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Budget 2021: देश के इन शहरों में बिछेगा मेट्रो का जाल, नियो और लाइट टेक्निक होगा यूज, यहां पढ़िये- दोनों में क्या है अंतर

Budget 2021: देश के अब किसी भी शहर में मेट्रो बनाने में लाइट (LIGHT) और नियो (NEO) नाम की दो नई टेक्निक (Technic) का इस्तेमाल होगा. सोमवार को पेश केंद्रीय आम बजट (Union Budget 2021) में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसका ऐलान किया. इसके साथ ही उन्होंने देश के कई शहरों में मेट्रो चलाने की घोषणा की.

Budget 2021: देश के अब किसी भी शहर में मेट्रो बनाने में लाइट (LIGHT) और नियो (NEO) नाम की दो नई टेक्निक (Technic) का इस्तेमाल होगा. सोमवार को पेश केंद्रीय आम बजट (Union Budget 2021) में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसका ऐलान किया. इसके साथ ही उन्होंने देश के कई शहरों में मेट्रो चलाने की घोषणा की.

वित्त मंत्री के बजट भाषण के मुताबिक, देश के कोच्चि, चेन्नई, बेंगलुरु, नागपुर और नासिक सहित अन्य शहरों में मेट्रो रेल लाइन बिछाया जाएगा. चेन्नई मेट्रो के तहत 100 किलोमीटर लंबी लाइन बनेगी. कोच्चि मेट्रो फेज-2 में 11 किलोमीटर लंबी लाइन बनेगी. जबकि बेंगलुरु मेट्रो प्रोजेक्ट का भी विस्तार होगा.

नागपुर और नासिक मेट्रो प्रोजेक्ट को भी केंद्र की मदद दी जाएगी. निर्मला सीतारमण ने बताया कि शहरी बुनियादी संरचना में 702 किलोमीटर लंबी मेट्रो लाइन अब तक बन चुकी है जबकि 1016 किलोमीटर मेट्रो लाइन पर काम चल रहा है, यह काम देश के अलग अलग राज्यों के 27 शहरों में हो रहा है.

नीयो और लाइट मेट्रो टेक्निक में अंतर?

केंद्रीय शहरी मंत्रालय ने दिसंबर 2020 में ही नियो मेट्रो को लॉन्च किया था. यह उन शहरों के लिए लाया गया है, जहां पर 20 लाख तक की जनसंख्या है. दरअसल, रबर टायर पर चलने वाली तीन कोच वाली इस मेट्रो की लागत परंपरागत मेट्रो के निर्माण लागत से 40 फीसदी तक कम है. ऐसे में माना जा रहा है कि दिल्ली मेट्रो के चौथे फेज में नियो मेट्रो का इस्तेमाल किया जा सकता है.

वहीं, दिल्ली से सटे शहरों मसलन, नोएडा-ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद में मेट्रो विस्तार में नियो मेट्रो का इस्तेमाल किया सकता है.इसमें स्टेशन एरिया के लिए बहुत बड़े जगह की जरूरत नहीं होती. यह सड़क के सरफेस या एलिवेटेड कॉरीडोर पर चल सकती है.

इतना ही नहीं, हर कोच में 200 से 300 लोग यात्रा कर सकते हैं. वहीं लाइट मेट्रो अन्य मेट्रो की तुलना में कम खर्चीली होती है. अन्य मेट्रो की तुलना में लाइट मेट्रो में यात्रियों को ढोने की झमता काफी कम होती है. हालांकि मेट्रो के मुकाबले में लाइन मेट्रो के निर्माण में 50 फीसद का कम खर्च आता है. आने वाले समय में दिल्ली के अलावा, चेन्नई, गोरखपुर, वाराणसी, प्रयागराज और झांसी समेत यूपी के कई शहरों में लाइट मेट्रो दौड़ती नजर आएगी.

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Posted by: utpal kant

Prabhat Khabar Digital Desk
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