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कोरोना की तरह ब्लैक फंगस भी महामारी घोषित हो… ताकि आईसीएमआर के निर्देश पर मिले इलाज की सुविधा

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को भेजे गए एक पत्र में कहा है कि सभी राज्यों में ब्लैक फंगस की जांच, इलाज और उसकी रोकथाम के लिए केंद्र सरकार और आईसीएमआर के दिशा-निर्देशों के तहत सरकारी और निजी तौर पर स्वास्थ्य सुविधाएं सुनिश्चित की जानी चाहिए.

नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया है कि वे ब्लैक फंगस को महामारी रोग अधिनियम-1897 के तहत अधिसूचित करें. इसके लिए केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को भेजे गए एक पत्र में कहा है कि सभी राज्यों में ब्लैक फंगस की जांच, इलाज और उसकी रोकथाम के लिए केंद्र सरकार और आईसीएमआर के दिशा-निर्देशों के तहत सरकारी और निजी तौर पर स्वास्थ्य सुविधाएं सुनिश्चित की जानी चाहिए.

उन्होंने अपने पत्र में इस बात का भी जिक्र किया है कि इन सभी सुविधाओं के लिए ब्लैक फंगस के संदिग्ध और पुष्ट मामलों की रिपोर्ट मुख्य चिकित्सा अधिकारी के जरिए स्वास्थ्य विभाग को और बाद में आईडीएसपी निगरानी प्रणाली को भेजना आवश्यक है. बता दें कि देश के अस्पतालों में कोरोना वायरस के संक्रमण के इलाज के दौरान ब्लैक फंगस के मामलों की रिपोर्ट भी सामने आ रही है. ब्लैक फंगस का संक्रमण साइनस, मस्तिष्क और फेफड़ों को प्रभावित करता हैं और मधुमेह या गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों जैसे कि कैंसर रोगियों या एचआईवी वाले लोगों में जीवन के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं.

उधर, खबर यह भी है कि केंद्र सरकार की ओर से दिशा-निर्देश जारी किए जाने के पर तेलंगाना, राजस्थान और दिल्ली में ब्लैक फंगस को महामारी रोग कानून 1897 के तहत अधिसूचित कर दिया गया है. गुरुवार को तेलंगाना सरकार की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि सभी सरकारी और निजी स्वास्थ्य केंद्र, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय तथा भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद द्वारा ब्लैक फंगस की जांच, इलाज तथा प्रबंधन के लिए तय दिशानिर्देशों का पालन करें.

अधिसूचना में कहा गया है कि सभी सरकारी और निजी स्वास्थ्य केंद्रों के लिए सभी संदिग्ध तथा पुष्ट मामलों की जानकारी स्वास्थ्य विभाग को देना अनिवार्य है. इसमें कहा गया है कि सभी सरकारी और निजी अस्पतालों के चिकित्सा अधीक्षक सख्त अनुपालन सुनिश्चित करें और स्वास्थ्य विभाग को रोज इसकी रिपोर्ट भेजें.

Also Read: AIIMS New Gudielines : ब्लैक फंगस को कैसे पहचाने ? क्या करें और क्या ना करें

Posted by : Vishwat Sen

Prabhat Khabar Digital Desk
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