नगर पर्षद अंतर्गत साम्बे गांव में बुधवार को भीषण गर्मी में धान की रोपनी के दौरान एक महिला मजदूर की मौत हो गयी, जबकि दो अन्य महिलाएं अचेतावस्था में अस्पताल पहुंचीं. यह हृदयविदारक घटना मोसमा पंचायत के टाटी मीरविगहा गांव की है, जिससे इलाके में शोक और आक्रोश दोनों का माहौल बना हुआ है. जानकारी के अनुसार, साम्बे गांव निवासी किसान रोशन सिंह के खेत में बुधवार को धान की रोपाई हो रही थी. इस दौरान मोसमा पंचायत के टाटी मीरविगहा गांव की रहने वाली अनिता देवी (40 वर्ष), जो मजदूरी करने आयी थीं, तेज धूप और गर्मी से अचानक बेहोश हो गयीं. अन्य मजदूरों और किसान ने उन्हें खेत से बाहर निकाला, लेकिन तब तक अनिता की मौत हो चुकी थी. इसी दौरान काम कर रही लक्ष्मी देवी और एक अन्य महिला मजदूर भी अचेतावस्था में चली गयीं, जिन्हें स्थानीय लोगों ने फौरन निजी अस्पताल में भर्ती कराया. चिकित्सकों ने बताया कि दोनों की हालत अब स्थिर और खतरे से बाहर है. मृतका अनिता देवी के परिजनों ने बताया कि खेत मालिक द्वारा कोई सहायता नहीं देने पर वे आहत और आक्रोशित हैं. इसी के विरोध में गुरुवार को वारिसलीगंज-पकरीबरावां मुख्य पथ को टाटी मीरविगहा गांव के समीप जाम कर दिया गया. सड़क जाम से आवागमन ठप हो गया और यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा.
घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को संभालने का प्रयास किया. अनिता देवी के पति प्रेमण चौधरी ने थाना में केस दर्ज करने में असमर्थता जतायी और प्रशासन से आर्थिक सहायता की गुहार लगायी. पुलिस व जनप्रतिनिधियों ने परिजनों को उचित मदद दिलाने का भरोसा दिलाया, जिसके बाद सड़क जाम स्वतः समाप्त कर दिया गया. मृतका अनिता देवी का शव पोस्टमार्टम के लिए नहीं भेजा गया, बल्कि परिजनों ने गांव में ही अंतिम संस्कार कर दिया. इस घटना ने एक बार फिर मजदूरों की सुरक्षा, श्रम कानूनों के पालन और आपात स्थिति में राहत व्यवस्था की व्यवस्थागत कमी को उजागर कर दिया है.
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