27.9 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

पर्यटकों को आकर्षित कर रहा है कश्मीर में बसा ‘बांग्लादेश’, गांव की सुंदरता देख सैलानी हो रहे मंत्रमुग्ध

उत्तरी कश्मीर के बांदीपोरा जिले स्थित जुरिमांज गांव को कश्मीर का बांग्लादेश के नाम से भी जाना जाता है. इसकी सबसे बड़ी खासियत है यहां की प्राकृतिक सुंदरता. कश्मीर के शानदार वुलर झील के किनारे बसे इस आकर्षक गांव में कुदरत की हर नेमत मौजूद है.

Kashmir Bangladesh Village: कहते हैं जम्मू कश्मीर धरती का स्वर्ग है. यहां की सुंदरता देखने दुनिया भर से पर्यटक आते हैं. यहां के जर्रे-जर्रे में आकर्षण हैं. इसी कडी में अब एक और नाम जुड़ता जा रहा है जो धरती के इस स्वर्ग की न सिर्फ सुंदरता बढ़ा रहा है बल्कि धीरे-धीरे पर्यटकों का पसंदीदा जगह भी बनता जा रहा है. न्यूज एजेंसी एएनआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक, वुलर झील के किनारे बसा यह ऐसा गांव जो आकर्षण का केन्द्र बनता जा रहा है. इस गांव को कश्मीर का बांग्लादेश के नाम से भी जाना जाता है.

कश्मीर के बांग्लादेश में प्रकृति के अद्भुत नजारे: उत्तरी कश्मीर के बांदीपोरा जिले स्थित जुरिमांज गांव को कश्मीर का बांग्लादेश के नाम से भी जाना जाता है. इसकी सबसे बड़ी खासियत है यहां की प्राकृतिक सुंदरता. कश्मीर के शानदार वुलर झील के किनारे बसे इस आकर्षक गांव में कुदरत की हर नेमत मौजूद है. आश्चर्यजनक प्राकृतिक सुंदरता और शांत वातावरण इसी सुंदरता को कई गुना बढ़ा देते हैं. दूर-दूर से पर्यटक इसे देखने आ रहे हैं.

पर्यटकों को आकर्षित कर रही है प्राकृतिक सुंदरता: न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, दक्षिण एशिया में मीठे पानी की सबसे बड़ी झीलों में से एक वुलर झील के पास बसे इस गांव में आने वाले पर्यटकों के लिए नौका विहार, फिशिंग और बर्डवॉचिंग समेत कई और चीजें मौजूद हैं. इनसबके अलावा यह जगह बेहद खूबसूरत है. पूरे भारत से पर्यटक इसकी सुंदरता देखने के लिए गांव में आ रहे हैं.

स्थानीय लोग पर्यटकों के आने से काफी खुश: इस गांव में पर्यटकों की बढ़ी चिलचस्पी से स्थानीय लोग काफी खुश हैं. ग्रामीणों का कहना है कि अगर सरकार इस गांव में और बेहतर सुविधाएं देती है और गांव का विकास करती है तो और अधिक पर्यटक जूरीमांज गांव आएंगे. वहीं, यहां आने वाले पर्यटकों का कहना है कि यहां का नजारा अद्भुत हैं. उन्होंने कहा कि गांव को और विकसित किया जाये तो आने वाले समय में पर्यटकों के आने का सिलसिला बढ़ेगा. 

Also Read: स्वदेशीकरण के लिए 928 रक्षा सामानों के आयात पर प्रतिबंध, घरेलू रक्षा उद्योग को बढ़ावा देने की कवायद

Pritish Sahay
Pritish Sahay
12 वर्षों से टीवी पत्रकारिता और डिजिटल मीडिया में सेवाएं दे रहा हूं. रांची विश्वविद्यालय के पत्रकारिता विभाग से पढ़ाई की है. राजनीतिक, अंतरराष्ट्रीय विषयों के साथ-साथ विज्ञान और ब्रह्मांड विषयों पर रुचि है. बीते छह वर्षों से प्रभात खबर.कॉम के लिए काम कर रहा हूं. इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में काम करने के बाद डिजिटल जर्नलिज्म का अनुभव काफी अच्छा रहा है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel