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कमजोर छात्रों की मदद से घाटी में युनाइटेड जिहाद की साजिश

नयी दिल्ली : घाटी में पत्थरबाजी की घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं. केंद्र और राज्य सरकार की तमाम कोशिशें बेकार साबित हो रही हैं. भारत की ओर से युवाओं को जितना समझाने की कोशिश हो रही है, आतंकवादी उन्हें उतनी ही तेजी से भड़काने मेंजुटे हैं. सेना और सुरक्षा बलों के लगातार […]

नयी दिल्ली : घाटी में पत्थरबाजी की घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं. केंद्र और राज्य सरकार की तमाम कोशिशें बेकार साबित हो रही हैं. भारत की ओर से युवाओं को जितना समझाने की कोशिश हो रही है, आतंकवादी उन्हें उतनी ही तेजी से भड़काने मेंजुटे हैं. सेना और सुरक्षा बलों के लगातार हो रहे ऑपरेशन से आंतकीसंगठन बौखला गये हैं.

लश्कर-ए-तैयबा, हिजबुल मुजाहिदीन और जैश-ए-मोहम्मद भारतीय सेना से निबटने के लिएएकजुटहो गये हैं. ‘यूनाइटेड जिहाद’ के बैनर तले एकजुट हो रहे आतंकी संगठन कश्मीरी छात्रों को गुमराह कर पत्थरबाजी के लिए उकसा रहे हैं. ये ग्रुप एक साथ अपनी खुफिया रणनीति और हथियार साझा कर रहे हैं. वर्ष 2001 के बाद यह पहला मौका है, जब ये ग्रुपएकसाथ मिल कर कश्मीर में हालत बिगाड़ना चाह रहे हैं.

यह तो सभी जानते हैं कि आतंकवादी स्कूल जानेवाले बच्चों को पैसे देकर घाटी में सेना पर पत्थरबाजी करवाते हैं. लेकिन, अब जो खबर आयी है, उसमें कहा गया है कि आतंकी संगठन ऐसे बच्चों को अपने साथ जोड़ रहे हैं, जो पढ़ने में कमजोर हैं. मैट्रिक और इंटर में फेल होनेवाले छात्र पत्थरबाजी करने के लिए आतंकवादी संगठनों की पहली पसंद हैं.

खुफिया रिपोर्टों में कहा गया है कि स्कूली बच्चों को पत्थरबाज बना कर आतंकवादी कश्मीर घाटी में हिंसा को नया स्वरूप देना चाहते हैं. राहत की बात यह है कि आतंकवादियों को जनवरी, 2017 से अब तक 13 कश्मीरी किशोरों को ही ‘युनाइटेड जिहाद’ से जोड़ने में कामयाबी मिली है.

हालांकि, आतंकी संगठन के लोग 10वीं और 12वीं में पढ़नेवाले कमजोर विद्यार्थियों पर लगातार नजर रख रहे हैं. स्लीपर सेल को इस बात की जिम्मेदारी सौंपी गयी है कि वे छात्रों को गुमराह करें और पत्थरबाजी के लिए उकसायें.

आइएसआइ ने घुसपैठ तेज करने का दिया निर्देश
पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ ने सीमा पारकैंप में बैठे आतंकवादियों को कश्मीर घाटी में घुसपैठ तेज करने के लिए कहा है. आतंकियों को सेना और सुरक्षा बलों केकैंप पर हमले तेज करने के लिए कहा गया है. इसके साथ ही आतंकियों को यह भी निर्देश दिया गया है कि किसी भी ऑपरेशन के वक्त पत्थरबाजी में स्कूली छात्रों को हर हाल में शामिल किया जाना चाहिए.

Prabhat Khabar Digital Desk
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