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आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री ने CJI को लिखा पत्र, सुप्रीम कोर्ट के जज के खिलाफ लगाये गंभीर आरोप

Jagan Mohan Reddy: आंध्र प्रदेश (Andhra pradesh) के मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के मुख्य न्यायधीश एसए बोबड़े (AA Bobde) को पत्र लिखा है. पत्र के जरिये आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री ने सुप्रीम कोर्ट के जज न्यायमूर्ति एनवी रमना (NV Ramna)पर गंभीर आरोप लगाये हैं. उन्होंने कहा है कि एन वी रमना हाई कोर्ट की बेंच को प्रभावित कर रहे हैं. जिनमें कुछ जजों के रोस्टर को प्रभावित करना भी शामिल हैं.

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश एसए बोबड़े को पत्र लिखा है. पत्र के जरिये आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री ने सुप्रीम कोर्ट के जज न्यायमूर्ति एनवी रमना पर गंभीर आरोप लगाये हैं. उन्होंने कहा है कि एन वी रमना हाईकोर्ट की बेंच को प्रभावित कर रहे हैं. जिनमें कुछ जजों के रोस्टर को प्रभावित करना भी शामिल हैं.

अपने आठ पन्नों के पत्र में प्रदेश के मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी ने आरोप लगाया है कि जस्टिस रमना टीडीपी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री चंद्राबाबू नायडू के करीबी हैं. पत्र में लिखा गया है कि जस्टिस रमना ने पूर्व सीएम चंद्रबाबू से जुड़े मामलों की सुनवाई को प्रभावित किया है. साथ ही उनकी बेटियां भी जमीन के खरीद फरोख्त में शामिल रही हैं.

6 अक्टूबर को लिखे गये इस पत्र को प्रदेश के मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी के प्रधान सलाहकार अजय कल्लम द्वारा हैदराबाद में मीडिया को शनिवार शाम को जारी किया गया. चिट्ठी में उन बातों का भी जिक्र किया गया है. जब तेलुगुदेशम पार्टी से जुड़े कुछ मामलों को कुछ चिन्हित जगहों जजों को ही सौंपा गया था.

जगनमोहन रेड्डी ने हाई कोर्ट के उस आदेश का हवाला देते हुए कहा कि पूर्व महाधिवक्ता दम्मलापति श्रीनिवास द्वारा दायर 2020 की रिट याचिका संख्या 16468 में श्री श्रीनिवास के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी की जांच और प्रेस पर चुप रहने का आदेश दिया गया था. जिसके खिलाफ एक एसएलपी को प्राथमिकता दी गई थी.

यहां तक आरोप लगाया गया है कि जस्टिस रमना सरकार को अस्थिर करने के चंद्रबाबू नायडू की कोशिशों का साथ दे रहे हैं. हाई कोर्ट के जजों को प्रभावित करते हुए कोर्ट के काम में दखलअंदाजी कर रहे हैं. मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि पूर्व राज्य महाधिवक्ता दम्मलापति श्रीनिवास द्वारा भूमि सौदे की जांच उच्च न्यायालय द्वारा रोक दी गई थी, हालांकि उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो द्वारा एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी.

बता दें कि जस्टिस रमना ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस आर बनुमथी की एक पुस्तक के लोकार्पण में कहा था कि जैसा कि न्यायाधीश अपने बचाव में बोलने से खुद को रोकते हैं, उन्हें अब आलोचना के लिए सॉफ्ट टार्गेट के रूप में माना जा रहा है.

पत्र में कहा गया है कि जब से वाईएसआर कांग्रेस पार्टी ने मई 2019 में सत्ता हासिल की है और जून 2014 से मई 2019 तक एन चंद्रबाबू नायडू के शासन द्वारा किए गए सभी सौदों की जांच का आदेश दिया है, इसके बाद से ही न्यायमूर्ति एनवी रमना ने राज्य की न्याय प्रणाली को प्रभावित करना शुरु कर दिया.

Posted By: Pawan Singh

Prabhat Khabar Digital Desk
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