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नोटबंदी: कांग्रेस छोड़ दस विपक्षी दल हुए एकजुट, आज भी संसद में होगा जोरदार हंगामा

नयी दिल्ली: नोटबंदी को लेकर एकजुट विपक्ष के भारी हंगामे के कारण संसद का शीतकालीन सत्र लगातार दूसरे सप्ताह भी बाधित होता नजर आ रहा है. सोमवार को लोकसभा की कार्यवाही दो बार के स्थगन के बाद दिन भर के लिए स्थगित कर दी गयी. वहीं, राज्यसभा की कार्यवाही विपक्ष के हंगामे के चलते पांच […]

नयी दिल्ली: नोटबंदी को लेकर एकजुट विपक्ष के भारी हंगामे के कारण संसद का शीतकालीन सत्र लगातार दूसरे सप्ताह भी बाधित होता नजर आ रहा है. सोमवार को लोकसभा की कार्यवाही दो बार के स्थगन के बाद दिन भर के लिए स्थगित कर दी गयी. वहीं, राज्यसभा की कार्यवाही विपक्ष के हंगामे के चलते पांच बार स्थगित हुई और तीन बजे उसे मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया. आज भी सदन के हंगामेदार होने की उम्मीद है क्योंकि सोमवार को भी लोकसभा में विपक्षी सदन का कार्य स्थगित करके मत विभाजन वाले नियम 56 के तहत तत्काल चर्चा कराने की मांग कर रहे थे जबकि सरकार ने कहा कि यह कदम कालाधन, भ्रष्टाचार और जाली नोट के खिलाफ उठाया गया है और वह नियम 193 के तहत चर्चा कराने को तैयार है. लेकिन, विपक्षी कार्य स्थगित करके चर्चा कराने की मांग पर अड़े रहे.

इससे पहले कल लोकसभा में विपक्ष ने नोटबंदी के चलते जान गंवानेवाले 70 लोगों को श्रद्धांजलि देने की मांग करते हुए नारेबाजी की. सरकार के नोटबंदी के फैसले के खिलाफ साझा मंच पर खड़े तृणमूल कांग्रेस, जदयू, बसपा, माकपा, भाकपा, राकांपा, झामुमो और द्रमुक ने केंद्र सरकार पर प्रहार करने के उद्देश्य से साझी कार्ययोजना तैयार करने के लिए सोमवार की नयी दिल्ली में एक बैठक की. सूत्रों ने बताया कि इन दलों के नेता वर्तमान सत्र में संसद के शुरू होने से पहले हर सुबह ऐसी रणनीति बैठक करेंगे. यह तय किया गया कि इन दस दलों के करीब 200 सांसद बुधवार को संसद परिसर में गांधीजी की प्रतिमा के सामने धरना देंगे. राष्ट्रपति भवन तक मार्च भी होगा, जिसके लिए तारीख बाद में तय होगी.

उधर, माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों को बंद के कदम के लिए दिल्ली में मोदी सरकार को निशाना बनाते हुए कहा कि कोई बुरे से बुरा शत्रु भी नोटबंदी से बेहतर योजना नहीं बना सकता था. उन्होंने ट्वीट किया, ‘हमारा सबसे बुरा शत्रु भी दो साल सूखा पड़ने के बाद, ग्रामीण भारत को चोट पहुंचाने के लिए नोटबंदी से बेहतर योजना नहीं बना सकता था.’ येचुरी ने कहा, ‘नोटबंदी के बजाय अमीर कॉरपोरेट द्वारा नहीं चुकाये गये कर्ज की वसूली सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए थी. इसने सिर्फ गरीब को चोट पहुंचाया है.’

केजरीवाल बोले- नोट नहीं, पीएम बदलो

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस मुद्दे पर मोदी पर प्रहार जारी रखा और एक मोबाइल वालेट कंपनी के साथ संबंध होने का आरोप लगाते हुए कहा कि इस फैसले से उस कंपनी का कारोबार बहुत बढ़ गया है. उन्होंने ट्वीट किया, ‘नोट नहीं, पीएम बदलो.’ उन्होंने मोदी से किसानों का ऋण माफ करने या हर जनधन खाते में 10,000 रुपये जमा करने की अपील की.

