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राम मंदिर पर कमलनाथ, दिग्गविजय की प्रतिक्रिया से नाराज सांसद ने सोनिया को लिखी चिट्ठी

कांग्रेस के लोकसभा सदस्य टीएन प्रतापन ने राम मंदिर निर्माण के लिए हुए भूमि पूजन के संदर्भ में मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्रियों कमलनाथ और दिग्विजय सिंह की प्रतिक्रया का विरोध किया है. उन्होंने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर कहा है कि कांग्रेस ‘अति धार्मिक राष्ट्रवाद' के पीछे नहीं भाग सकती .

नयी दिल्ली : कांग्रेस के लोकसभा सदस्य टीएन प्रतापन ने राम मंदिर निर्माण के लिए हुए भूमि पूजन के संदर्भ में मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्रियों कमलनाथ और दिग्विजय सिंह की प्रतिक्रया का विरोध किया है. उन्होंने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर कहा है कि कांग्रेस ‘अति धार्मिक राष्ट्रवाद’ के पीछे नहीं भाग सकती .

केरल के त्रिशूर से सांसद ने यह भी कहा कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा द्वारा राम मंदिर को लेकर जो रुख अपनाया गया है वो ‘स्वीकार्य’ है क्योंकि उन्होंने एकता की बात की. गौरतलब है कि कमलनाथ ने राम मंदिर के लिए भूमि पूजन का स्वागत करते हुए बुधवार को कहा था कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने राम मंदिर का ताला खुलवाया था और बहुत समय से हर भारतवासी की आकांक्षा थी कि राम मंदिर का निर्माण हो.

कमलनाथ ने भोपाल में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यालय के मुख्यद्वार पर भगवान श्रीराम की तस्वीर के सामने दीप प्रज्वलित कर दीपोत्सव की शुरुआत की और आरती कर भगवान राम का पूजन भी किया. दिग्विजय सिंह ने भी राम मंदिर निर्माण के आरंभ का स्वागत किया, हालांकि उन्होंने भूमि पूजन के मुहूर्त को लेकर सवाल खड़े किए. प्रतापन ने सोनिया को लिखे पत्र के बारे में पूछे जाने पर ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘ कमलनाथ और दिग्विजय सिंह की प्रतिक्रिया बहुत खराब थी. कांग्रेस का रुख भाजपा के हिंदुत्व के रुख का समर्थन करना नहीं है.”

उन्होंने कहा, ‘‘ मेरा नाम प्रतापन है, मैं भी हिंदू हूं. मैं भगवान की अराधना करता हूं. मैं अक्सर भगवान श्रीकृष्ण के मंदिर जाता हूं और उनका आशीर्वाद लेता हूं. लेकिन हम उस हिंदुत्व का समर्थन नहीं कर सकते जो भाजपा और आरएसएस का है.” प्रतापन ने पत्र में कहा, ‘‘हम अति धार्मिक राष्ट्रवाद के पीछे इसके नरम स्वरूप के साथ भाग नहीं सकते. हमें इस हालात का अहसास करना चाहिए और तत्काल विकल्प को स्वीकार करना चाहिए. यह एकता, सौहार्द और सहिष्णुता की राजनीति की विरासत पर आधारित होना चाहिए.” उनके इस पत्र और बयान को केरल की राजनीति और स्थानीय समीकरणों से जोड़कर देखा जा रहा है.

गौरतलब है कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा द्वारा राम मंदिर के भूमिपूजन का स्वागत किए जाने से जुड़े बयान को लेकर केरल की सत्तारूढ़ माकपा ने हैरानी जताई है तो कांग्रेस की सहयोगी आईयूएमएल ने भी नाखुशी जताई है. केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा कि वह अयोध्या में राम मंदिर के भूमि पूजन समारोह पर दिए गए प्रियंका गांधी के बयान से हैरान नहीं हैं.

उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस का धर्मनिरपेक्षता को लेकर ”निश्चित रुख” होता तो देश आज ऐसे हालात का सामना नहीं कर रहा होता. इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) ने एक प्रस्ताव पारित कर अयोध्या में राम मंदिर निर्माण पर कांग्रेस महासचिव प्रिंयका गांधी वाद्रा द्वारा दिए गए बयान पर अप्रसन्नता जताई. आईयूएमएल के राष्ट्रीय नेतृत्व की बैठक में पार्टी ने प्रस्ताव को स्वीकार किया और कहा कि बयान गलत समय पर दिया गया

Posted By – Pankaj Kumar Pathak

PankajKumar Pathak
PankajKumar Pathak
Senior Journalist having more than 10 years of experience in print and digital journalism.

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