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Joshimath Crisis: आपदा के कगार पर ‘बद्रीनाथ का द्वार’ जोशीमठ, घर-दुकान और सड़कों पर दरारें

Joshimath Crisis Today Updates: जोशीमठ में लोग डरे हुए हैं. घर, मकान, दुकान और सड़कों पर दरारें लगातार बढ़ती ही जा रही हैं. कभी भी, कहीं भी, किसी भी जगह पर नयी दरारें उभर रही हैं. जानें ताजा हाल

Joshimath Crisis: बद्रीनाथ, हेमकुंड साहिब और अंतरराष्ट्रीय स्कीइंग स्थल औली जैसे प्रसिद्ध स्थलों का प्रवेश द्वार जोशीमठ आपदा के कगार पर खड़ा है. आदि गुरु शंकराचार्य की तपोभूमि के रूप में जाना जाने वाला जोशीमठ धीरे-धीरे दरक रहा है और इसके घरों, सड़कों तथा खेतों में बड़ी-बड़ी दरारें आ रही हैं. स्थानीय लोगों ने कहा कि कई घर धंस गये हैं. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जोखिम वाले घरों में रह रहे 600 परिवारों को तत्काल अन्यत्र भेजे जाने का आदेश दिया है. जोशीमठ में शुक्रवार की शाम एक मंदिर के ढह जाने से वहां के निवासी चिंतित हैं, जो एक साल से अधिक समय से अपने-अपने घरों की बड़ी दरार वाली दीवारों के बीच लगातार भय के साये में जी रहे हैं.

सतह के नीचे पानी का बेतरतीब ढंग से हो रहा रिसाव

जोशीमठ के तमाम हिस्सों से सतह के नीचे पानी का बेतरतीब ढंग से हो रहा रिसाव है. इसका कोई एक सिरा नहीं है. जोशीमठ वासियों को रात में घरों के फर्श के नीचे पानी बहने की आवाजें आ रही हैं. वे बुरी तरह डरे हुए हैं. विशेषज्ञों की टीम दिनभर शहर में हो रहे सुराखों की पड़ताल करते रहे, लेकिन उन्हें कोई सुराग नहीं मिला कि आखिर जमीन के नीचे ये पानी आ कहां से आ रहा है.

जोशीमठ में लोग डरे

जोशीमठ में लोग डरे हुए हैं. घर, मकान, दुकान और सड़कों पर दरारें लगातार बढ़ती ही जा रही हैं. कभी भी, कहीं भी, किसी भी जगह पर नयी दरारें उभर रही हैं, और ये दरारें छोटी नहीं हैं, ये दरारें डराने वाली हैं. बांस के खंभे की मदद से और रस्सी बांध कर अपने-अपने घरों को सहारा दे रहे हैं. सरकार द्वारा अन्यत्र बसाये जाने की मुहिम के बाद लोगों के ऊपर अपने घर के छूट जाने का संकट है. इसका दर्द उन्हें घर छोड़ने से रोक रहा है.

विस्थापितों को छह माह तक सरकार देगी किराया

सीएम धामी ने भू-धंसान को लेकर शुक्रवार को एक उच्चस्तरीय बैठक की. इसमें विस्थापितों को अगले छह महीने तक किराया देने का निर्णय लिया गया है. इसके अलावा उन्हें हर महीने 4,000 रुपये आर्थिक सहायता भी दी जायेगी.

पीएमओ राहत कार्यों की लगातार ले रहा खबर

जोशीमठ के हालात पर प्रधानमंत्री कार्यालय की भी नजर है. पीएमओ पल-पल राहत कार्यों की जानकारी ले रहा है. सीएम धामी ने शहर में आपदा कंट्रोलरूम शुरू करने को कहा है, जो पल-पल की निगरानी करेगा.

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एनटीपीसी समेत दो बड़े प्रोजेक्ट पर रोक

जोशीमठ में एनटीपीसी के सभी काम तत्काल प्रभाव से रोक दिये गये हैं. हेलंग बाइपास का काम भी रोक दिया गया है और नगरपालिका क्षेत्र में हो रहे सभी निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी गयी है.

50 साल पहले चेताया था

पिछले साल एक अंग्रेजी अखबार ने खुलासा किया था कि लगभग 50 साल पहले ही जोशीमठ के डूबने की चेतावनी दे दी गयी थी. इसके लिए अखबार ने 1976 की मुकेश मिश्रा समिति की रिपोर्ट को आधार बनाया था. इसमें किसी भी भारी निर्माण कार्य पर सख्त रोक लगाने की भी अनुशंसा की गयी थी.

2021 में धंसने का संकेत

घरों में दिखायी देने वाली दरारें पहली बार 2021 में राष्ट्रीय सुर्खियां तब बनीं, जब चमोली में आये विनाशकारी बाढ़ व भूस्खलन से कई और भूस्खलन हुए. लोगों ने अपने घरों को सहारा देने के लिए उनके नीचे लकड़ी के खंभों को लगाना शुरू कर दिया.

2022 में बनी विशेषज्ञ टीम

2022 में भी उत्तराखंड सरकार ने एक विशेषज्ञ दल का गठन किया था. इस दल ने पाया कि मानव निर्मित और प्राकृतिक कारकों से जोशीमठ के कई इलाके डूब रहे हैं. दल ने पाया कि धंसाव की वजह उसके नीचे की सतह या मिट्टी के हटने से हो रहा है.

Prabhat Khabar Digital Desk
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