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हो सकता है ‘खतरनाक रसायन” से सुनंदा की मौत हुई : FBI

नयी दिल्ली : कांग्रेस नेता शशि थरुर की पत्नी सुनंदा पुष्कर की सनसनीखेज मौत का मामला अब नये दौर में पहुंच गया है जहां एफबीआई की रिपोर्ट में भी जहर को मौत की वजह बतायी गयी है और कहा गया है कि उसके शरीर में ‘खतरनाक रसायन’ मौजूद था जिसके वजह से हो सकता है […]

नयी दिल्ली : कांग्रेस नेता शशि थरुर की पत्नी सुनंदा पुष्कर की सनसनीखेज मौत का मामला अब नये दौर में पहुंच गया है जहां एफबीआई की रिपोर्ट में भी जहर को मौत की वजह बतायी गयी है और कहा गया है कि उसके शरीर में ‘खतरनाक रसायन’ मौजूद था जिसके वजह से हो सकता है कि उनकी मौत हुई हो. इससे पहले एम्स ने भी अपनी रिपोर्ट में जहर को मौत का कारण बताया था. एफबीआई रिपोर्ट पर एम्स के विश्लेषण के आधार पर दिल्ली के पुलिस आयुक्त बी एस बस्सी ने मीडिया से आज कहा कि सुनंदा की मौत स्वाभाविक नहीं थी लेकिन उन्होंने उनकी विसरा में रेडियोधर्मी तत्व की मौजूदगी की बात को नकार दिया.

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के फोरेंसिक विज्ञान विभाग के प्रमुख सुधीर गुप्ता ने कहा कि एफबीआई रिपोर्ट में भी जहर को मौत की वजह बतायी गयी है जैसा कि एम्स की रिपोर्ट में भी कहा गया था. बस्सी ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘एक बात स्पष्ट है कि मौत सामान्य नहीं थी. अब तक की हमारी जांच और प्राप्त साक्ष्यों के अनुसार यह मौत अस्वाभाविक थी. मैं इस बात को निश्चय के साथ कह सकता हूं.’

उन्होंने साथ ही कहा ‘मेरी जानकारी में एफबीआई रिपोर्ट में किसी खतरनाक रसायन का जिक्र नहीं है. एफबीआई रिपोर्ट में कहा गया है कि किसी भी नमूने में कोई रेडियोधर्मी पदार्थ नहीं था. कोई भी रेडियोधर्मी पदार्थ नहीं था, मैं इस बात की पुष्टि कर सकता हूं लेकिन रिपोर्ट में कुछ और चीजें हैं. हम लोग ने पूरी रिपोर्ट मेडिकल बोर्ड को सौंप दी थी जिसने विश्लेषण के बाद हमें रिपोर्ट दी.’

गुप्ता ने कहा कि एफबीआई ने विसरा नमूनों में रेडियोधर्मी तत्वों की उपस्थिति को पूरी तरह नहीं नकारा है लेकिन विसरा नमूनों की विकृत (डिग्रेडेड) हालत के कारण वे तत्वों की मात्रा का अध्ययन नहीं कर सके. गुप्ता ने कहा कि एफबीआई द्वारा पेट, प्लीहा, जिगर, गुर्दे और मूत्र के विश्लेषण में हत्या की वजह जहर बतायी गयी है और कहा गया है कि सभी विसरा में एक ही प्रकार का जहर मौजूद है.

उन्होंने कहा कि जहर को मौत की वजह बताने वाली एम्स की पोस्ट-पार्टम रिपोर्ट की पुष्टि करता है. उन्होंने कहा कि हालांकि एफबीआई ने अलग से एक खतरनाक रसायन की मौजूदगी की बात कही है जो अगर शरीर में प्रवेश करता है तो उससे मौत हो सकती है. पिछले साल जनवरी में दिल्ली पुलिस ने सुनंदा के मौत के संबंध में हत्या का मामला दर्ज किया था. एम्स के एक मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट में मौत के कारण के तौर पर जहर की बात सामने आने के बाद पुलिस ने उनके विसरा के नमूनों को पिछले साल वाशिंगटन स्थित एफबीआई प्रयोगशाला भेजा था.

