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दाल के बाद अब टमाटर, आलू महंगे

नयी दिल्ली : दालों के दाम अभी भी 200 रुपये किलो के उंचे स्तर पर बने हुए हैं, वहीं दो प्रमुख सब्जियों टमाटर तथा आलू के दामो में तेजी बनी हुई है. अधिकारियों द्वारा कीमतों पर अंकुश के कई स्तरीय प्रयासों के बावजूद टमाटर 80 रुपये किलो तथा आलू 35 रुपये किलो पर पहुंच चुका […]

नयी दिल्ली : दालों के दाम अभी भी 200 रुपये किलो के उंचे स्तर पर बने हुए हैं, वहीं दो प्रमुख सब्जियों टमाटर तथा आलू के दामो में तेजी बनी हुई है. अधिकारियों द्वारा कीमतों पर अंकुश के कई स्तरीय प्रयासों के बावजूद टमाटर 80 रुपये किलो तथा आलू 35 रुपये किलो पर पहुंच चुका है. दालों में उछाल की वजह इनकी आपूर्ति में 70 लाख टन से अधिक की कमी है. वहीं सूखे की वजह से टमाटर और आलू का उत्पादन भी प्रभावित हुआ है.

गेहूं की कीमतों में भी पिछले कुछ सप्ताह के दौरान उछाल आया है. लेकिन सरकार ने आज घरेलू उत्पादन में 9 प्रतिशत की वृद्धि के अनुमान के आधार पर गेहूं पर 25 प्रतिशत के आयात शुल्क को विस्तार देने का फैसला किया है. उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के आंकडों के अनुसार उडद दाल का अधिकतम मूल्य 196 रुपये किलो तथा तुअर का 166 रुपये किलो है. चना दाल के दाम भी 95 रुपये किलो पर चल रहे हैं. मूंग और मसूर दाल का दाम क्रमश: 125 और 100 रुपये किलो चल रहा है.

सरकार ने दाल कीमतों पर नियंत्रण के लिए कई कदम उठाए हैं. इनमें बफर स्टाक को डेढ से बढाकर 8 लाख टन करना, आयात बढाना, चने के नए वायदा अनुबंधांे पर रोक तथा प्रवर्तन एजेंसियों को जमाखोरों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश शामिल है. सरकार कुछ अफ्रीकी देशों में ठेके पर दालों की खेती कराने पर भी विचार कर रही है. वर्ष 2015-16 के फसल वर्ष :जुलाई-जून: के दौरान सूखे की वजह से दलहन उत्पादन घटकर 1.7 करोड़ टन रहने का अनुमान है, जबकि वार्षिक घरेलू मांग 2.4 करोड टन की है.
सब्जियों में टमाटर 80 रुपये किलो तथा आलू 35 रुपये किलो की उंचाई पर पहुंच चुका है.
टमाटर के बारे में कृषि सचिव शोभना के पटनायक ने कहा कि इसकी कीमतों में उछाल अस्थायी है तथा नई फसल की आवक से दाम नीचे आएंगे. टमाटर के दाम जो दो दिन पहले आजादपुर मंडी में 60 रुपये किलो थे आज घटकर 20 से 40 रुपये किलो पर आ गए . हालांकि, गुणवत्ता व बिक्री के स्थान के हिसाब से इसके दाम अभी भी 50 से 80 रुपये किलो के बीच चल रहे हैं.
सरकार अफ्रीकी देशों …मोजाम्बिक, तंजानिया तथा मलावी में ठेका खेती की व्यवहार्यता की संभावना तलाश रही है, जिससे इस समस्या का दीर्घावधि का समाधान मिल सके. हालांकि, सरकार ने गेहूं पर 25 प्रतिशत का आयात शुल्क जारी रखने का फैसला किया है. उंचे उत्पादन के अनुमान की वजह से यह कदम उठाया गया है. खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने ट्विट किया, ‘‘गेहूं पर 25 प्रतिशत का आयात शुल्क आगे भी जारी रहेगा.” कृषि मंत्रालय के तीसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार 2015-16 के फसल वर्ष (जुलाई-जून) के दौरान गेहूं का उत्पादन बढकर 9.40 करोड़ टन रहने का अनुमान है. इससे पिछले साल यह 8.65 करोड टन रहा था.

Prabhat Khabar Digital Desk
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