23.6 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

Explainer: जानिए अपनी किन खूबियों के कारण अन्य देशों के लड़ाकू विमानों से सर्वश्रेष्ठ साबित हुआ तेजस

Explainer: भारत का हल्का लड़ाकू विमान तेजस का मुकाबला चीन, रूस और दक्षिण कोरिया के विकसित विमानों से किया जा रहा है. तेजस विमान दूर से ही दुश्मन के विमानों पर निशाना साध सकता है. इतना ही नहीं यह दुश्मन के रडार को भी चकमा देने की क्षमता रखता है.

Explainer: भारत का स्‍वदेशी जेट विमान तेजस इन दिनों सुर्खियों में है. तेजस विमान मलेशिया में भी चर्चा में है. दरअसल, मलेशिया अपने पुराने लड़ाकू विमानों के बेड़े को बदलने पर विचार कर रहा है. बता दें कि भारत का हल्का लड़ाकू विमान तेजस का मुकाबला चीन, रूस और दक्षिण कोरिया के विकसित विमानों से किया जा रहा है. हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक आर माधवन ने हाल ही में एक इंटरव्यू में बताया था कि चीन के जेएफ-17 जेट, दक्षिण कोरिया के एफए-50 और रूस के मिग-35 के साथ-साथ याक-130 से कड़ी प्रतिस्पर्धा के बावजूद मलेशिया ने भारतीय विमान को पसंद किया है.

चीनी फाइटर जेट नहीं कर पाया तेजस का मुकाबला

बताया जा रहा है कि चीनी जेएफ-17 सस्ता था. हालांकि, यह तेजस एमके-आईए संस्करण के तकनीकी मापदंडों और भारत द्वारा प्रस्तावित एसयू-30 बेड़े के रखरखाव की पेशकश से मुकाबला नहीं कर सका. आर माधवन ने कहा कि जेएफ-17 और एफए-50 की तुलना में तेजस काफी बेहतर विमान है. हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड द्वारा निर्मित तेजस एक एकल इंजन और अत्यधिक सक्षम बहु-भूमिका वाला लड़ाकू विमान है, जो उच्च-खतरे वाले वायु वातावरण में संचालन में सक्षम है.

भारतीय वायु सेना की शान है तेजस

फरवरी, 2021 में रक्षा मंत्रालय ने भारतीय वायु सेना (IAF) के लिए 83 तेजस लड़ाकू विमानों की खरीद के लिए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के साथ 48,000 करोड़ रुपए का सौदा किया था. भारत ने तेजस के MK-2 संस्करण के साथ-साथ 5वीं पीढ़ी के उन्नत मध्यम लड़ाकू विमान (AMCF) को विकसित करने के लिए पांच अरब अमेरिकी डॉलर की महत्वाकांक्षी परियोजना पर काम शुरू कर दिया है.

तेजस विमान दूर से ही दुश्मन के विमानों पर साध सकता है निशाना

तेजस विमान दूर से ही दुश्मन के विमानों पर निशाना साध सकता है. इतना ही नहीं यह दुश्मन के रडार को भी चकमा देने की क्षमता रखता है. यह विमान उतने ही हथियार और मिसाइल लेकर उड़ सकता है, जितना इससे ज्‍यादा वजन वाला सुखोई विमान. ये विमान आठ से नौ टन तक बोझ लेकर उड़ने में सक्षम हैं. इनकी सबसे बड़ी खूबी इसकी गति है.

तेजस विमानों में नई तकनीक का किया गया इस्तेमाल

हल्‍के होने के कारण तेजस की गति बेजोड़ है. ये विमान 52 हजार फीट की ऊंचाई तक ध्वनि की गति यानी मैक 1.6 से लेकर 1.8 तक की तेजी से उड़ सकते हैं. तेजस विमानों में नई तकनीक का इस्तेमाल किया गया है. इसमें क्रिटिकल आपरेशन क्षमता के लिए एक्टिव इलेक्ट्रानिकली-स्कैन्ड रडार यानी इलेक्‍ट्रानिक रूप से स्‍कैन रडार, बियांड विजुअल रेंज (BVR) मिसाइल, इलेक्‍ट्रानिक वारफेयर सुइट से संपन्‍न है. यह हवा में ईंधन भर सकता है और जंग के लिए दोबारा तैयार हो सकता है.

तेजस को लेकर भारत-मलेशिया के बीच बातचीत अंतिम चरण में

सामने आ रही जानकारी के मुताबिक, तेजस को लेकर भारत-मलेशिया के बीच बातचीत लगभग अंतिम चरण में है. भारत के तेजस MK-IA वैरिएंट की तुलना में चीन का JF-17 मलेशिया को सस्ता पड़ रहा था. लेकिन, इसकी तकनीक तेजस की तुलना में ज्यादा बेहतर नहीं है. साथ ही चीन मलेशिया को सुखोई-30 से संबंधित किसी मदद की पेशकश नहीं कर पा रहा था. ऐसे में मलेशिया ने भारतीय विमान को चुना है. सौदे को आगे बढ़ाने के लिए मलेशिया के उच्च अधिकारियों और विशेषज्ञों की एक टीम के जल्द ही भारत आने की उम्मीद है. अगर मलेशिया के साथ भारत का यह रक्षा सौदा पूरा हो जाता है तो इससे तेजस के लिए अन्य देशों के रास्ते भी खुल जाएंगे.

Also Read: West Bengal: ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर साधा निशाना, बोलीं- 2024 में सत्ता में वापस नहीं आएगी बीजेपी

Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel