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RSS के 5 नेताओं को PFI से जान का खतरा, गृह मंत्रालय ने Y श्रेणी की सुरक्षा देने का किया फैसला

गृह मंत्रालय ने एनआईए और इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) की रिपोर्ट के आधार पर यह फैसला लिया है. आरएसएस नेताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अर्धसैनिक बलों के कमांडो को तैनात किया जाएगा.

प्रतिबंधित कट्टरपंथी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया से संभावित खतरे की चेतावनी के बाद गृह मंत्रालय ने पांच आरएसएस नेताओं को उच्च श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की है. जानकारी के अनुसार, एनआईए द्वारा छापेमारी के दौरान पीएफआई के एक सदस्य के घर पर एक पर्ची मिली थी, जिसमें पीएफआई के निशाने पर पांच आरएसएस के नेताओं का नाम दर्ज थे. गृह मंत्रालय ने यह फैसला खुफिया रिपोर्टों के आधार पर की है.

पीएफआई से RSS नेताओं को जान का खतरा

रांष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा बीते 22 सितंबर से देशभर में पीएफआई के ठिकानों पर छापेमारी के बाद गृह मंत्रालय ने 5 साल के लिए प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी. मंत्रालय के इस फैसले के बाद आरएसएस नेताओं को पीएफआई से जान का खतरा मानते हुए उन्हें उच्च श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सभी आरएसएस नेता दक्षिण भारत के बताए जा रहे हैं.

एनआईए और आईबी  ने सौंपी थी रिपोर्ट

गृह मंत्रालय ने एनआईए और इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) की रिपोर्ट के आधार पर यह फैसला लिया है. आरएसएस नेताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अर्धसैनिक बलों के कमांडो को तैनात किया जाएगा. सुरक्षा में कुल 11 कर्मी तैनात रहेंगे. इनमें स्थिर ड्यूटी के लिए पांच और व्यक्तिगत सुरक्षा के लिए छह सुरक्षा कर्मी तैनात रहेंगे.

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पीएफआई के 100 से अधिक नेता गिरफ्तार

केंद्र सरकार ने पिछले दिनों पीएफआई और उसके सहयोगियों पर सुरक्षा और आतंकी संबंधों का हवाला देते हुए पांच साल के लिए प्रतिबंध लगाया है. पीएफआई और उसके नौ संगठनों पर सरकार ने गैरकानूनी घोषित किया है. वहीं, पीएफआई के 100 से अधिक नेताओं और कार्यकर्ताओं पर यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया गया है. बता दें कि जांच एजेंसियों ने संगठन के सदस्यों को गिरफ्तार करने के बाद उनकी संपत्ति और खातों को फ्रीज कर दिया है.

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Piyush Pandey
Piyush Pandey
Senior Journalist, tech enthusiast, having over 10 years of rich experience in print and digital journalism with a good eye for writing across various domains.

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