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‘संसद तो किसानों का अस्पताल है, वहां एम्स से भी अच्छा होता है इलाज’

केंद्र की मोदी सरकार की ओर से लागू किए गए तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसानों के आंदोलन के सात महीने पूरे हो गए हैं. इस मौके पर विभिन्न किसान संगठन देश के विभिन्न राज्यों के राज्यपाल और केंद्र शासित प्रदेश के उपराज्यपाल को ज्ञापन सौंपने की कोशिशों में जुटे हैं. इसके साथ ही, उन्होंने राजभवनों का घेराव करने का भी ऐलान किया है. इसी बीच, भारतीय किसान यूनियन ने दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपने का ऐलान किया, तो दिल्ली में सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद कर दी गई.

नई दिल्ली : केंद्र की मोदी सरकार की ओर से लागू किए गए तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसानों के आंदोलन के सात महीने पूरे हो गए हैं. इस मौके पर विभिन्न किसान संगठन देश के विभिन्न राज्यों के राज्यपाल और केंद्र शासित प्रदेश के उपराज्यपाल को ज्ञापन सौंपने की कोशिशों में जुटे हैं. इसके साथ ही, उन्होंने राजभवनों का घेराव करने का भी ऐलान किया है. इसी बीच, भारतीय किसान यूनियन ने दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपने का ऐलान किया, तो दिल्ली में सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद कर दी गई.

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मीडिया और एजेंसियों की खबर के अनुसार, दिल्ली पुलिस ने शनिवार को किसानों के विरोध मार्च करने की आशंका के मद्देनजर दिल्ली की सीमाओं पर सुरक्षा इंतजाम कड़े कर दिए. खबर है कि दिल्ली पुलिस ने राजभवन के पास सुरक्षा व्यवस्था को पूरी तरह से सख्त कर दिया है.

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दिल्ली की सीमाओं सिंघू, टीकरी और गाजीपुर में भी किसानों ने डेरा डाला हुआ है. प्रदर्शन कर रहे किसानों ने केंद्र के नए कृषि कानूनों को वापस लेने और उनकी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी देने वाला एक नया कानून बनाने की मांग की है.

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इस बीच, भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि अगर हमारे लोगों को उपराज्यपाल से मिलने नहीं दिया गया तो हम दिल्ली कूच करेंगे. हम कैसे जाएंगे इस पर हम अभी बैठक कर रहे हैं. हम उपराज्यपाल के पास जाएंगे.

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टिकैत ने कहा कि हमारे जिन पदाधिकारियों को पकड़ा हैं उन्हें या तो तिहाड़ जेल भेजो या फिर राज्यपाल से इनकी मुलाकात कराओ. हम आगे बताएंगे कि दिल्ली का क्या इलाज करना है. दिल्ली बगैर ट्रैक्टर के नहीं मानती है. लड़ाई कहां होगी, स्थान और समय क्या होगा यह तय कर बड़ी क्राांति होगी.

उन्होंने कहा कि संसद तो किसानों का अस्पताल है. वहां हमारा इलाज होगा. हमें पता चला हैं कि किसानों का इलाज एम्स से अच्छा तो संसद में होता है. हम अपना इलाज वहां कराएंगे. जब भी दिल्ली जाएंगे हम संसद में जाएंगे.

इसके पहले खबर यह आई थी कि राकेश टिकैत को गिरफ्तार कर लिया गया है. सोशल मीडिया पर इस खबर को आने के बाद से ही खलबली मच गई. इसके बाद भारतीय किसान यूनियन के मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र मलिक उनकी गिरफ्तारी की बात को अफवाह करार दिया. उन्होंने कहा कि टिकैत गाजीपुर बॉर्डर पर ही मौजूद हैं. इसके बाद राकेश टिकैत ने खुद ट्वीट कर गाजीपुर बॉर्डर पर होने की बात कही.

उधर, किसानों के दिल्ली कूच करने के पहले दिल्ली मेट्रो ने चार घंटों के लिए येलो लाइन पर अपने तीन मुख्य स्टेशनों का बंद कर दिया. डीएमआरसी ने शुक्रवार रात को ही ट्वीट कर दिया था कि दिल्ली पुलिस की सलाह पर सुरक्षा वजहों के मद्देनजर येलो लाइन पर तीन मेट्रो स्टेशन विश्वविद्यालय, सिविल लाइंस और विधानसभा शनिवार को सुबह दस बजे से दोपहर दो बजे तक जनता के लिए बंद रहेंगे.

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Posted by : Vishwat Sen

Prabhat Khabar Digital Desk
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