30 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

जानवरों में इंसानी भ्रूण विकसित करने को मिली मंजूरी, कई देशों ने इस शोध को बताया खतरनाक

वैज्ञानिक उन हर सवालों का जवाब तलाशने में लगे हैं जो लंबे समय से अनसुलझे हैं. हर दिन वैज्ञानिक नया शोध करते हैं. कभी सफल होते हैं तो कभी कुछ नयी जानकारी सामने आती है. कृत्रिम अंग प्रत्यारोपण पहले असंभव मानी जाती थी लेकिन अब वैज्ञानिक इस दिशा में आगे निकल गये हैं. इस दिशा में शोध हो रहा है.

जापान की सरकार ने एक वैज्ञानिक को शोध के लिए सरकारी सहायता देनी शुरू कर दी है. इस शोध के माध्यम से वैज्ञानिक पशुओं के गर्भ में मानव कोशिकाओं के विकास की संभावानएं तलाश रहे हैं. अगर यह शोध पूरा हो गया तो जानवर भी इंसानों के बच्चे पैदा कर सकेंगे यह ठीक उसी तरह है जैसे सरोगेट मां बनने की प्रक्रिया है.

कौन से वैज्ञानिक कर रहे हैं काम, कैसे शुरू हुआ काम

वैज्ञानिक उन हर सवालों का जवाब तलाशने में लगे हैं जो लंबे समय से अनसुलझे हैं. हर दिन वैज्ञानिक नया शोध करते हैं. कभी सफल होते हैं तो कभी कुछ नयी जानकारी सामने आती है. कृत्रिम अंग प्रत्यारोपण पहले असंभव मानी जाती थी लेकिन अब वैज्ञानिक इस दिशा में आगे निकल गये हैं. इस दिशा में शोध हो रहा है.

जापान में वैज्ञानिक हिरोमित्सू नकॉची को जानवरों की कोख में इंसानी भ्रूण के विकास पर प्रयोग करने की इजाजत दे दी है. इस वैज्ञानिक ने अपनी टीम के साथ मिलकर इस पर शोधकार्य शुरू कर दिया है . पहले चरण में वैज्ञानिक की योजना है कि चूहों के एंब्रियो में मानव कोशिकाएं विकसित होंगी.

Also Read:
सरकारी नौकरी का इंतजार कर रहे लोगों के लिए खुशखबरी, सितंबर में हो सकती है परीक्षा

किस उद्देश्य के साथ शुरू किया गया है प्रोजेक्ट

इस शोध में यह समझ लेने की जरूरत है कि इसका मकसद जानवरों की कोख में इंसानी बच्चा पैदा करना नहीं है इस शोध की मदद से ऐसे पशु तैयार करना है, जिनके शरीर के अंग मानव कोशिकाओं से बने हों ताकि जरूरतमंद इंसानों में ये प्रत्यारोपित किए जा सकें.

ऐसा नहीं है कि यह पहला देश है जिसने यह शोध शुरू किया है इससे पहले अमेरिका सहित कई देशों ने इसे शुरू किया वहां की सरकार ने इस शोध को यह कहकर इजाजत देने से इनकार कर दिया कि यह प्रकृति के साथ खिलवाड़ करना है. अगर यह शोध सफल हुआ तो इसे मानव इतिहास में सबसे बड़ी उपलब्धि माना जायेगा .

सरोगेसी से जोड़कर क्यों देखा जा रहा है

अगर किसी महिला को गर्भाशय की समस्या होती है, तो वह गर्भाधान नहीं कर सकती ऐसे में बार – बार गर्भपात हो जाता हैॉ.. ऐसे में दूसरी महिला के गर्भाशय में मानव भ्रूण को विकसित किया जाता है. इसी प्रक्रिया का इस्तेमाल जानवरों में मानव कोशिका पहुंचाने के लिए किया जाना है. शुक्राणु का मेल परखनली विधि से भ्रूण को सरोगेट मदर में दिया जाता है.

कितना है खतरनाक

कई देशों ने इस प्रोजेक्ट पर रोक लगायी है. देशों ने माना कि इस शोध से प्रकृति के साथ खिलवाड़ होगा. अगर यह शोध सफल होता है तो इससे यह भी खतरा हो सकता है कि आधा जानवर आधा इंसान जैसा कोई तीसरा जीव अस्तित्व में आ जाये.

Also Read: किसान आंदोलन के बाद से पाकिस्तान ने तेज की हथियारों की सप्लाई, सीमा पर बार- बार देखा जा रहा है ड्रोन

इन मानव कोशिशकाओं का असर उसके दिमाग पर उसके शरीर पर कितना होगा यह कहना होगा यह कहना मुश्किल है कि इस मेल से क्या होगा अगर यह जानवर इंसानी सोच औऱ समझ भी विकसित करने में कामयाब रहा तो

Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel