21.9 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

भाजपा के आधार विधेयक को कांग्रेस अदालत में दे सकती है चुनौती

नयी दिल्ली : संसद ने बुधवार को आधार के जरिये कल्याण योजनाओं का लाभ लाभार्थियों तक सीधे पहुंचाने वाले आधार विधेयक को मंजूरी दे दी. सरकार द्वारा धन विधयेक के रूप में रखे गए इस विधेयक में राज्यसभा ने पांच संशोधनों के साथ लोकसभा को लौटा दिया, हालांकि निचले सदन ने इन संशोधनों को अस्वीकार […]

नयी दिल्ली : संसद ने बुधवार को आधार के जरिये कल्याण योजनाओं का लाभ लाभार्थियों तक सीधे पहुंचाने वाले आधार विधेयक को मंजूरी दे दी. सरकार द्वारा धन विधयेक के रूप में रखे गए इस विधेयक में राज्यसभा ने पांच संशोधनों के साथ लोकसभा को लौटा दिया, हालांकि निचले सदन ने इन संशोधनों को अस्वीकार कर दिया. इससे पहले लोकसभा आधार (वित्तीय और अन्य सहायिकियों, प्रसुविधाओं और सेवाओं का लक्षित परिदान) विधेयक 2016 को शुक्रवार को पारित कर चुकी थी. उधर, इस विधेयक के मौजूदा स्वरूप से नाराज कांग्रेस इसे अदालत में चुनौती देने के मूड में है. कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा है कि पार्टी इस मुद्दे पर अदालत में चुनौती देने समेत सभी विकल्पों पर विचार कर सकती है.ध्यान रहे कि यह विधेयक कांग्रेस की आधार परियोजना से प्रेरित है, जिसमें भाजपा ने कुछ बदलाव किये हैं.

राज्यसभा में जहां सत्तारूढ राजग अल्पमत में हैं, वहां बुधवार को इस विधेयक पर चर्चा हुई. विधेयक पर कांग्रेस सहित विपक्ष की ओर से पांच संशोधन पेश किये गए जिसे उच्च सदन ने स्वीकार करके लोकसभा को वापस भेज दिया. इसमें एक अहम संशोधन जयराम रमेश द्वारा सुझाया गया था कि इसे एच्छिक बनाया जाये, न कि अनिवार्य. इसके कुछ ही देर बाद सरकार इस विधेयक को लोकसभा में वापस लेकर आयी और वित्त मंत्री अरुण जेटली ने उच्च सदन में विपक्ष के दबाव में एक से लेकर पांच तक के संशोधनों को घातक बताते हुए उन्हें अस्वीकार करने का निचले सदन से आग्रह किया जिसे सदन ने ध्वनिमत से मंजूरी दे दी. राज्यसभा में विपक्ष ने इन संशोधनों में राष्ट्रीय सुरक्षा की जगह सार्वजनिक आपात स्थिति और सार्वजनिक सुरक्षा शब्दों को समाहित करने सहित मत विभाजन के जरिये पांच संशोधन विधेयक में समाहित कराये थे.

इन संशोधन में आधार को स्वीकार करने की बाध्यता को भी हटा दिया गया था. इसमें यह भी समाहित किया गया था कि किसी व्यक्ति के बारे में जानकारी साझा करने की जानकारी देने वाले पैनल में सीएजी, सीवीसी को भी शामिल किया जाए. लोकसभा में जेटली ने इन संशोधनों पर कहा कि 2010 में संप्रग द्वारा लाये गए ऐसे ही विधेयक में ये प्रावधान नहीं थे और अब कांग्रेस इन्हीं चीजों पर जोर दे रही है तथा लोक व्यवस्था, लोक सुरक्षा, सार्वजनिक आपात स्थिति जैसी जटिल मुहावरे गढ रही है जिसकी परिभाषा विस्तृत है और इसका गलत इस्तेमाल हो सकता है. उन्होंने कहा कि लोक सुरक्षा और सार्वजनिक आपात स्थिति तो कहीं कानून व्यवस्था की स्थिति बनने या कहीं कोई आपदा आने पर भी किसी व्यक्ति की जानकारी का दुरुपयोग हो सकता है. इस विधेयक के लोकसभा में आने पर सदन में कांग्रेस का कोई सदस्य मौजूद नहीं था.

Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel