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Kisan Andolan 2021: पीएम मोदी को किसान संगठनों ने लिखा पत्र, कहा- किसानों की मांग पर गंभीरत से विचार करे सरकार

Kisan Andolan, Farmer Movement, Farm Law, Letter to PM Modi: तीन कृषि कानून के खिलाफ चल रहा किसानों का आंदोलन (Kisan Andolan) एक बार फिर चर्चा में आ गया है. संयुक्त किसान मोर्चा ने पीएम मोदी को पत्र लिखा है. अपने पत्र में मोर्चा ने पीएम मोदी से कृषि कानूनों (Farm Laws) फिर से चर्चा शुरू करने की अपील की है.

Kisan Andolan, Farmer Movement, Farm Law, Letter to PM Modi: तीन कृषि कानून के खिलाफ चल रहा किसानों का आंदोलन (Kisan Andolan) एक बार फिर चर्चा में आ गया है. संयुक्त किसान मोर्चा ने पीएम मोदी को पत्र लिखा है. अपने पत्र में मोर्चा ने पीएम मोदी से कृषि कानूनों (Farm Laws) फिर से चर्चा शुरू करने की अपील की है. बता दें, केन्द्र के तीन कृषि कानूनों को खिलाफ किसान साल 2020 के नवंबर से ही दिल्ली बार्डर पर आंदोलन कर रहे हैं.

पत्र में कई पहलुओं का जिक्रः किसान संयुक्त मोर्चा की ओर से लिखी गई चिट्ठी में आंदोलन के कई पहलुओं का जिक्र किया गया है. इसमें सरकार के अहंकारी रवैये का भी जिक्र किया गया है. किसानों का कहना है कि वो नहीं चाहते कि कोरोना महामारी का कोई भी प्रदर्शनकारी किसान शिकार बने. और वो भविष्य को देखते हुएआंदोलन भी नहीं छोड़ सकते. ऐसे में फिर से बातचीत से कोई रास्ता निकल सका तो कई महीनों से जारी किसानों का आंदोलन खत्म हो जाएगा.

कई राउंड की वार्ता हो चुकी है विफलः किसानों ने एक बार फिर पीएम मोदी से बातचीत की अपील की है. हालांकि, इससे पहले किसान और सरकार के बीच कई राउंड की बातचीत हुई है, लेकिन हर बार वार्ता बेनतीजा रही है. ऐसे में एक बार किसान मोर्चा बातचीत की शुरूआत करना चाहता है. किसान अपनी मांग पर अड़े हैं, और सरकार किसान कोनून को किसी कीमत पर निरस्त करना नहीं चाहती.

22 जनवरी को हुई थी आखिरी दौर की बातचीतः कई महीनों से किसानों का आंदोलन जारीहै. कड़ाके की सर्दी, भीषण गर्मी, कोरोना महामारी को झेलते हुए किसान अपनी मांग पर अड़े हैं. किसान और सरकार के बीच अबतक 11 दौर की बातचीत हो चुकी है. अंतिम बार दोनों पक्षों के बीच बातचीत 22 जनवरी को हुई थी. लेकिन कोई सहमती नहीं बन पाई. इसके बाद से किसान तो आईंदोलन पर डटे हैं, लेकिन सरकार से कोई बातचीत नहीं हो पाई है.

मोर्चा ने पत्र में कहा है कि, सरकार बातचीत करके समस्या का समाधान निकाले. वहीं किसानों ने फिर से तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग दोहराई है. और एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) का कानून बनाने की बात कही है. किसानों ने कहा है कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में सरकार को किसानों की मांग पर गंभीरता से विचार करना चाहिए.

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Posted by: Pritish sahay

Prabhat Khabar Digital Desk
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