Immigration and Foreigners Bill 2025: केंद्र सरकार ने आज यानी मंगलवार को लोकसभा में आप्रवासन और विदेशी नागरिकों के भारत में आने से संबंधित प्रावधान वाला एक खास विधेयक पेश किया. गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने यह विधेयक लोकसभा में प्रस्तुत किया. इस बिल का मकसद है देश में घुसपैठ और अवैध अप्रवास को रोकना. केंद्रीय गृ मंत्री अमित शाह की ओर से बोलते हुए गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय सदन को विधेयक से संबंधित जानकारी दी. उन्होंने कहा कि इसका मकसद किसी को देश में आने से रोकने का नहीं है, बल्कि इस बिल के जरिए ऐसी व्यवस्था करना है कि विदेशी भारत आएं वे यहां के नियमों का पालन करके ही आएं.
कांग्रेस ने किया जोरदार विरोध
कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों ने इस बिल का जोरदार विरोध किया. कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने नियमों का हवाला देते हुए विधेयक को पेश किए जाने का विरोध किया. उन्होंने दावा किया कि यह विधेयक कई मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है. तिवारी ने कहा कि इस विधेयक को वापस लिया जाए या फिर संयुक्त संसदीय समिति (JPC) के पास भेजा जाए ताकि इस पर गहन विचार-विमर्श किया जा सके. इस कड़ी में तृणमूल कांग्रेस के सांसद सौगत रॉय ने भी नियमों का हवाला देते हुए विधेयक को प्रस्तुत किए जाने का विरोध किया.
गृह राज्य मंत्री ने सवालों का दिया जवाब
गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने सदन में विपक्षी दलों के साल का जवाब दिया. उन्होंने कहा कि विपक्ष की ओर से विधायी क्षमता पर सवाल उठाया गया है, लेकिन यह विधेयक सदन की क्षमता के अंतर्गत लाया गया है. उन्होंने कहा कि यह विषय संविधान की सातवीं अनुसूची में आता है. किसी भी विदेशी के प्रवेश या प्रस्थान का आदेश देना सरकार का संप्रभु अधिकार है. उनका कहना था कि चार अधिनियमों-पासपोर्ट अधिनियम 1920, विदेशियों का पंजीकरण अधिनियम 1939, विदेशी अधिनियम 1946 और आप्रवास अधिनियम 2000 को निरस्त कर एक व्यापक अधिनियम बनाया जा रहा है.