नयी दिल्ली : जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष करते हुए आखिरकार तमिलनाडु की मुख्यमंत्री व एआइडीएमके प्रमुख जे जयललिता ने सोमवार की रात दम तोड़ दिया. उन्होंने रात 11:30 बजे अंतिम सांस ली और उसके बाद उनका लाइफ सपोर्ट सिस्टम हटा लिया गया. वह गत 22 सितंबर से अपोलो अस्पताल में भरती थीं. अपने कई कामों के कारण वह चर्चे में रही लेकिन कुछ कारणों से वे विवादों में भी रहीं…
जयललिता और विवाद
1 जूते और साड़ियां : भ्रष्टाचार से जुड़े मामले में 1996 में जब उनके घर पुलिस ने छापा मारा तो पुलिस को वहां से 10 हजार से ज्यादा साड़ियां और 750 जोड़ी जूते मिले थे. इस खबर से पूरे देश में सनसनी मच गयी थी.
2 टीवी घोटाला : 1996 में ही जयललिता पर कलर टीवी की खरीदी में भ्रष्टाचार करने का आरोप लगा था. टीवी एक योजना के तहत गरीबों को देने के लिए आये थे. लेकिन जयललिता पर आरोप लगे थे कि उन्होंने महंगे दाम पर टीवी खरीदे. इससे कमाई का एक हिस्सा उन्हें भी मिला.
3 दत्तक पुत्र की शादी : जयललिता 1995 में ही विवादों में थी. उस समय उन्होंने जिस तरह अपने दत्तक पुत्र सुधाकरन की शादी की थी उससे अंतरराष्ट्रीय मीडिया भी आश्चर्यचकित थी.
4 हत्या के प्रयास का आरोप : 1998 में एआइएडीएमके प्रमुख पर उनके ही पूर्व अकाउंटेट राजशेखरन ने आरोप लगाया था कि जयललिता और शशिकला ने उन्हें अपने निवास पोएस गार्डन बुलाकर पिटवाया और जान से मारने की धमकी दी.
5 तमिलनाडु कोयला घोटाला : 1997 में जनता पार्टी के तत्कालीन अध्यक्ष की शिकायत पर जयललिता के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गयी थी. सुब्रह्मण्यम स्वामी ने जयललिता पर आरोप लगाये थे कि उनके कार्यकाल में बिजली बोर्ड के लिए सात अरब रुपये के कोयला आयात में अनियमितता की गयी.
6 तानसी जमीन घोटाला : 1998 में जयललिता और उनकी सहेली शशिकला और अन्य कई लोगों पर तानसी जमीन घोटाले का आरोप लगा था. इस मामले में जयललिता को दो साल के लिए जेल भी जाना पड़ा और 2001 में उन्हें मुख्यमंत्री पद छोड़ना पड़ा था.
7 सत्ता का दुरुपयोग : 27 सितंबर 2014 को तत्कालीन मुख्यमंत्री जयललिता को 1991 से 96 तक अपने पद का दुरुपयोग करने का दोषी पाया गया और उन्हें मुख्यमंत्री का पद छोड़ना पड़ा था. उन्हें 66.65 करोड़ की राशि अवैध रूप से हासिल करने को दोषी पाया था. बाद में कर्नाटक हाइ कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया और उन्हें सत्ता वापस मिल गयी.
क्यों भगवान मानती है जनता
जयललिता को जनता भगवान की तरह पूजती है. 2014 में जब जयललिता को जेल भेजा गया तो उनके कई समर्थकों ने आत्महत्या कर ली थी. दरअसल में जयललिता की लोकप्रियता इसलिए भी ज्यादा है क्योंकि उनकी योजनाएं सीधे जनता से जुड़ती हैं. उनकी योजनाएं गरीबों के हित में हैं. और खास बात ये है कि जयललिता की योजनाओं को अम्मा ब्रांड कहा जाता है. नजर डालते हैं अम्मा ब्रांड पर
अम्मा कैंटीन
1 रुपये में इडली सांभर और 5 रुपये में चावल. राज्य के सभी बड़े शहरों में अम्मा कैंटीन खुली.
अम्मा मिनरल वाटर
10 रुपये मिनरल वाटर की बोतल. चेन्नई समेत सभी प्रमुख शहरों में रेलवे स्टेशन-बस स्टैंड के आसपास बिकती है. बोतल पर अम्मा की तस्वीर.
अम्मा फार्मेसी
राज्य के प्रमुख अस्पतालों के पास खुले फार्मेसी में सस्ती दरों पर दवाएं उपलब्ध हैं.
अम्मा सीमेंट
गरीबों को घर बनाने के लिए सस्ते में सीमेंट बेचने की योजना को लोगों ने पसंद किया है.
बेबी केयर किट
अम्मा बेबी केयर किट में मच्छरदानी, मैट्रेस, साबुन, कपड़े, नैपकीन, बेबी शैंपू 16 सामान मुफ्त में दिये जाते हैं.
अम्मा मोबाइल
राज्य के स्वयं सहायता समूहों को फ्री में स्मार्टफोन. इसके अलावा अम्मा सॉल्ट, अम्मा सीड्स.
काफी कुछ मुफ्त में
गरीब औरतों को मिक्सर ग्राइंडर, लड़कियों को साइकिलें, छात्रों को स्कूल बैग, किताबें, यूनिफाॅर्म, फ्री में मास्टर हेल्थ चेकअप.
जयललिता जयरामन
जन्म: 24 फरवरी 1948
जन्म स्थान : मैसूर में मांडया जिले के पांडवपुरा तालुक के मेलुरकोट गाव में
माता-पिता : वेदावती और जयराम वेदवल्ली
शिक्षा : प्रारंभिक शिक्षा चर्च पार्क कॉन्वेंट स्कूल और बिशप कॉटन गर्ल्स स्कूल में. उच्च शिक्षा चेन्नई के चर्च पार्क प्रेजेंटेशन कान्वेंट और स्टेला मारिस कॉलेज से.
फिल्मों में अभिनय : 15 साल की आयु में प्रमुख अभिनेत्री के रूप में खुद को स्थापित किया. श्रीधर की फिल्म ‘वेन्नीरादई’ से करियर शुरू. 300 से ज्यादा तमिल, तेलुगु, कन्नड़ और हिंदी फिल्मों में काम.
राजनीति
1982 में जयललिता ने एआइएडीएमके ज्वायन किया.
1983 में उन्हें पार्टी का प्रोपोगेंडा सेक्रेटरी बनाया गया.
1984 से 1989 तक वे तमिलनाडु से राज्यसभा की सदस्य रहीं.
1991 में तमिलनाडु की सबसे कम उम्र की सीएम बनीं. 12 मई 1996 तक रहीं.
2001 में फिर सीएम बनीं, लेकिन 2002 में पद छोड़ना पड़ा.
16 मई, 2011 को फिर सीएम बनीं.