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अमृतपाल सिंह से मिलने डिब्रूगढ़ जेल पहुंची पत्नी किरणदीप कौर, 48 दिनों बाद पहली मुलाकात

पति अमृतपाल से मिलने डिब्रूगढ़ जेल पहुंची किरणदीप कौर ने मीडिया से कोई बात नहीं की. किरणदीप कौर ने अपना चेहरा दुपटे से ढक रखा था. मालूम हो फरार होने के बाद अमृतपाल से उसकी पहली मुलाकात थी.

असम के डिब्रूगढ़ जेल में बंद खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह ने पत्नी किरणदीप कौर से मुलाकात की. करीब 48 दिनों के बाद जब दोनों के बीच भेंट हुई तो एक घंटे तक बातचीत होती रही.

मीडिया से कोई बात नहीं की अमृतपाल की पत्नी किरणदीप कौर

पति अमृतपाल से मिलने डिब्रूगढ़ जेल पहुंची किरणदीप कौर ने मीडिया से कोई बात नहीं की. किरणदीप कौर ने अपना चेहरा दुपटे से ढक रखा था. मालूम हो फरार होने के बाद अमृतपाल से उसकी पहली मुलाकात थी.

पुलिस ने अमृतपाल की पत्नी को लंदन जाने से रोका था

मालूम हो जब अमृतपाल सिंह फरार चल रहा था, तब उसकी पत्नी किरणदीप कौर लंदन जाने के लिए अमृतसर एयरपोर्ट पहुंची थी. लेकिन वहां पंजाब पुलिस ने उन्हें रोक दिया. उसके साथ घंटों पूछताछ की गयी थी. हालांकि पूछताछ के बाद उसे छोड़ दिया गया था.

Also Read: पंजाब पुलिस ने ऐसे घेरकर अमृतपाल सिंह को किया गिरफ्तार, भिंडरावाले के गांव से क्या है कनेक्शन?

जेल में बंद अमृतपाल ने कहा, मैं ऊर्जा से भरपूर और आशावादी हूं

असम के डिब्रूगढ़ केंद्रीय कारागार में बंद ‘वारिस पंजाब दे’ के प्रमुख अमृतपाल सिंह ने अपने वकील को लिखे पत्र में कहा है कि वह जेल भी ऊर्जा से भरपूर और आशावादी है. अमृतपाल समेत इसके संगठन के गिरफ्तार कार्यकर्ताओं के परिजन डिब्रूगढ़ केंद्रीय कारागार में उनसे मुलाकात की. अमृतपाल ने जेल में अपने वकील भगवंत सिंह सियाल्का को गुरमुखी में लिखा एक पत्र सौंपा, जिसमें उसने कहा, ईश्वर की कृपा से मैं यहां भी ऊर्जा से भरपूर और आशावादी हूं.

अमृतपाल सिंह ने पंजाब सरकार पर लगाया आरोप

अपने संगठन के सदस्यों के खिलाफ मामलों का जिक्र करते हुए अमृतपाल सिंह ने पंजाब सरकार पर ज्यादती करने और सिखों के खिलाफ कई फर्जी मामले दर्ज करने का आरोप लगाया. उसने पत्र में कहा, यह पूरा मामला ‘खालसा पंथ’ का है और मैं ‘पंथ’ से अपील करता हूं कि सक्षम अधिवक्ताओं का एक पैनल बनाया जाए, जो इन सभी मामलों को देखे.

23 अप्रैल को डिब्रूगढ़ लाया गया था अमृतपाल सिंह

गौरतलब है कि अमृतपाल को पंजाब में गिरफ्तारी के बाद 23 अप्रैल को असम के डिब्रूगढ़ जेल लाया गया था. वह तब से एकांत कारावास में है. अमृतपाल सिंह के अलावा ‘वारिस पंजाब दे’ के नौ अन्य कार्यकर्ताओं को 19 मार्च से डिब्रूगढ़ जेल लाया जा चुका है.

अमृतपाल ने अपने समर्थकों के साथ अजनाला थाने पर हमला बोला था

खालिस्तान समर्थक अमृतपाल और उसके समर्थकों ने हथियारों के साथ पिछले महीने अजनाला थाने पर धावा बोला था. जिसे देश के सुरक्षा तंत्र द्वारा एक चुनौती के रूप में देखा गया था. पंजाब पुलिस ने अजनाला थाने पर हमला करने के बाद 18 मार्च को अमृतपाल और उसके संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ के सदस्यों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई शुरू की थी, जिसके बाद से वह 36 दिनों तक फरार रहा.

ArbindKumar Mishra
ArbindKumar Mishra
मुख्यधारा की पत्रकारिता में 14 वर्षों से ज्यादा का अनुभव. खेल जगत में मेरी रुचि है. वैसे, मैं राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय खबरों पर काम करता हूं. झारखंड की संस्कृति में भी मेरी गहरी रुचि है. मैं पिछले 14 वर्षों से प्रभातखबर.कॉम के लिए काम कर रहा हूं. इस दौरान मुझे डिजिटल मीडिया में काम करने का काफी अनुभव प्राप्त हुआ है. फिलहाल मैं बतौर शिफ्ट इंचार्ज कार्यरत हूं.

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