15 लोगों का खजाना भर रहे मोदी

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार की सुबह शहर के कई एटीएम का दौरा किया और लोगों से उनकी दिक्कतों के बारे में पूछा. उन्होंने कहा कि वे कतारों में खड़े हैं और सौदेबाजी हो रही है तथा पिछले दरवाजे से नकदी निकाली जा रही है. कुछ चुनिंदा लोगों को नकदी दी जा रही है. अमीरों को नकदी मिल रही है और गरीबों को कतारों में खड़ा किया जा रहा है. कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा, ‘मैं महसूस करता हूं कि प्रधानमंत्री के अपने 15 या 20 लोगों का खजाना भरेगा और उनके ऋण माफ कर दिये जायेंगे. बस गरीब लोग, जो लाइन में खड़े हैं, नुकसान उठायेंगे. उन्होंने कहा कि मोदी जी को संसद में आने की जरूरत ही क्या है. वे तो अपने मंत्रियों से भी राय मशविरा नहीं करते हैं.

पीएम दे रहे धमकी : ममता

उधर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ने कोलकाता में कहा, ‘प्रधानमंत्री अन्य दलों को धमकी दे रहे हैं, जो नोटबंदी के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं. प्रधानमंत्री को शालीन होना चाहिए. यदि जरूरी हो, तो उन्हें इस मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए।.’ उन्होंने कहा, ‘अहं का कोई टकराव नहीं है. नोटबंदी पर कार्ययोजना होनी चाहिए. मेरा नम्र निवेदन है कि इस मुद्दे का हल करने के लिए मिल कर काम करना चाहिए. लोग परेशान हो रहे हैं.’ उन्होंने कहा कि वह सरकार के इस कदम का विरोध करने के लिए मंगलवार को दिल्ली जायेंगी. ममता बनर्जी दिल्ली में विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लेंगी. साथ ही लखनऊ और बिहार में भी नोटबंदी के खिलाफ आवाज उठायेंगी.

नोटबंदी का विरोध राष्ट्रद्रोह जैसा

योगगुरु बाबा रामदेव ने नोटबंदी के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि इस बड़े फैसले का दूरगामी असर होगा. रामदेव ने नोटबंदी के विरोध को राष्ट्रद्रोह जैसा बताया. हालांकि, मोदी सरकार से मांग की है कि कालाधन के खिलाफ लड़ाई का फायदा देखने के लिए लिए हाल में शुरू किये गये 2000 के नोट को बंद करें. हिंदू धर्म आचार्य सभा से जुड़े अन्य धार्मिक नेताओं और स्वामी अवधेशानंद गिरी व डॉक्टर प्रणव पंड्या के साथ आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में बाबा रामदेव ने कहा कि ‘यह कालाधन, आतंक वित्तपोषण पर यह अब तक का सबसे बड़ा हमला है. हम इस तरह का कठोर फैसला लेने के लिए प्रधानमंत्री को बधाई देते हैं. नोटबंदी से कालाधन, भ्रष्टाचार और आतंकवाद जैसे लक्ष्यों से ही लड़ने में मदद नहीं मिलेगी, बल्कि वित्तीय समानता भी आयेगी. आम आदमी की जिंदगी आसान होगी.

भाजपा का पलटवार

ममता बनर्जी हास्य पात्र ‘बेताल’ के समान हैं. वह झूठ बोलती रहती हैं, झूठे बयान देती हैं और अफवाह फैलाती हैं. उन्हें झूठ फैलाना बंद करना चाहिए. वह प्रधानमंत्री से सवाल कर रही हैं, लेकिन उनकी क्या विश्वसनीयता है. मैं उनसे पूछना चाहूंगा कि एक काल्पनिक कंपनी से उनकी पार्टी के भारी चंदा हासिल करने का क्या आधार है. कहां से यह काला धन आया?

Prabhat Khabar Digital Desk
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