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मणिपुर हिंसा के लिए असम CM ने कांग्रेस को ठहराया जिम्मेदार, जानें विस्तार से

बीते कई महीनों से मणिपुर में हिंसा जारी है. लेकिन बीते दिनों पहले मणिपुर हिंसा का एक ऐसा दर्दनाक वीडियो सामने आया जिसके बाद देशभर में इन घटना की निंदा हुई. वहीं, कई राजनीतिक पार्टियों ने इस मामले में राज्य सरकार को भी घेरा और पुलिस की कार्रवाई पर सवाल खड़े किए.

Assam CM On Manipur Violence : मणिपुर हिंसा से जुड़ी हुई कई तस्वीरें सामने आयी. बीते कई महीनों से मणिपुर में हिंसा जारी है. लेकिन बीते दिनों पहले मणिपुर हिंसा का एक ऐसा दर्दनाक वीडियो सामने आया जिसके बाद देशभर में इन घटना की निंदा हुई. वहीं, कई राजनीतिक पार्टियों ने इस मामले में राज्य सरकार को भी घेरा और पुलिस की कार्रवाई पर सवाल खड़े किए. अब असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने इस हिंसा का जिम्मेदार कांग्रेस को ठहराया है.

‘कांग्रेस सरकार की दोषपूर्ण राजनीति के चलते राज्य में जातीय संघर्ष’

असम के सीएम ने आरोप लगाया है कि मणिपुर में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की दोषपूर्ण राजनीति के चलते राज्य में जातीय संघर्ष हुआ है. उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि कांग्रेस अब मणिपुर में अपने हितों को ध्यान में रखते हुए छल-कपट कर रही है, जबकि राज्य और केंद्र में उसकी सरकार रहने के दौरान उसके नेताओं के मुंह से “एक शब्द तक नहीं निकलता था.” बता दें कि असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने ट्विटर के माध्यम से कांग्रेस पार्टी पर यह आरोप लगाए है.

“मणिपुर के सामाजिक ताने-बाने में जबरदस्त सुधार”

उन्होंने अपने ट्वीट में कहा, “मणिपुर में बहु-जातीय संघर्षों के कारण जो पीड़ा देखने को मिल रही है उसकी वजह राज्य के प्रारंभिक वर्षों के दौरान कांग्रेस सरकारों की दोषपूर्ण नीतियां हैं. सात दशक के कुशासन से पैदा हुई गड़बड़ियों को ठीक करने में समय लगेगा.” उन्होंने दावा किया कि 2014 के बाद से, “मणिपुर के सामाजिक ताने-बाने में जबरदस्त सुधार” हुआ है और “माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में दशकों पुराने जातीय संघर्षों को हल करने की प्रक्रिया समग्रता से पूरी की जाएगी.”

‘कांग्रेस अचानक मणिपुर में अत्यधिक रुचि दिखा रही’

साथ ही असम सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, “कांग्रेस अचानक मणिपुर में अत्यधिक रुचि दिखा रही है. थोड़ा पीछे जाकर राज्य में इसी तरह के संकटों पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की प्रतिक्रिया को देखना महत्वपूर्ण है.” उन्होंने दावा किया कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) के कार्यकाल के दौरान मणिपुर “नाकाबंदी की राजधानी” बन गया था, और 2010-2017 के बीच, जब राज्य में कांग्रेस का शासन था, हर साल 30 दिन से लेकर 139 दिन तक नाकाबंदी की जाती थी.

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डीसीडब्ल्यू की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल हिंसाग्रस्त मणिपुर पहुंचीं

बता दें कि इससे पहले दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल रविवार को हिंसाग्रस्त मणिपुर पहुंचीं. हालांकि, इससे एक दिन पहले, मणिपुर सरकार ने उन्हें दौरे की अनुमति देने से कथित रूप से इनकार कर दिया था. मालीवाल ने रविवार सुबह कहा था कि वह पूर्व निर्धारित योजना के तहत पूर्वोत्तर राज्य का दौरा करेंगी. मालीवाल ने ट्वीट किया, ‘‘अभी मणिपुर पहुंची हूं. मैंने मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह से मुलाकात के लिए समय मांगा है. मुझे उम्मीद है कि वह मेरा अनुरोध जल्द से जल्द स्वीकार कर लेंगे.’’

मालीवाल ने मणिपुर सरकार पर लगाया था आरोप

मालीवाल ने शनिवार को आरोप लगाया था कि मणिपुर सरकार ने उन्हें ‘‘यौन उत्पीड़न की शिकार हुई महिलाओं से मिलने के लिए राज्य की यात्रा करने की अनुमति देने से इनकार’’ कर दिया है. मालीवाल ने रविवार को ट्वीट किया कि उन्होंने मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को पत्र लिखकर उनके साथ बैठक करने का अनुरोध किया है. मालीवाल ने ट्वीट किया, ‘‘मणिपुर सरकार ने कानून-व्यवस्था संबंधी स्थिति के कारण मुझे अपनी यात्रा स्थगित करने पर विचार करने का सुझाव दिया था. उनके सुझाव पर विचार-विमर्श करने के बाद मैंने निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार इंफाल जाने का फैसला किया. मणिपुर के मुख्यमंत्री से समय मांगा है. उनसे मुलाकात करूंगी और यौन उत्पीड़न का शिकार हुई महिलाओं के पास साथ चलने का अनुरोध करूंगी.’’

मैतेई समुदाय और कुकी समुदाय के बीच विवाद

मणिपुर उच्च न्यायालय ने 19 अप्रैल को एक आदेश जारी किया जिसमें राज्य के बहुसंख्यक मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा दिया गया था। हाई कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया था कि वह 10 साल पुरानी सिफारिश को लागू करे जिसमें गैर-जनजाति मैतेई समुदाय को जनजाति में शामिल करने की बात कही गई थी. इस आदेश के बाद राज्य में मैतेई समुदाय और कुकी समुदाय के बीच विवाद शुरू हो गया और धीरे-धीरे यह हिंसक रूप लेने लगा.

Aditya kumar
Aditya kumar
I adore to the field of mass communication and journalism. From 2021, I have worked exclusively in Digital Media. Along with this, there is also experience of ground work for video section as a Reporter.

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