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जम्मू-कश्‍मीर: अलगाववादी फिर एक बार कश्मीर को भड़काने की कर रहे हैं कोशिश

!!अनिल एस साक्षी!!श्रीनगर : दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले और शोपियां शहर में रविवार को दो नागरिकों की मौत के बाद भड़की हिंसा से घाटी में तनाव व्याप्त है. इन मौतों के विरोध में अलगाववादी संगठनों ने घाटी भर में सोमवार को हड़ताल किया, जिसका मिला जुला असर देखने को मिला. श्रीनगर में ज्यादातर दुकानें, […]

!!अनिल एस साक्षी!!
श्रीनगर : दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले और शोपियां शहर में रविवार को दो नागरिकों की मौत के बाद भड़की हिंसा से घाटी में तनाव व्याप्त है. इन मौतों के विरोध में अलगाववादी संगठनों ने घाटी भर में सोमवार को हड़ताल किया, जिसका मिला जुला असर देखने को मिला. श्रीनगर में ज्यादातर दुकानें, पेट्रोल स्टेशन और अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहीं. वहीं, सरकारी स्कूल और दफ्तरों में भी ताले लगे रहें. सड़कें भी सुनसान रहीं. हालांकि, कई इलाकों में सार्वजनिक और निजी वाहन सड़कों पर दिखायी दिये. एक तरह से घाटी में अघोषित कर्फ्यू जैसी स्थिति बनी रही.

वहीं, कुलगाम और शोपियां में अलगाववादियों के हड़ताल के कारण प्रशासन ने कर्फ्यू लगा दिया है. अलगाववादी संगठन हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के दोनों धड़ों के अध्यक्ष सैयद अली शाह गिलानी और मीरवाइज उमर फारूक और जेकेएलएफ प्रमुख मोहम्मद यासिन मलिक ने नागरिकों की मौतों के विरोध में 15 फरवरी को ‘कुलगाम चलो’ रैली का आह्वान किया है. इसको देखते हुए कई हुर्रियती नेताओं को भी नजरबंद किया जा रहा है. बता दें कि रविवार को एक व्यक्ति की मौत आतंकवादियों और सुरक्षाबलों के बीच हुई मुठभेड़ में हुई थी, जबकि दूसरा व्यक्ति इसके बाद हुए प्रदर्शनों में मारा गया था.

एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि रविवार को हुई मौतों के मद्देनजर कानून एवं व्यवस्था की स्थिति बनाये रखने के लिए समस्त कुलगाम जिले और शोपियां शहर में कर्फ्यू लागू कर दिया गया है. बहरहाल, दक्षिण कश्मीर से होकर गुजरनेवाले श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर लोगों की आवाजाही की अनुमति दी गयी है. घाटी में कहीं भी लोगों के आने-जाने पर कोई पाबंदी नहीं है, लेकिन असामाजिक तत्वों पर कड़ी निगरानी रखने के लिए संवेदनशील इलाकों में सुरक्षाबलों को तैनात किया गया है.

कश्मीर को भड़काने का एक और मौका

अलगाववादी नेताओं को कश्मीर को भड़काने का एक और मौका मिल गया है. अगर खुफिया अधिकारियों की मानें, तो कुलगाम में दो नागरिकों की मौत और कई जख्मी प्रदर्शनकारियों की आंखों की रोशनी चले जाने की घटना को आधार बना कर हुर्रियती नेता आंदोलन को फिर से जगाने की कोशिश में जुट गये हैं. इसकी शुरुआत उन्होंने 15 फरवरी से ‘कुलगाम चलो’ के आह्वान से करने का फैसला किया है.

स्थानीय आतंकियों की बढ़ रही भागीदारी

कश्मीर में स्थानीय आतंकियों की बढ़ती संख्या को लेकर पुलिस अधिकारी चितिंत हैं. इस साल जनवरी से लेकर अभी तक मारे गये 15 आतंकियों में से 11 स्थानीय नागरिक थे. पिछले साल इसी अवधि में मरनेवाले 12 में से 10 विदेशी नागरिक थे. वहीं, इस बार सभी आतंकी कश्मीर के भीतर मुठभेड़ में मारे जा रहे हैं, जबकि पिछले वर्ष घुसपैठ की कोशिश में एलओसी पर मारे गये थे.

शहीदों को श्रद्धांजलि पार्थिव शरीर रवाना

सेना ने कुलगाम जिले में रविवार को आतंकियों के साथ हुई मुठभेड़ में शहीद हुए दो जवानों को सोमवार को श्रद्धांजलि दी. रक्षा प्रवक्ता ने बताया कि बादामी बाग छावनी में वीर दिवंगत लांस नायक भंडोरिया गोपाल सिंह मुनिमसिंह और सिपाही रघुवीर सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की गयी. 33 वर्षीय लांस नायक गुजरात में अहमदाबाद जिले के गोकुल चंद चाली चमनपुरा के रहनेवाले थे और पिछले 14 वर्षों से सेना में तैनात थे. परिवार में उनकी पत्नी बी हेमवती हैं. सिपाही रघुवीर सिंह केवल 31 साल के थे और पिछले 13 सालों से सेना में कार्यरत थे. वह उत्तराखंड में चमोली जिले के मकहोली गांव के निवासी थे. परिवार में उनकी पत्नी रेखा और छह साल का एक पुत्र है. जवानों के पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार के लिए उनके पैतृक स्थान ले जाया जा रहा है.

Prabhat Khabar Digital Desk
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