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OBC आरक्षण में हो सकता है क्रांतिकारी बदलाव संविधान के 127वें संशोधन बिल को लोकसभा ने दी मंजूरी

ओबीसी संविधान संशोधन बिल पर संसद में अच्छी चर्चा हुई. यह बिल लोकसभा में सोमवार को पेश किया गया था. बिल पर सदन में बहुत ही शांतिपूर्ण वातावरण में चर्चा हुई और विपक्ष ने भी बिल का समर्थन किया.

लोकसभा ने ओबीसी से संबंधित संविधान के 127वें संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी है. इस विधेयक के संसद के दोनों सदनों से पारित होने और राष्ट्रपति की मंजूरी मिल जाने के बाद राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को यह अधिकार होगा कि वे अपने हिसाब से ओबीसी कैटेगरी का लिस्ट तैयार करें. इस बिल को समर्थन देने के लिए विपक्ष के दल भी सहमत हो गये थे जिसकी वजह से संविधान संशोधन का 127वां बिल लोकसभा से दो तिहाई बहुमत से पारित हो गया.

ओबीसी संविधान संशोधन बिल पर संसद में अच्छी चर्चा हुई. यह बिल लोकसभा में सोमवार को पेश किया गया था. बिल पर सदन में बहुत ही शांतिपूर्ण वातावरण में चर्चा हुई और विपक्ष ने भी बिल का समर्थन किया.

चर्चा के दौरान यह कहा गया कि इस विधेयक के कानून बन जाने के बाद ओबीसी का लिस्ट राज्य की तरफ से बनाया जायेगा, जिससे कुछ जातियों को ओबीसी कैटेगरी में शामिल करने का विवाद निपट जायेगा. मराठा और जाट जातियों को ओबीसी में शामिल करने की मांग काफी समय से उठ रही है. वर्तमान में केंद्र सरकार यह तय करती है कि कौन सी जाति ओबीसी कैटेगरी में आयेगी और कौन सी नहीं, लेकिन इस विधेयक के पारित होने के बाद राज्यों को यह अधिकार मिल जायेगा कि वे अपने हिसाब से ओबीसी की लिस्ट तैयार करें.

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बिल के समर्थन में 385 वोट, विरोध में नहीं पड़ा कोई वोट

लोकसभा में इस संविधान संशोधन विधेयक पर मतविभाजन के दौरान पक्ष में 385 मत पड़े जबकि विरोध में कोई वोट नहीं पड़ा. नियम के अनुरूप संविधान संशोधन विधेयक के रूप में इसे सदन के कुल सदस्यों की संख्या के बहुमत द्वारा या सभा में उपस्थित एवं मत देने वाले सदस्यों के कम से कम दो तिहाई बहुमत से पारित होना जरूरी था. सदन ने इस बिल को दो तिहाई बहुमत से पारित कर दिया गया है.

मंत्री ने कहा बिल को विपक्ष मिला समर्थन स्वागतयोग्य

सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ वीरेंद्र कुमार ने लोकसभा में कहा कि अन्य पिछड़ा वर्ग से संबंधित संविधान संशोधन विधेयक को विपक्ष ने जिस तरह का समर्थन दिया था वह स्वागतयोग्य है. चर्चा के दौरान सत्ता पक्ष के साथ विपक्ष ने भी यह विचार व्यक्त किया कि यह विधेयक ओबीसी के हितों को पूरा करने वाला है और इससे प्रत्येक राज्य अपने यहां ओबीसी जातियों के संदर्भ में निर्णय ले सकेंगे.

विपक्ष ने आरक्षण को 50 प्रतिशत से बढ़ाने की मांग की

बिल पर चर्चा के दौरान विपक्ष ने सरकार के सामने यह मांग भी रखी कि आरक्षण को 50 प्रतिशत से बढ़ाने की कोशिश की जानी चाहिए, ताकि समाज के हर वर्ग को विकास का अवसर मिले. अखिलेश यादव ने चर्चा के दौरान कहा कि आरक्षण को 50 प्रतिशत से अधिक करना चाहिए, तभी इसका लाभ मिल पायेगा. अखिलेश यादव ने जातिगत जनगणना के आंकड़ों को सार्वजनिक करने की मांग भी की.

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Posted By : Rajneesh Anand

Prabhat Khabar Digital Desk
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