाने पर कि क्या भाजपा भी इस मुद्दे पर उनसे सहमत है, स्वामी ने कहा कि राम मंदिर के निर्माण का जिक्र पार्टी के चुनाव घोषणापत्र मंे किया गया था. पश्चिम बंगाल के मालदा में हिंसा पर उन्होंने कहा कि गृह मंत्री को अनुच्छेद 256 के तहत अपनी शक्तियांे का इस्तेमाल करना चाहिए और ममता सरकार को निर्देश देना चाहिए कि वह संविधान के मुताबिक अपने कर्तव्यों का निर्वहन नहीं कर रही है.
यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार बर्खास्त कर देनी चाहिए, उन्होंने कहा, ‘‘केंद्र को पहले इसका स्पष्टीकरण मांगना चाहिए.” उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री की सलाह से गृहमंत्री को पश्चिम बंगाल सरकार को पत्र लिखना चाहिए.” पाकिस्तान के साथ बातचीत के मुद्दे पर स्वामी ने कहा कि पाकिस्तान की निर्वाचित सरकार से बात करने का कोई मतलब नहीं है क्योंकि यह एक अक्षम सरकार है और वहां असली सरकार आईएसआई, तालिबान और सेना है.
Prabhat Khabar Digital Desk
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