Swahid Smarak Kshetra: गुवाहाटी के पश्चिम बोरगांव में बन रहे स्वाहिद स्मारक क्षेत्र परियोजना पर असम के समझौता कार्यान्वयन मंत्री अतुल बोरा का बयान सामने आया है. मीडिया से बातचीत में उन्होंने बताया कि परियोजना के पहले चरण में 95 करोड़ रुपये की लागत का कार्य पूरा हो चुका है. मुख्य प्रतिमा भवन जो दुनिया की छठी सबसे ऊंची प्रतिमा भवन होगी, उसका निर्माण भी पूरा हो चुका है. असम के आंदोलन में शहीद होने वालों की 860 प्रतिमाएं ग्राउंड फ्लोर पर स्थापित की जाएंगी, जिसे हॉल ऑफ फेम कहा जाएगा. दूसरे चरण का कार्य भी प्रगति पर है.
कैसा बनेगा स्वाहिद स्मारक क्षेत्र ?
स्वाहिद स्मारक क्षेत्र में इमारतों के साथ-साथ एक डेमोंस्ट्रेशन हॉल भी तैयार किया जाएगा, जिसमें शहीदों के चित्रों को रखा जाएगा. मेडिटेशन हॉल और 51.6 मीटर की ऊंचाई पर एक व्यू पॉइंट भी बनाया जाएगा. एथनिक फूड कोर्ट जैसी सुविधाओं समेत साउंड और लाइट सिस्टम को भी लगाया जाएगा. हालांकि, स्वाहिद स्मारक क्षेत्र पूरी तरह कब बनकर तैयार होगा, इसकी जानकारी नहीं दी गई है.
आंदोलन का महत्व
स्वाहिद स्मारक क्षेत्र असम आंदोलन में दिए गए बलिदानों के सम्मान में तैयार किया जा रहा है. 1979 से 1985 तक चलने वाला यह आंदोलन असम के इतिहास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. इस आंदोलन को विदेशी नागरिकों और घुसपैठियों के खिलाफ शुरू हुआ था, जिसमें 1971 के बाद आए प्रवासियों की नागरिकता रद्द करने की मांग की गई थी. आंदोलन के दौरान कई घटनाएं हुईं, जिसमें हजारों लोगों की जान चली गई थी. अंत में वर्ष 1985 में भारत सरकार और आंदोलनकारियों के बीच समझौता हुआ, जिसमें 1971 के बाद आए प्रवासियों को विदेशी माना गया.