Pahalgam Terrrorist Attack: सुप्रीम कोर्ट ने पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की जांच के लिए न्यायिक आयोग के गठन की मांग करने वाली जनहित याचिका दायर करने वाले वकीलों की कड़ी आलोचना की. जस्टिस सूर्यकांत और एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने कहा, “जिम्मेदार बनो. देश के प्रति तुम्हारा कुछ कर्तव्य है. क्या यही तरीका है.. कृपया ऐसा मत करो. कब से एक सेवानिवृत्त हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट के जज ऐसे मुद्दों (आतंकवाद) की जांच करने के लिए विशेषज्ञ बन गए हैं? हम किसी भी बात पर विचार नहीं कर रहे हैं. कृपया जहां जाना है जाओ. जस्टिस सूर्यकांत ने आगे कहा, “यह महत्वपूर्ण समय है जब इस देश के प्रत्येक नागरिक ने आतंकवाद से लड़ने के लिए हाथ मिलाया है. ऐसी कोई अर्जी मत करो जिससे किसी व्यक्ति का मनोबल गिरे. मुद्दे की संवेदनशीलता को देखो.” कुछ देर बहस करने के बाद वकील ने याचिका वापस लेने की अनुमति मांगी.
Supreme Court strongly criticises the counsels who filed a PIL plea seeking the constitution of a judicial commission to investigate the April 22 Pahalgam terrorist attack in which 26 people were killed.
— ANI (@ANI) May 1, 2025
A bench of Justices Surya Kant and N. Kotiswar Singh said,
“Be…
याचिका में क्या की गई थी मांग?
याचिकाकर्ता फतेश कुमार साहू और अन्य ने अपनी अर्जी में पहलगाम आतंकवादी हमले की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में एक न्यायिक आयोग गठन करने की मांग की गई थी. इसके अलावा जनहित याचिका में केंद्र और जम्मू कश्मीर प्रशासन को पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया था.
पहलगाम आतंकवादी हमले में गई थी 26 लोगों की जान
गत 22 अप्रैल को आतंकवादियों ने अनंतनाग जिले के पहलगाम के ऊपरी इलाकों में लोकप्रिय पर्यटन स्थल बैसरन में गोलीबारी की, जिसमें 26 लोग मारे गए, जिनमें से अधिकतर दूसरे राज्यों से आए पर्यटक थे. इस घटना ने भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव को बढ़ा दिया है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जोर देकर कहा है कि हमलावरों को ऐसी कड़ी सजा दी जाएगी, जिसकी उन्होंने कल्पना तक नहीं की होगी.