पहले इस बात की अटकलें लगायी जा रही थीं कि हो सकता है कि सुनंदा की मौत रेडियोधर्मी तत्वों से हुई हो. एफबीआई ने दो माह पहले दिल्ली पुलिस को अपनी रिपोर्ट भेज दी थी. रिपोर्ट में कहा गया है कि सुनंदा के विसरा के नमूनों में रेडियोधर्मी पदार्थ का स्तर ‘मानक सुरक्षा मानदंडों’ के भीतर था. इस रिपोर्ट में साथ ही अन्य तथ्यों का भी उल्लेख किया गया है. दिल्ली पुलिस एफबीआई रिपोर्ट के आधार पर मौत की वजह को तय नहीं कर पायी थी और उसने रिपोर्ट को विश्लेषण के लिए एम्स के मेडिकल बोर्ड को भेज दिया था.

बस्सी ने कहा कि इस हाई-प्रोफाइल मामले को जल्द ही इसके तार्किक निष्कर्ष तक ले जाया जायेगा और सभी संभव पक्षों की जांच की जा रही है. उन्होंने कहा ‘मेडिकल बोर्ड ने 32 पृष्ठों के संलग्नक के साथ 11 पृष्ठों की रिपोर्ट सौंपी है जिसकी छानबीन की जानी है. उन्होंने कुछ निष्कषोंर् का जिक्र किया है जिसकी जांच होनी है.’ 17 जनवरी, 2014 की रात को 51 वर्षीय सुनंदा दक्षिणी दिल्ली के एक पांच सितारा होटल के कमरे में मृत पायी गयी थीं.

मौत से एक दिन पहले सुनंदा का पाकिस्तानी पत्रकार मेहर तरार से माइक्रो-ब्लागिंग वेबसाइट ट्विटर पर विवाद हुआ था. उनके पति थरुर के साथ पत्रकार के कथित संबंधों को लेकर यह विवाद हुआ था. बस्सी ने कहा ‘एफबीआई रिपोर्ट में कहा गया है कि रेडियोधर्मी पदार्थ का स्तर सुरक्षित सीमा तक था. इसने रेडियोधर्मी पदार्थ की मौजूदगी के पक्ष को नकार दिया है. एफबीआई प्रयोगशाला को कुछ अन्य रासायनिक यौगिक मिले हैं. मेडिकल बोर्ड ने कुछ निष्कर्ष दिये हैं. हम लोगों उनकी जांच करेंगे.’

दिल्ली के पुलिस प्रमुख ने आज एक बैठक बुलायी जिसमें मामले की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) ने हिस्सा लिया. दिल्ली पुलिस के विशेष आयुक्त (कानून-व्यवस्था) दीपक मिश्रा ने मामले से संबंधित सभी पक्षों के बारे में बताया. बस्सी ने इससे पहले ट्वीट करके बताया, ‘दिवंगत सुनंदा मामले में मेडिकल बोर्ड की सलाह प्राप्त हुई है.’

उन्होंने साथ ही बताया कि मिश्रा इस मामले में प्रगति की समीक्षा कर रहे हैं. जांचकर्ताओं ने इस मामले में छह लोगों का पॉलीग्राफ परीक्षण किया था. इसमें थरुर के घरेलू सहायक नारायण सिंह, चालक बजरंगी और दंपत्ति के नजदीकी दोस्त संजय देवगन सहित सभी प्रमुख गहावा शामिल थे. इस मामले में थरुर का परीक्षण नहीं किया गया लेकिन उनसे तीन बार पूछताछ की गयी थी. इस मामले में एस के शर्मा, विकास अहलावत और सुनील तकरु का भी पॉलीग्राफ परीक्षण किया गया. पिछले साल पांच फरवरी को सुनंदा के बेटे शिव मेनन से भी पूछताछ की गयी थी.

Prabhat Khabar Digital Desk
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