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महिला आरक्षण बिल पर कांग्रेस ने साफ किया अपना रुख, कहा- ‘अगर पेश हुआ…’

कांग्रेस कार्य समिति की दो दिवसीय बैठक हुई. इस बैठक के बारे में जानकारी देते हुए कांग्रेस नेता पवन खेड़ा मे कहा है कि कांग्रेस कार्य समिति ने मांग की है कि संसद के विशेष सत्र के दौरान महिला आरक्षण विधेयक को पारित किया जाना चाहिए. यह बहुत ही ज्यादा जरूरी है.

Congress on Women Reservation Bill : संसद का विशेष सत्र आगामी सोमवार 18 सितंबर से शुरू होगा. इससे पहले कांग्रेस कार्य समिति की दो दिवसीय बैठक हुई. इस बैठक के बारे में जानकारी देते हुए कांग्रेस नेता पवन खेड़ा मे कहा है कि कांग्रेस कार्य समिति ने मांग की है कि संसद के विशेष सत्र के दौरान महिला आरक्षण विधेयक को पारित किया जाना चाहिए. यह बहुत ही ज्यादा जरूरी है.

केंद्र सरकार से महिला आरक्षण विधेयक पारित करने का आग्रह

कांग्रेस ने रविवार को केंद्र सरकार से महिला आरक्षण विधेयक को संसद के विशेष सत्र में पारित करने के लिए फिर से आग्रह किया, जो पहले से ही राज्यसभा में पारित हो चुका है. मुख्य विपक्षी दल ने शनिवार को अपनी कार्य समिति की बैठक में महिला आरक्षण विधेयक को पारित करने का प्रस्ताव पारित किया था. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने रविवार को सोशल मीडिया प्लेटफार्म ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘कांग्रेस कार्य समिति ने मांग की है कि संसद के विशेष सत्र में महिला आरक्षण विधेयक को पारित किया जाना चाहिए.’

सितंबर 1989 में राज्यसभा में पास नहीं हो सका

जयराम रमेश ने कहा, “सबसे पहले राजीव गांधी ने 1989 के मई महीने में पंचायतों और नगर पालिकाओं में महिलाओं को एक-तिहाई आरक्षण के लिए संविधान संशोधन विधेयक पेश किया था. वह विधेयक लोकसभा में पारित हो गया था, लेकिन सितंबर 1989 में राज्यसभा में पास नहीं हो सका था.” जयराम रमेश के अनुसार, “अप्रैल 1993 में तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव ने पंचायतों और नगर पालिकाओं में महिलाओं को एक-तिहाई आरक्षण के लिए संविधान संशोधन विधेयक को फिर से पेश किया थे. दोनों विधेयक पारित हुए और कानून बन गए. आज पंचायतों और नगर पालिकाओं में 15 लाख से अधिक निर्वाचित महिला प्रतिनिधि हैं. यह आंकड़ा 40 प्रतिशत के आसपास है.”

विधेयक नौ मार्च 2010 को राज्यसभा में पारित हुआ

कांग्रेस नेता ने कहा, “महिलाओं के लिए संसद और राज्यों की विधानसभाओं में एक-तिहाई आरक्षण के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह संविधान संशोधन विधेयक लेकर आए थे. विधेयक नौ मार्च 2010 को राज्यसभा में पारित हुआ था, लेकिन लोकसभा में नहीं ले जाया जा सका.” उन्होंने कहा, “राज्यसभा में पेश/पारित किए गए विधेयक समाप्त नहीं होते हैं. इसलिए महिला आरक्षण विधेयक अभी भी मौजूद है. कांग्रेस पार्टी पिछले नौ साल से मांग कर रही है कि महिला आरक्षण विधेयक, जो पहले ही राज्यसभा से पारित हो चुका है, उसे लोकसभा से भी पारित कराया जाना चाहिए.”

कांग्रेस लंबे समय से कर रही है यह मांग

कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने संवाददाताओं से कहा कि कांग्रेस लंबे समय से यह मांग कर रही है कि महिला आरक्षण विधेयक को पारित किया जाना चाहिए. उन्होंने सरकार से इस विधेयक को पारित करने का आग्रह किया.

Aditya kumar
Aditya kumar
I adore to the field of mass communication and journalism. From 2021, I have worked exclusively in Digital Media. Along with this, there is also experience of ground work for video section as a Reporter.

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