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Rajasthan: ‘दुष्कर्मियों के बाल काटकर बाजार में उनकी सामूहिक परेड करवाता’, उदयपुर में बोले CM गहलोत

उन्होंने उदयपुर में एक मीडिया प्रश्न के उत्तर में कहा कि हालांकि मैं जयपुर पहुंचने के बाद (एसीबी) के आदेश की जांच करवाऊंगा, मेरी जानकारी के अनुसार, यह सुप्रीम कोर्ट की तीन-न्यायाधीशों की पीठ के एक आदेश के अनुसार जारी किया गया है, जिसमें कहा गया है कि जब तक आरोप साबित नहीं हो जाते.

Rajasthan: भ्रष्टाचार के मामलों में दोषी साबित होने तक आरोपियों के नाम उजागर नहीं करने के एसीबी के आदेश के विवाद के बाद, सीएम अशोक गहलोत ने गुरुवार को कहा कि अगर उनका रास्ता हो तो वह सार्वजनिक रूप से अपराधियों की परेड और मुंडन कराने के लिए तैयार हैं. राजस्थान के एंटी-करप्शन ब्यूरो (एसीबी) के कार्यवाहक प्रमुख के विवादास्पद आदेश का एक ही सांस में बचाव करते हुए उन्होंने कहा, “अगर मेरा बस चलता, तो मैं बलात्कारियों, गैंगस्टरों और ऐसे सभी लोगों का सिर मुंडवाता और सार्वजनिक रूप से उनकी परेड करवाता.’

”लोगों की पहचान प्रकाशित करने पर मीडिया पर कोई सरकारी प्रतिबंध नहीं”

उन्होंने उदयपुर में एक मीडिया प्रश्न के उत्तर में कहा कि हालांकि मैं जयपुर पहुंचने के बाद (एसीबी) के आदेश की जांच करवाऊंगा, मेरी जानकारी के अनुसार, यह सुप्रीम कोर्ट की तीन-न्यायाधीशों की पीठ के एक आदेश के अनुसार जारी किया गया है, जिसमें कहा गया है कि जब तक आरोप साबित नहीं हो जाते, आरोपियों के नामों का आधिकारिक तौर पर खुलासा नहीं किया जाना चाहिए. साथ ही उन्होंने पुष्टि किया कि एसीबी द्वारा पकड़े गए लोगों की पहचान प्रकाशित करने पर मीडिया पर कोई सरकारी प्रतिबंध नहीं है.”

न्यायपालिका अपना काम करती है और हम अपना; एसीबी का आदेश भी उसी भावना से: सीएम

आगे उन्होंने कहा कि “सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश क्यों दिया कि एक अभियुक्त को हथकड़ी नहीं लगाई जा सकती है? जब एक अभियुक्त को बाजार में हथकड़ी लगा कर घुमाया जाता है, तो व्यक्ति को अपराधबोध होता है. लेकिन हथकड़ी लगाना बंद कर दिया गया है. अब पुलिसकर्मी आरोपी का हाथ पकड़कर चलते हैं. तर्क क्या है? अगर किसी बलात्कारी की बाजार में परेड कराई जाए तो दूसरे बलात्कारी टाइप के लोग ऐसे अपराध करने से डरेंगे. लेकिन हथकड़ी लगाने पर रोक लगाकर सुप्रीम कोर्ट ने यह सब (भय/अपराध) बंद कर दिया है.”

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सीएम ने एसीबी के आदेश और पिछली भाजपा सरकार द्वारा पारित एक बिल के बीच अंतर किया

सीएम ने एसीबी के आदेश और पिछली भाजपा सरकार द्वारा पारित एक बिल के बीच अंतर किया, जिसने मीडिया को भ्रष्टाचार के मामलों में पकड़े गए लोगों की पहचान प्रकाशित करने से रोक दिया. साथ ही अशोक गहलोत ने कहा कि वसुंधरा राजे जी के कार्यकाल के दौरान पारित बिल ने मीडिया को ऐसी रिपोर्ट प्रकाशित करने से रोक दिया. उनकी सरकार को अंततः उस बिल को वापस लेना पड़ा. एसीबी का यह आदेश उस बिल की तरह नहीं है.

Aditya kumar
Aditya kumar
I adore to the field of mass communication and journalism. From 2021, I have worked exclusively in Digital Media. Along with this, there is also experience of ground work for video section as a Reporter.

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