देहरादून : प्यार में दिल का टूटना जितना आसान है, उसके बाद संभलना उतना ही कठिन. ऐसे आशिक को लगता है, कहां चला जाये जिससे उसको दो पल का सही सुकून मिल जाए. जब खुद का दिल टूटा तो दो युवाओं ने अपने जैसे ही तमाम लोगों को दुख दूर करने के लिए कैफे को इसका ठिकाना बना दिया.
नाम रखा ‘दिल टूटा आशिक चायवाला.’ देहरादून के जीएमएस रोड स्थित इस कैफे में उन सभी बातों का खास ध्यान रखा गया है, जिससे दिल टूटे आशिकों का दर्द कम हो सके. कैफे में म्यूजिक भी इस तरह बजाया जाता है, जो सुकून दे. कैफे में आने वाले युवाओं को कार्ड सौंपे जाते हैं, जिस पर वह अपनी दर्दभरी दास्तां साझा कर सकते हैं. उनकी समस्या जानकर उनकी काउंसिलिंग भी जाती है. ग्रीटिंग व वॉल पेपर पर भी हौसला अफजाई के लिए खास संदेश लिखे गए हैं.

यहां आए युवा आशीष सिंह का कहना है कि जब किसी का दिल टूटता है तो उसे कुछ भी अच्छा नहीं लगता. वह अकेले रहना पसंद करता है. इस कैफे में इन सब बातों का ध्यान रखा गया है. हर चीज को इस तरह पेश किया गया है, जिससे युवाओं को सुकून मिले और वह अपने गमों से उबर सकें.
कैफे संचालक दिव्यांशु और राहुल बत्रा ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान हमारा ब्रेकअप हो गया. उस समय सख्ती के कारण हम कहीं आ-जा नहीं पाए. इसी बीच ख्याल आया कि क्यों न दिल टूटे युवाओं के लिए कोई अड्डा बनाया जाए. जहां युवा अपनी दास्तां साझा कर सकें.
Posted By : Rajneesh Anand