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‘संसद विशेष सत्र के पांच दिन शेष, एजेंडे का पता नहीं’, कांग्रेस ने सरकार से किया सवाल, अदाणी मुद्दे पर ये कहा

कांग्रेस ने संसद के विशेष सत्र के लिए एजेंडे की सूचना नहीं होने को लेकर बुधवार को एक बार फिर सवाल उठाया और कहा कि सत्र आरंभ होने में केवल पांच दिन शेष है, लेकिन शायद ‘एक व्यक्ति’ को छोड़कर एजेंडे के बारे में किसी के पास जानकारी नहीं है.

Congress On Special Session : कांग्रेस ने संसद के विशेष सत्र के लिए एजेंडे की सूचना नहीं होने को लेकर बुधवार को एक बार फिर सवाल उठाया और कहा कि सत्र आरंभ होने में केवल पांच दिन शेष है, लेकिन शायद ‘एक व्यक्ति’ को छोड़कर एजेंडे के बारे में किसी के पास जानकारी नहीं है. पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने अतीत में हुई संसद की कुछ विशेष बैठकों का उल्लेख भी किया और कहा कि विशेष बैठकों से पहले कार्यसूची की जानकारी उपलब्ध होती थी.

विशेष सत्र 18 से 22 सितंबर तक आयोजित किया जाएगा

उन्होंने किसी का नाम लिए बिना ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘आज 13 सितंबर है. संसद का पांच दिवसीय विशेष सत्र पांच दिन बाद शुरू होगा और एक व्यक्ति (शायद दूसरे को भी) को छोड़कर किसी को भी एजेंडे की जानकारी नहीं है. पिछले प्रत्येक अवसर पर जब भी विशेष सत्र या विशेष बैठकें आयोजित की जाती थीं, तो कार्यसूची के बारे में पहले से जानकारी होती थी.’’ संसद का विशेष सत्र 18 से 22 सितंबर तक आयोजित किया जाएगा.

जयराम रमेश ने पोस्ट के जरिए पूछा सवाल

जयराम रमेश ने कहा, ‘‘26 नवंबर, 2019 को संविधान की 70वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में केंद्रीय कक्ष में विशेष बैठक हुई. 30 जून, 2017 को जीएसटी लागू करने के लिए आधी रात को केंद्रीय कक्ष में संयुक्त विशेष सत्र हुआ. 26 और 27 नवंबर, 2015 को संविधान दिवस मनाने के लिए विशेष बैठक आयोजित हुई.’’

कब-कब हुई विशेष सत्र की बैठक

उनके अनुसार, ‘‘13 मई, 2012 को राज्यसभा और लोकसभा की पहली बैठक की 60वीं वर्षगांठ मनाने के लिए विशेष बैठक हुई. 22 जुलाई, 2008 को वाम दलों द्वारा संप्रग-1 सरकार से समर्थन वापस लेने के बाद विश्वास मत के लिए लोकसभा का विशेष सत्र आयोजित किया गया.’’ कांग्रेस नेता ने कहा कि 26 अगस्त, 1997 से 1 सितंबर, 1997 तक भारतीय स्वतंत्रता की 50वीं वर्षगांठ मनाने के लिए विशेष सत्र हुआ. 3 जून, 1991 से 4 जून, 1991 तक अनुच्छेद 356(3) के प्रावधान के तहत हरियाणा में राष्ट्रपति शासन की मंजूरी के लिए राज्यसभा का विशेष सत्र (158वां सत्र) आयोजित हुआ.

साथ ही कांग्रेस ने अदाणी समूह के खिलाफ लगे आरोपों की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच की मांग बुधवार को फिर उठाई और कहा कि अगर सरकार के पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है तो जेपीसी के गठन की घोषणा के साथ संसद के नए भवन में कामकाज का आगाज होना चाहिए. पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने एक खबर का हवाला भी दिया जिसमें कहा गया है कि अदाणी समूह से संबंधित एक पूर्व कांट्रैक्टर ने उच्चतम न्यायालय से इस समूह से संबंधित मामले में हस्तक्षेप का आग्रह किया है.

अमेरिकी कंपनी ‘हिंडनबर्ग रिसर्च’ द्वारा अदाणी समूह के खिलाफ ‘अनियमितताओं’ और स्टॉक मूल्य में हेरफेर का आरोप लगए जाने के बाद से कांग्रेस इस कारोबारी समूह पर निरंतर हमले और जेपीसी से जांच की मांग कर रही है. अदाणी समूह ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में लगाए गए सभी आरोपों से इनकार किया था और उसका कहना था कि उसकी ओर से कोई गलत काम नहीं किया गया है.

रमेश ने बुधवार को ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘कुछ दिन पहले अदाणी महाघोटाले की सही ढंग से जांच करने में सेबी की विफलता पर विस्तृत दस्तावेज के साथ उच्चतम न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की गई. अब अदाणी से संबंधित एक पूर्व कांट्रैक्टर करोड़ों निवेशकों के हित में इस मामले में हस्तक्षेप करने के लिए उच्चतम न्यायालय से अनुमति चाहता है. इस कांट्रैक्टर का कहना है कि उसके पास अंदरूनी जानकारी है.’ उन्होंने कहा, ‘यह सब जेपीसी से जांच की मांग को मजबूती देता है. यदि प्रधानमंत्री के पास वास्तव में छिपाने के लिए कुछ नहीं है तो जेपीसी की घोषणा के साथ नए संसद भवन में कामकाज की शुरुआत हो सकती है.’

Aditya kumar
Aditya kumar
I adore to the field of mass communication and journalism. From 2021, I have worked exclusively in Digital Media. Along with this, there is also experience of ground work for video section as a Reporter.

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