21.9 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

नकली जज बन 2000 अपराधियों को छोड़ा, 150 से ज्यादा चोरी, जानिए अब क्यों बंद हुआ केस?

Fake Judge: नकली जज बन कर 2 हजार कैदियों को छोड़ने वाले आरोपी का केस अदालत ने बंद कर दिया है.

Fake Judge: झज्जर जिला अदालत में नकली जज बनकर करीब 2000 अपराधियों को जमानत पर छोड़ने वाले धनीराम मित्तल का 20 साल पुराना चोरी का केस चंडीगढ़ जिला अदालत ने बंद कर दिया है. धनीराम मित्तल एक कुख्यात चोर था, जिसके खिलाफ चंडीगढ़, पंजाब, हरियाणा, और राजस्थान में 150 से अधिक चोरी के मामले दर्ज थे. उसे पिछले साल चंडीगढ़ पुलिस ने चोरी के एक मामले में गिरफ्तार किया था, लेकिन उसकी उम्र को देखते हुए अदालत ने उसे जल्दी जमानत पर रिहा कर दिया. इसके बाद धनीराम दिल्ली भाग गया और अदालत में फिर से पेश नहीं हुआ.

2004 में दर्ज हुई थी केस

जिस केस को अब बंद किया गया है, उसकी एफआईआर 2004 में चंडीगढ़ के सेक्टर-3 थाने में दर्ज की गई थी. उस पर आरोप था कि उसने पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट की पार्किंग से अशोक कुमार नामक व्यक्ति की कार चुराई थी. चोरी की कार को तीन साल बाद पुलिस ने बरामद किया, और धनीराम मित्तल का नाम फिर सामने आया. धनीराम के खिलाफ एक और चोरी और ठगी का मामला चंडीगढ़ की अदालत में चल रहा था, जिसे भी पुलिस जल्द ही बंद कर सकती है.

इसे भी पढ़ें: Life Insurance: सावधान! इन 6 बड़े कारणों से जीवन बीमा क्लेम हो जाता है रिजेक्ट, नहीं मिलता एक पैसा

धनीराम के अपराधों की सूची काफी लंबी है, लेकिन उसका “नकली जज” बनने का कांड सबसे चौंकाने वाला है. यह घटना 1970 के दशक की है, जब झज्जर के एक अतिरिक्त न्यायाधीश के खिलाफ विभागीय जांच शुरू हुई. धनीराम ने इस जांच की जानकारी हासिल कर न्यायाधीश का पता ढूंढ निकाला.

नकली जज बन 2000 आरोपियों को छोड़ा

एक दिन जज के घर पर एक पत्र पहुंचा, जिस पर हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार के हस्ताक्षर और मुहर थी. इस पत्र में लिखा था कि जांच पूरी होने तक जज को छुट्टी पर भेजा जा रहा है. जज ने अदालत जाना बंद कर दिया. यह पत्र असल में धनीराम ने खुद तैयार किया था, और रजिस्ट्रार के हस्ताक्षर भी उसने ही किए थे. इसके बाद, उसने झज्जर अदालत को भी एक फर्जी पत्र भेजा, जिसमें कहा गया कि नए जज को न्यायाधीश की अनुपस्थिति में काम सौंपा गया है.

इसे भी पढ़ें: Bizarre News: केवल € 500 में शादी तुड़वाता है ये आदमी, दिसंबर तक बुकिंग हुई फुल 

धनीराम ने खुद जज बनकर अदालत में बैठना शुरू कर दिया. अगले दो महीने तक, उसने कई फैसले सुनाए और 2,000 से अधिक कैदियों को जमानत पर रिहा कर दिया. इस दौरान किसी को भी शक नहीं हुआ कि वह असली जज नहीं है. बाद में, वह फरार हो गया. जानकारी के लिए बता दें कि धनीराम की पांच महीने पहले, 18 अप्रैल 2024 को, 86 साल की उम्र में हार्ट अटैक से मृत्यु हो गई थी. इसके बाद चंडीगढ़ जिला अदालत ने 20 साल पुराने केस को बंद करने का फैसला किया है.

Aman Kumar Pandey
Aman Kumar Pandey
अमन कुमार पाण्डेय डिजिटल पत्रकार हैं। राजनीति, समाज, धर्म पर सुनना, पढ़ना, लिखना पसंद है। क्रिकेट से बहुत लगाव है। इससे पहले राजस्थान पत्रिका के यूपी डेस्क पर बतौर ट्रेनी कंटेंट राइटर के पद अपनी सेवा दे चुके हैं। वर्तमान में प्रभात खबर के नेशनल डेस्क पर कंटेंट राइटर पद पर कार्यरत।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel