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हाथरस कांड का क्या है नक्सल कनेक्शन ! कौन थी पीड़िता के घर में रहने वाली ‘फेक भाभी’

हाथरस मामले में जांच आगे बढ़ने के बाद इस केस में एक और नया खुलासा हुआ है. रिपोर्ट्स के मुताबिक पीड़ित परिवार के घर में एक महिला रिश्तेदार रह रही है, जिसका नक्सल कनेक्शन भी सामने आया है. फिलहाल पुलिस इस महिला के नक्सल कनेक्शन की जांच कर रही है. महिला को लेकर यह बातें भी सामने आयी है कि यह महिला फर्जी रिश्तेदार बनकर पीड़िता के घर में रह रही है, जो खुद को पीड़िता की भाभी बता रही थी.

हाथरस मामले में जांच आगे बढ़ने के बाद इस केस में एक और नया खुलासा हुआ है. रिपोर्ट्स के मुताबिक पीड़ित परिवार के घर में एक महिला रिश्तेदार रह रही थी, जो खुद को पीड़िता की भाभी बता रही थी. इस महिला का नक्सल कनेक्शन भी सामने आया है. फिलहाल पुलिस इस महिला के नक्सल कनेक्शन की जांच कर रही है. महिला को लेकर यह बातें भी सामने आयी है कि यह महिला खुद को पीड़िता की भाभी बताकर पीड़िता के घर में रह रही थी. फिलहाल पोल खुलने के डर से यह ‘फेक भाभी’ फरार बतायी जा रही है.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जो बातें निकलकर सामने आ रही है उसके मुताबिक आरोपी महिला का नाम डॉ. राजकुमारी है, जो जबलपुर की रहने वाली है. वह पीड़ित परिवार को बरगलाने का प्रयास कर रही थी और खुद को दलित बताकर पीड़ित परिवार को भरोसे में लिया था. खुद को जबलपुर मेडिकल कॉलेज की प्रोफेसर बताने वाली यह महिला तब पीड़िता के घर से चुपचाप चली गयी जब इस मामले में पुलिस को शक हुआ. फिलहाल एसआईटी महिला की तलाश कर रही है.

वहीं इस मामले में पीड़िता के परिजन को सोमवार को अदालत में पेश करने के इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ के निर्देश को अमल में लाने के लिये जिला पुलिस प्रशासन ने व्यापक तैयारियां की हैं. पीड़ित परिवार को लखनऊ खंडपीठ के समक्ष पेश करने की जिम्मेदारी हाथरस के जिला न्यायाधीश ने संभाली है और वह जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक के साथ मिलकर परिजन को सुरक्षित अदालत पहुंचने की रणनीति पर काम कर रहे हैं.

जबकि केंद्र सरकार ने उत्तर प्रदेश के हाथरस में 19 वर्षीया एक दलित महिला के साथ कथित सामूहिक बलात्कार और बाद में उसकी मौत के मामले की सीबीआई से जांच के लिए अधिसूचना जारी कर दी है. यह जानकारी अधिकारियों ने शनिवार को दी.

उन्होंने बताया कि जांच एजेंसी के लिए अधिसूचना जारी कर दी गयी है और प्राथमिकी दर्ज किये जाने के तुरंत बाद फॉरेन्सिक विशेषज्ञों के साथ जांच दलों को अपराध स्थल पर भेजा जायेगा. गंभीर रूप से घायल महिला की 29 सितंबर को दिल्ली के एक अस्पताल में मृत्यु हो गयी थी. आरोप है कि ऊंची जाति के चार लोगों ने पीड़िता के साथ बलात्कार किया था.

मालूम हो कि एक गैर सरकारी संगठन सिटीजन फॉर जस्टिस ऐंड पीस नाम की संस्था ने भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर हाथरस में दलित लड़की के साथ हुए कथित सामूहिक दुष्कर्म के मामले की जांच सीबीआई को स्थानांतरित करने का निर्देश देने का अनुरोध किया था.

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने हाथरस मामले की सुनवाई करते हुए घटना को ‘स्तब्ध’ करनेवाला और ‘भयावह’ करार देते हुए कहा था कि वह सुनिश्चित करेगा कि ‘सुचारु’ जांच हो. शीर्ष अदालत ने उत्तर प्रदेश सरकार से मामले में गवाहों की सुरक्षा के संबंध में सवाल उठाये थे.

Posted By: Pawan Singh

Prabhat Khabar Digital Desk
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