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Farmers Protest : राकेश टिकैत की चेतावनी, जब तक कानून वापसी नहीं, तब तक घर वापसी नहीं

Farmers Protest, Narendra Singh Tomar, Farmer Leader Rakesh Tikait, Three Farmer Laws केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली के विभिन्न बॉर्डरों पर किसानों का विरोध प्रदर्शन करीब डेढ़ महीने से जारी है. सरकार के साथ 9वें दौर की वार्ता भी हो चुकी है, लेकिन अब तक समाधान नहीं निकल पाया है. इधर भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने साफ कर दिया है कि आंदोलन जारी रहेगा.

Farmers Protest : केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली के विभिन्न बॉर्डरों पर किसानों का विरोध प्रदर्शन करीब डेढ़ महीने से जारी है. सरकार के साथ 9वें दौर की वार्ता भी हो चुकी है, लेकिन अब तक समाधान नहीं निकल पाया है. इधर भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने साफ कर दिया है कि आंदोलन जारी रहेगा.

टिकैत ने कहा, क्लॉज पर चर्चा वो करेगा जिसे कानून में संशोधन कराना हो, ये हमारा सवाल है ही नहीं. सरकार को ये तीनों कानून खत्म करने पड़ेंगे. उन्होंने कहा, आंदोलन में करीब 9वें दौर की वार्ता हो चुकी है, सरकार पूर्ण रूप से अड़ियल रुख कर रही है.

टिकैत ने राजनीतिक पार्टी के समर्थन के आरोप का जवाब देते हुए कहा, हमारा आंदोलन किसी एक पार्टी के खिलाफ नहीं है. हमारे आंदोलन को सभी पार्टियों का समर्थन प्राप्त है. उन्होंने कहा, जब तक बिल वापस नहीं हो जाता है तक तक एक भी किसान प्रदर्शन स्थल से नहीं हिलेगा.

दरअसल केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के बयान पर टिकैत ने यह बातें कही. तोमर ने इससे पहले कहा, भारत सरकार ने किसान यूनियन के साथ एक बार नहीं 9 बार घंटों तक वार्ता की. हमने लगातार किसान यूनियन से आग्रह किया कि वो कानून के क्लॉज पर चर्चा करें और जहां आपत्ति है वो बताएं. सरकार उस पर विचार और संशोधन करने के लिए तैयार है.

Also Read: Farmer Protest: कृषि मंत्री का बड़ा बयान- सुप्रीम कोर्ट ने जब मना कर दिया, तो जिद्द पर क्यों अड़े हैं किसान?

उन्होंने कहा, किसान यूनियन टस से मस होने को तैयार नहीं है, उनकी लगातार ये कोशिश है कि कानूनों को रद्द किया जाए. भारत सरकार जब कोई कानून बनाती है तो वो पूरे देश के लिए होता है, इन कानूनों से देश के अधिकांश किसान, विद्वान, वैज्ञानिक, कृषि क्षेत्र में काम करने वाले लोग सहमत हैं.

कृषि मंत्री ने कहा, सुप्रीम कोर्ट ने कानूनों के क्रियान्वयन को रोक दिया है तो मैं समझता हूं कि​जिद्द का सवाल ही खत्म होता है. हमारी अपेक्षा है कि किसान 19 जनवरी को एक-एक क्लॉज पर चर्चा करें और वो कानूनों को रद्द करने के अलावा क्या विकल्प चाहते हैं वो सरकार के सामने रखें.

गौरतलब है कि तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसान संगठनों का विरोध प्रदर्शन जारी है. किसान तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की लगातार मांग कर रहे हैं और दूसरी ओर सरकार ने साप कर दिया है कि कृषि कानूनों को रद्द नहीं करेगी, हालांकि कानूनों पर संशोधन किया जा सकता है.

Posted By – Arbind kumar mishra

Prabhat Khabar Digital Desk
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